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जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई: अमरावती की झुग्गी बस्ती से सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस तक का सफर
- Wednesday May 14, 2025
जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने बुधवार को देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठने वाले वे अनुसूचित जाति के दूसरे व्यक्ति हैं. आइए देखते हैं कि कैसा रहा है उनका यहां तक का सफर.
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US सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से आती है अमेरिकी समाज में भीतर तक धंसे नस्लवाद की बू...
- Tuesday July 4, 2023
- Keyoor Pathak
पश्चिमी देशों के लिए यह अनिवार्य दायित्व था कि वह पश्चिम में नस्लीय विविधता को प्रोत्साहित करें, ताकि अतीत में उसके किये गए पापों के लिए उन्हें माफ़ किया जा सके. लेकिन...!
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क्या है एफ़रमेटिव एक्शन, जिसके ख़िलाफ़ US सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फ़ैसला...?
- Friday June 30, 2023
एफ़रमेटिव एक्शन का उद्देश्य चुनिंदा नस्लों और जातियों से जुड़े लोगों के ख़िलाफ़ सदियों से चले आ रहे पूर्वाग्रह का मुकाबला करना था. उच्च शिक्षा के संदर्भ में, एफ़रमेटिव एक्शन आमतौर पर यूनिवर्सिटी परिसर में अश्वेत, हिस्पैनिक और अन्य अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की तादाद बढ़ाने के उद्देश्य से प्रवेश नीतियों में इस्तेमाल किया जाता रहा है.
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US सुप्रीम कोर्ट ने खत्म किया यूनिवर्सिटी एडमिशन में नस्ल, जाति के आधार पर 'आरक्षण'
- Friday June 30, 2023
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यूनिवर्सिटी एडमिशन में नस्ल और जातीयता के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया. इससे दशकों सकारात्मक भेदभाव कही जाने वाली पुरानी प्रथा को बड़ा झटका लगा है. फैसले से अफ्रीकी-अमेरिकियों व अन्य अल्पसंख्यकों को शिक्षा के अवसरों के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने बहुमत की राय में लिखा, "छात्र के साथ एक व्यक्ति के रूप में उसके अनुभवों के आधार पर व्यवहार किया जाना चाहिए, नस्ल के आधार पर नहीं." कोर्ट के फैसले पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा, ''इसने हमें यह दिखाने का मौका दिया कि हम मेज पर एक सीट से कहीं अधिक योग्य हैं.''
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