Amish Tripathi Book
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अमीश त्रिपाठी ने फेसबुक पर की पहली कथेतर किताब की घोषणा
- Wednesday July 26, 2017
- Reported by: IANS, Edited by: अनिता शर्मा
अमीश त्रिपाठी ने अपनी पहली कथेतर किताब 'इम्मोर्टल इंडिया' को जारी करने की घोषणा की है. त्रिपाठी ने लाइव फेसबुक सत्र के दौरान यह घोषणा की.
- ndtv.in
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लेखक अमीश त्रिपाठी ने किया खुलासा, बताया-क्यों बढ़ गया उनका वजन
- Monday March 27, 2017
- Edited by: सुमित राय
मशहूर भारतीय लेखक अमीश त्रिपाठी ने खुलासा किया है कि वे लेखन करते समय क्रीम बिस्कुट खाते हैं जिससे उनका वजन बढ़ गया है. शायद यही वजह है कि हर बार जब भी वह नयी किताब के लिए कलम लेकर बैठते हैं तो उनका वजन बढ़ जाता है.
- ndtv.in
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सिर्फ सिर झुकाकर आदेश माने वाली पत्नी नहीं थी ‘सीता’
- Thursday March 23, 2017
- Edited by: शिखा शर्मा
अमीश त्रिपाठी का मानना है कि सीता कोई सिर झुकाकर आदेश पालन करने वाली पत्नी नहीं थी जैसा कि टीवी धारावाहिकों और लोकप्रिय साहित्यों में उन्हें अक्सर चित्रित किया गया है बल्कि वह एक योद्धा थीं. ‘शिव रचना त्रय’ के लेखक त्रिपाठी इसके बजाय सीता को एक योद्धा राजकुमारी के तौर पर देखते हैं जो गोद ली हुई एक बेटी के दर्जे से एक योद्धा राजकुमारी और आखिरकार देवी बनने तक कई चुनौतियों का सामना करती हैं.
- ndtv.in
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अमीश त्रिपाठी ने फेसबुक पर की पहली कथेतर किताब की घोषणा
- Wednesday July 26, 2017
- Reported by: IANS, Edited by: अनिता शर्मा
अमीश त्रिपाठी ने अपनी पहली कथेतर किताब 'इम्मोर्टल इंडिया' को जारी करने की घोषणा की है. त्रिपाठी ने लाइव फेसबुक सत्र के दौरान यह घोषणा की.
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लेखक अमीश त्रिपाठी ने किया खुलासा, बताया-क्यों बढ़ गया उनका वजन
- Monday March 27, 2017
- Edited by: सुमित राय
मशहूर भारतीय लेखक अमीश त्रिपाठी ने खुलासा किया है कि वे लेखन करते समय क्रीम बिस्कुट खाते हैं जिससे उनका वजन बढ़ गया है. शायद यही वजह है कि हर बार जब भी वह नयी किताब के लिए कलम लेकर बैठते हैं तो उनका वजन बढ़ जाता है.
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सिर्फ सिर झुकाकर आदेश माने वाली पत्नी नहीं थी ‘सीता’
- Thursday March 23, 2017
- Edited by: शिखा शर्मा
अमीश त्रिपाठी का मानना है कि सीता कोई सिर झुकाकर आदेश पालन करने वाली पत्नी नहीं थी जैसा कि टीवी धारावाहिकों और लोकप्रिय साहित्यों में उन्हें अक्सर चित्रित किया गया है बल्कि वह एक योद्धा थीं. ‘शिव रचना त्रय’ के लेखक त्रिपाठी इसके बजाय सीता को एक योद्धा राजकुमारी के तौर पर देखते हैं जो गोद ली हुई एक बेटी के दर्जे से एक योद्धा राजकुमारी और आखिरकार देवी बनने तक कई चुनौतियों का सामना करती हैं.
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