Animal Prevention Act 2017
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एनिमल प्रिवेंशन एक्ट को चुनौती देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई दो हफ्ते टली
पिछली सुनवाई में SC ने इस मामले में केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन पर सवाल उठाया था. मुख्य न्यायाधीश (CJI) एसए बोबडे ने कहा था कि कुत्तों-बिल्लियों को छोड़कर बहुत से जानवर बहुत से लोगों की आजीविका के स्रोत हैं, आप इसे इस तरह नहीं छीन ले जा सकते. यह धारा 29 के विरूद्ध है, आपके नियम विरोधाभासी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इशारा किया था कि वो इन नियमों पर रोक लगा सकता है.
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एनीमल प्रिवेंशन एक्ट पर SC की दोटूक, 'नियमों में विसंगति, ये सजा के पहले ही जानवरों को दूर ले जाने की देते हैं इजाजत'
Animal prevention act 2017 को चुनौती देने के मामले में CJIने कहा है कि आपका कानून पक्का विश्वास होने से पहले ही जानवर को ले जाने की इजाज़त देता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिक्री और जब्ती में अंतर है. जब बिक्री होती है तब आय अर्जित होती है.जानवरों की जब्ती के बारे में चिंतित हैं और असली मालिक से जानवर को कब्जे में ले लिया जा रहा है .
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पशु क्रूरता निरोधक नियमों पर SC की दोटूक, 'जानवर लोगों की आजीविका के स्रोत, इस तरह नहीं छीन सकते'
Animal prevention act: सुप्रीम कोर्ट, बुफेलो ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें 2017 के नोटिफिकेशन की वैधता को चुनौती दी गई है जिसमें अधिकारियों को मवेशियों के परिवहन में प्रयुक्त वाहनों को जब्त करने और पशुओं को 'गौशाला' (गौ आश्रय गृह) भेजने की अनुमति दी गई है. जुलाई 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.
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एनिमल प्रिवेंशन एक्ट को चुनौती देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई दो हफ्ते टली
पिछली सुनवाई में SC ने इस मामले में केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन पर सवाल उठाया था. मुख्य न्यायाधीश (CJI) एसए बोबडे ने कहा था कि कुत्तों-बिल्लियों को छोड़कर बहुत से जानवर बहुत से लोगों की आजीविका के स्रोत हैं, आप इसे इस तरह नहीं छीन ले जा सकते. यह धारा 29 के विरूद्ध है, आपके नियम विरोधाभासी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इशारा किया था कि वो इन नियमों पर रोक लगा सकता है.
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