Anil Baijail
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LG ने दिल्ली सरकार को बिना बताए किए तीन अफसरों के ट्रांसफर, 'आप' ने कही यह बात...
- Tuesday July 10, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच एक बार फिर से शक्तियों को लेकर विवाद गहरा गया है. ताजा विवाद एलजी अनिल बैजल द्वारा तीन आईएएस अफसरों के तबादले के बाद उपजा है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा उपराज्यपाल का अधिकार भूमि, पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था तक सीमित करने के फैसले के कुछ दिन बाद यह घटनाक्रम हुआ है.
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केंद्र की मोदी सरकार को शिवसेना की सलाह, अरविंद केजरीवाल को काम करने दें...
- Friday July 6, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
शिवसेना ने कहा कि केंद्र को दिल्ली में 'आप' सरकार के साथ सहयोग करना चाहिए और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को काम करने की इजाजत देनी चाहिए. दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल (एलजी) के बीच शक्तियों के बंटवारे के विषय पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आम आदमी पार्टी के पक्ष में आने के बाद शिवसेना का यह बयान आया है. शिवसेना ने कहा कि एलजी और आप सरकार के बीच तकरार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यदि चाहते तो उप राज्यपाल को नियंत्रित कर सकते थे. शीर्ष न्ययालय ने दो दिन पहले एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि एलजी निर्वाचित सरकार की सलाह पर काम करने के लिए बाध्य हैं और वह बाधक नहीं बन सकते हैं.
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LG से मिलने के बाद बोले केजरीवाल - अगर केंद्र सरकार SC का ऑर्डर नहीं मानेगी तो देश में अराजकता फैल जाएगी
- Friday July 6, 2018
- Reported by: शरद शर्मा, Written by: परिणय कुमार
ट्रांसफर-पोस्टिंग के मसले पर दिल्ली सरकार और एलजी के बीच टकराव अब भी जारी है. कल सर्विसेज़ विभाग ने केजरीवाल सरकार का आदेश मानने से इनकार कर दिया था इसके बाद केजरीवाल एलजी से समय लेकर आज उनसे मिलने पहुंचे थे, लेकिन सूत्रों का कहना है कि ट्रांसफ़र-पोस्टिंग के मुद्दे पर कोई बात नहीं बनी. एलजी अनिल बैजल सर्विसेज़ पर AAP की मांग से असहमत हैं. सूत्रों के मुताबिक एलजी ने केजरीवाल से कहा कि जब तक कोर्ट अलग से नहीं कहता वो सर्विसेज़ विभाग को सरकार के हवाले नहीं कर सकते.
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दिल्ली में अधिकारों को लेकर खींचतान अब ख़त्म होगी?
- Wednesday July 4, 2018
- रवीश कुमार
दिल्ली को राज्य तो नहीं मिला मगर कौन राज करेगा उसका हिसाब आज साफ हो गया. लेफ्टिनेंट गवर्नर के सहारे दिल्ली सरकार न चलने देने का जो खेल दो साल से चला है, उस खेल को सही ठहराने के तमाम तर्कों के कंकाल आपको टीवी चैनलों के आर्काइव में मिल जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले से भले कुछ न बदले ऐसा कहने वाले वही कह सकते हैं, जिन्हें अब भी भरोसा है कि कभी विधायकों की सदस्यता खत्म करने की चाल से तो कभी गवर्नर के बहाने दिल्ली में खेल अब भी खेला जाएगा. फिर भी लंबे समय के लिए दिल्ली के संवैधानिक आसमान पर छाई धुंध छंट गई है. अब दिल्ली का वक्त इस सवाल को लेकर बर्बाद नहीं होगा कि मुख्यमंत्री सरकार चलाएंगे या लेफ्टिनेंट गवर्नर.
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नारायणसामी को उम्मीद - तौरतरीके बदलेंगी किरण बेदी, यह फैसला पुडुचेरी पर भी लागू होता है
- Wednesday July 4, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
उपराज्यपाल किरण बेदी के साथ विवाद में शामिल पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने निर्वाचित सरकार की शक्तियों पर उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि यह फैसला इस केंद्र शासित प्रदेश पर भी 'पूरी तरह लागू' होता है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने चेतावनी दी कि अगर उपराज्यपाल ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार काम नहीं किया तो वह अवमानना की याचिका दायर करेंगे.
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LG vs दिल्ली सरकार: जानिए किस बात से शुरू हई थी रस्साकशी और कब क्या हुआ?
- Wednesday July 4, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने मुख्य फैसले में कहा कि चुनी हुई सरकार लोकतंत्र में अहम है, इसलिए मंत्री-परिषद के पास फैसले लेने का अधिकार है. पीठ ने यह भी कहा कि एलजी के पास कोई स्वतंत्र अधिकार नहीं है. संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला दिया कि हर मामले में LG की सहमति जरूरी नहीं, लेकिन कैबिनेट को फैसलों की जानकारी देनी होगी.
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केजरीवाल सरकार की बड़ी जीत, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- एलजी के पास कोई स्वतंत्र अधिकार नहीं
- Wednesday July 4, 2018
- भाषा
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की, अधिकारों की रस्साकशी के मामले में आज आप सरकार को उच्चतम न्यायालय में बहुत ही महत्वपूर्ण सफलता मिली. न्यायालय की संविधान पीठ ने व्यवस्था दी कि उपराज्यपाल को फैसले लेने का कोई स्वतंत्र अधिकार नहीं है और वह निर्वाचित सरकार की सलाह से काम करने के लिए बाध्य हैं. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति के निर्णय में कहा, ‘निरंकुशता और अराजकता के लिये कोई जगह नहीं है.
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दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामला: LG दिल्ली के 'बॉस' नहीं, पढ़ें सुप्रीम कोर्ट का पूरा फैसला
- Wednesday July 4, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुनाया. दिल्ली सरकार बनाम एलजी के बहुप्रतिक्षित मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि दिल्ली की बॉस चुनी हुई सरकार है, एलजी नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एलजी की मनमानी नहीं चलेगी और हर मामले में फैसले से पहले एलजी की सहमति की जरूरत नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार अहम है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया कि हर मामले में LG की सहमति जरूरी नहीं है, लेकिन कैबिनेट को फैसलों की जानकारी देनी होगी.
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दिल्ली सरकार बनाम LG मामला: सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में एलजी को कही ये 10 बडी़ बातें
- Wednesday July 4, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एलजी की मनमानी नहीं चलेगी और हर मामले में फैसले से पहले एलजी की सहमति की जरूरत नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार अहम है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कर दिया कि दिल्ली के असली बॉस एलजी नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार ही है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दिल्ली सरकार और एलजी को लेकर कई सारी बातें कहीं. चलिए जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में एलजी को क्या-क्या कहा है.
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दिल्ली सरकार Vs एलजी मामला: सुप्रीम कोर्ट का फैसला- LG की नहीं, 'AAP' की दिल्ली, सरकार ही असली 'बॉस'
- Wednesday July 4, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुनाया. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने मुख्य फैसले में कहा कि चुनी हुई सरकार लोकतंत्र में अहम है, इसलिए मंत्रीपरिषद के पास फैसले लेने का अधिकार है. संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला दिया कि हर मामले में LG की सहमति जरूरी नहीं, लेकिन कैबिनेट को फैसलों की जानकारी देनी होगी. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा, हमने सभी पहलुओं - संविधान, 239एए की व्याख्या, मंत्रिपरिषद की शक्तियां आदि - पर गौर किया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कर दिया है कि दिल्ली की असली बॉस चुनी हुई सरकार ही है यानी दिल्ली सरकार. बता दें कि दिल्ली सरकार बनाम उप राज्यपाल के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 11 याचिकाएं दाखिल हुई थीं. 6 दिसंबर 2017 को मामले में पांच जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रखा था.
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LG ने दिल्ली सरकार को बिना बताए किए तीन अफसरों के ट्रांसफर, 'आप' ने कही यह बात...
- Tuesday July 10, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच एक बार फिर से शक्तियों को लेकर विवाद गहरा गया है. ताजा विवाद एलजी अनिल बैजल द्वारा तीन आईएएस अफसरों के तबादले के बाद उपजा है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा उपराज्यपाल का अधिकार भूमि, पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था तक सीमित करने के फैसले के कुछ दिन बाद यह घटनाक्रम हुआ है.
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केंद्र की मोदी सरकार को शिवसेना की सलाह, अरविंद केजरीवाल को काम करने दें...
- Friday July 6, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
शिवसेना ने कहा कि केंद्र को दिल्ली में 'आप' सरकार के साथ सहयोग करना चाहिए और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को काम करने की इजाजत देनी चाहिए. दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल (एलजी) के बीच शक्तियों के बंटवारे के विषय पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आम आदमी पार्टी के पक्ष में आने के बाद शिवसेना का यह बयान आया है. शिवसेना ने कहा कि एलजी और आप सरकार के बीच तकरार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यदि चाहते तो उप राज्यपाल को नियंत्रित कर सकते थे. शीर्ष न्ययालय ने दो दिन पहले एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि एलजी निर्वाचित सरकार की सलाह पर काम करने के लिए बाध्य हैं और वह बाधक नहीं बन सकते हैं.
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LG से मिलने के बाद बोले केजरीवाल - अगर केंद्र सरकार SC का ऑर्डर नहीं मानेगी तो देश में अराजकता फैल जाएगी
- Friday July 6, 2018
- Reported by: शरद शर्मा, Written by: परिणय कुमार
ट्रांसफर-पोस्टिंग के मसले पर दिल्ली सरकार और एलजी के बीच टकराव अब भी जारी है. कल सर्विसेज़ विभाग ने केजरीवाल सरकार का आदेश मानने से इनकार कर दिया था इसके बाद केजरीवाल एलजी से समय लेकर आज उनसे मिलने पहुंचे थे, लेकिन सूत्रों का कहना है कि ट्रांसफ़र-पोस्टिंग के मुद्दे पर कोई बात नहीं बनी. एलजी अनिल बैजल सर्विसेज़ पर AAP की मांग से असहमत हैं. सूत्रों के मुताबिक एलजी ने केजरीवाल से कहा कि जब तक कोर्ट अलग से नहीं कहता वो सर्विसेज़ विभाग को सरकार के हवाले नहीं कर सकते.
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दिल्ली में अधिकारों को लेकर खींचतान अब ख़त्म होगी?
- Wednesday July 4, 2018
- रवीश कुमार
दिल्ली को राज्य तो नहीं मिला मगर कौन राज करेगा उसका हिसाब आज साफ हो गया. लेफ्टिनेंट गवर्नर के सहारे दिल्ली सरकार न चलने देने का जो खेल दो साल से चला है, उस खेल को सही ठहराने के तमाम तर्कों के कंकाल आपको टीवी चैनलों के आर्काइव में मिल जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले से भले कुछ न बदले ऐसा कहने वाले वही कह सकते हैं, जिन्हें अब भी भरोसा है कि कभी विधायकों की सदस्यता खत्म करने की चाल से तो कभी गवर्नर के बहाने दिल्ली में खेल अब भी खेला जाएगा. फिर भी लंबे समय के लिए दिल्ली के संवैधानिक आसमान पर छाई धुंध छंट गई है. अब दिल्ली का वक्त इस सवाल को लेकर बर्बाद नहीं होगा कि मुख्यमंत्री सरकार चलाएंगे या लेफ्टिनेंट गवर्नर.
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नारायणसामी को उम्मीद - तौरतरीके बदलेंगी किरण बेदी, यह फैसला पुडुचेरी पर भी लागू होता है
- Wednesday July 4, 2018
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उपराज्यपाल किरण बेदी के साथ विवाद में शामिल पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने निर्वाचित सरकार की शक्तियों पर उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि यह फैसला इस केंद्र शासित प्रदेश पर भी 'पूरी तरह लागू' होता है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने चेतावनी दी कि अगर उपराज्यपाल ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार काम नहीं किया तो वह अवमानना की याचिका दायर करेंगे.
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LG vs दिल्ली सरकार: जानिए किस बात से शुरू हई थी रस्साकशी और कब क्या हुआ?
- Wednesday July 4, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने मुख्य फैसले में कहा कि चुनी हुई सरकार लोकतंत्र में अहम है, इसलिए मंत्री-परिषद के पास फैसले लेने का अधिकार है. पीठ ने यह भी कहा कि एलजी के पास कोई स्वतंत्र अधिकार नहीं है. संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला दिया कि हर मामले में LG की सहमति जरूरी नहीं, लेकिन कैबिनेट को फैसलों की जानकारी देनी होगी.
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केजरीवाल सरकार की बड़ी जीत, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- एलजी के पास कोई स्वतंत्र अधिकार नहीं
- Wednesday July 4, 2018
- भाषा
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की, अधिकारों की रस्साकशी के मामले में आज आप सरकार को उच्चतम न्यायालय में बहुत ही महत्वपूर्ण सफलता मिली. न्यायालय की संविधान पीठ ने व्यवस्था दी कि उपराज्यपाल को फैसले लेने का कोई स्वतंत्र अधिकार नहीं है और वह निर्वाचित सरकार की सलाह से काम करने के लिए बाध्य हैं. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति के निर्णय में कहा, ‘निरंकुशता और अराजकता के लिये कोई जगह नहीं है.
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दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामला: LG दिल्ली के 'बॉस' नहीं, पढ़ें सुप्रीम कोर्ट का पूरा फैसला
- Wednesday July 4, 2018
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दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुनाया. दिल्ली सरकार बनाम एलजी के बहुप्रतिक्षित मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि दिल्ली की बॉस चुनी हुई सरकार है, एलजी नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एलजी की मनमानी नहीं चलेगी और हर मामले में फैसले से पहले एलजी की सहमति की जरूरत नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार अहम है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया कि हर मामले में LG की सहमति जरूरी नहीं है, लेकिन कैबिनेट को फैसलों की जानकारी देनी होगी.
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दिल्ली सरकार बनाम LG मामला: सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में एलजी को कही ये 10 बडी़ बातें
- Wednesday July 4, 2018
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दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एलजी की मनमानी नहीं चलेगी और हर मामले में फैसले से पहले एलजी की सहमति की जरूरत नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार अहम है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कर दिया कि दिल्ली के असली बॉस एलजी नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार ही है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दिल्ली सरकार और एलजी को लेकर कई सारी बातें कहीं. चलिए जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में एलजी को क्या-क्या कहा है.
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दिल्ली सरकार Vs एलजी मामला: सुप्रीम कोर्ट का फैसला- LG की नहीं, 'AAP' की दिल्ली, सरकार ही असली 'बॉस'
- Wednesday July 4, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुनाया. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने मुख्य फैसले में कहा कि चुनी हुई सरकार लोकतंत्र में अहम है, इसलिए मंत्रीपरिषद के पास फैसले लेने का अधिकार है. संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला दिया कि हर मामले में LG की सहमति जरूरी नहीं, लेकिन कैबिनेट को फैसलों की जानकारी देनी होगी. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा, हमने सभी पहलुओं - संविधान, 239एए की व्याख्या, मंत्रिपरिषद की शक्तियां आदि - पर गौर किया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कर दिया है कि दिल्ली की असली बॉस चुनी हुई सरकार ही है यानी दिल्ली सरकार. बता दें कि दिल्ली सरकार बनाम उप राज्यपाल के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 11 याचिकाएं दाखिल हुई थीं. 6 दिसंबर 2017 को मामले में पांच जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रखा था.
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