Adultery Verdict
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व्यभिचार पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से दिया केंद्र सरकार को बड़ा झटका , ठुकरा दी दलील
- Thursday September 27, 2018
व्यभिचार के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला केंद्र सरकार को झटका देने वाला है.दरअसल व्यभिचार(एडल्टरी) कानून का मौजूदा मोदी सरकार ने समर्थन किया था. कानून खत्म होने को शादी जैसी संस्था के लिए खतरा बताया था.
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बहुमत से अलग जस्टिस नजीर बोले- व्यापक परीक्षण के बिना लिया गया फैसला, धार्मिक आस्था को ध्यान में रखकर विचार की ज़रूरत
- Thursday September 27, 2018
- NDTVKhabar News Desk
सुप्रीम कोर्ट ने ‘मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं’ के बारे में शीर्ष अदालत के 1994 के फैसले को फिर से विचार के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से गुरुवार को इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच में से 2-1 की बहुमत से यह फैसला लिया गया कि इस मामले को बड़ी बेंच के पास नहीं भेजा जाएगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह मामला अयोध्या जमीन विवाद से अलग है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर तीन जजों में से एक जस्टिस अब्दुल नजीर ने अन्य जजों की राय से अपनी असहमति जताई है. जस्टिस एस अब्दुल नजीर का कहना है कि बड़ी बेंच को भेजा जाना चाहिए था मामला.
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सुप्रीम कोर्ट बोला: व्यभिचार अपराध नहीं, पति, पत्नी का मालिक नहीं, पढ़ें इस मामले की पूरी टाइमलाइन
- Thursday September 27, 2018
- NDTVKhabar News Desk
सुप्रीम कोर्ट ने व्यभिचार कानून को रद्द कर दिया और अब से यह अपराध नहीं रहा. सुप्रीम कोर्ट की प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से व्यभिचार से संबंधित दंडात्मक प्रावधान को असंवैधानिक करार देते हुए उसे मनमाना और महिलाओं की व्यक्तिकता को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए निरस्त किया. मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा ने कहा, "व्यभिचार अपराध नहीं हो सकता. यह निजता का मामला है. पति, पत्नी का मालिक नहीं है. महिलाओं के साथ पुरूषों के समान ही व्यवहार किया जाना. इस मामले में हुई सुनवाई से संबंधित घटनाक्रम कुछ इस प्रकार रहा.
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Supreme Court verdict: इटली में रहने वाले इस शख्स ने उठाया था मुद्दा, तो सुप्रीम कोर्ट ने तोड़ा 158 साल पुराना व्यभिचार का कानून
- Thursday September 27, 2018
- Navneet Mishra
भारतीय मूल के इटली निवासी जोसेफ शाइन (Joseph Shine) ने व्यभिचार के मुद्दे को सबसे पहले उठाया था. व्यभिचार पर सिर्फ पुरुषों को दोषी मानने पर सवाल खड़े करते हुए आठ दिसंबर 2017 को शाइन ने सुप्रीम कोर्ट में आइपीसी की धारा 497 की वैधता को चुनौती दी.
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सुप्रीम कोर्ट के ये हैं 5 जज, जिन्होंने समलैंगिकता के बाद अब व्यभिचार को किया अपराध से बाहर
- Thursday September 27, 2018
- NDTVKhabar News Desk
158 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना फैसला सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने व्यभिचार को आपराधिक कृत्य बताने वाले दंडात्मक प्रावधान को सर्वसम्मति से निरस्त किया. सुप्रीम कोर्ट ने 157 साल पुराने व्यभिचार को रद्द कर दिया और कहा कि किसी पुरुष द्वारा विवाहित महिला से यौन संबंध बनाना अपराध नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि व्यभिचार कानून असंवैधानिक है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि व्यभिचार कानून मनमाना और भेदभावपूर्ण है. यह लैंगिक समानता के खिलाफ है. मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा के संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया है. बता दें कि इस पीठ ने ही धारा 377 पर अपना अहम फैसला सुनाया था. इससे पहले इसी बेंच ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से अलग किया था. तो चलिए जानते हैं उन पांचों जजों के बारे में...
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Supreme Court verdict on Adultery : चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा- महिला का मास्टर नहीं होता है पति , फैसले की 10 बातें
- Thursday September 27, 2018
- Ashish Bhargava
व्यभिचार कानून की वैधता (Supreme Court verdict on Adultery under Section 497) पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो भी कानून महिला को उसकी गरिमा से विपरीत या भेदभाव करता है वो संविधान के कोप को आमंत्रित करता है. ऐसे प्रावधान असंवैंधानिक है. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ के सामने मसला उठा था कि आइपीसी की धारा 497 ध अंसवैधानिक है या नहीं, क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को आरोपी बनाया जाता है, महिलाओं को नहीं. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा- महिला का मास्टर नहीं होता है पति. जानिए दस बातें
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158 साल पुराने व्यभिचार कानून को सुप्रीम कोर्ट ने किया रद्द, संविधान पीठ ने कहा- यह अपराध नहीं
- Thursday September 27, 2018
157 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Supreme Court verdict on Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)का फैसला गुरुवार को आएगा. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ तय करेगी कि यह धारा अंसवैधानिक है या नहीं, क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को आरोपी बनाया जाता है, महिलाओं को नहीं.
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व्यभिचार मामले पर सुप्रीम कोर्ट बोला- महिला के साथ गैरसमानता का बर्ताव करना असंवैधानिक
- Thursday September 27, 2018
- Ashish Bhargava
157 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Supreme Court verdict on Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला गुरुवार को आएगा. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ तय करेगी कि यह धारा अंसवैधानिक है या नहीं, क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को आरोपी बनाया जाता है, महिलाओं को नहीं.
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अयोध्या मामला: क्या मस्जिद में नमाज इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है? सुप्रीम कोर्ट आज करेगा तय, 10 अहम बातें
- Thursday September 27, 2018
आज राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद से संबंधित एक मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज गुरुवार को अहम फैसला सुनाएगा. राम जन्म भूमि - बाबरी मस्जिद मालिकाना हक विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के 1994 के फैसले पर बड़ी पीठ द्वारा पुनर्विचार करने की मांग करने वाली मुस्लिम समूह की याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट के अपना फैसला सुनाने की संभावना है. सुप्रीम कोर्ट आज तय करेगा कि 1994 के संविधान पीठ के फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत है या नहीं? दरअसल 1994 के फैसले में उस वक्त कहा था कि मस्जिद में नमाज इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है.
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व्यभिचार के मामले में महिला क्यों नहीं हो सकती आरोपी? सुप्रीम कोर्ट का फैसला गुरुवार को
- Wednesday September 26, 2018
157 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला गुरुवार को आएगा. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ तय करेगी कि यह धारा अंसवैधानिक है या नहीं, क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को आरोपी बनाया जाता है, महिलाओं को नहीं.
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व्यभिचार पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से दिया केंद्र सरकार को बड़ा झटका , ठुकरा दी दलील
- Thursday September 27, 2018
व्यभिचार के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला केंद्र सरकार को झटका देने वाला है.दरअसल व्यभिचार(एडल्टरी) कानून का मौजूदा मोदी सरकार ने समर्थन किया था. कानून खत्म होने को शादी जैसी संस्था के लिए खतरा बताया था.
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बहुमत से अलग जस्टिस नजीर बोले- व्यापक परीक्षण के बिना लिया गया फैसला, धार्मिक आस्था को ध्यान में रखकर विचार की ज़रूरत
- Thursday September 27, 2018
- NDTVKhabar News Desk
सुप्रीम कोर्ट ने ‘मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं’ के बारे में शीर्ष अदालत के 1994 के फैसले को फिर से विचार के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से गुरुवार को इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच में से 2-1 की बहुमत से यह फैसला लिया गया कि इस मामले को बड़ी बेंच के पास नहीं भेजा जाएगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह मामला अयोध्या जमीन विवाद से अलग है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर तीन जजों में से एक जस्टिस अब्दुल नजीर ने अन्य जजों की राय से अपनी असहमति जताई है. जस्टिस एस अब्दुल नजीर का कहना है कि बड़ी बेंच को भेजा जाना चाहिए था मामला.
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सुप्रीम कोर्ट बोला: व्यभिचार अपराध नहीं, पति, पत्नी का मालिक नहीं, पढ़ें इस मामले की पूरी टाइमलाइन
- Thursday September 27, 2018
- NDTVKhabar News Desk
सुप्रीम कोर्ट ने व्यभिचार कानून को रद्द कर दिया और अब से यह अपराध नहीं रहा. सुप्रीम कोर्ट की प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से व्यभिचार से संबंधित दंडात्मक प्रावधान को असंवैधानिक करार देते हुए उसे मनमाना और महिलाओं की व्यक्तिकता को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए निरस्त किया. मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा ने कहा, "व्यभिचार अपराध नहीं हो सकता. यह निजता का मामला है. पति, पत्नी का मालिक नहीं है. महिलाओं के साथ पुरूषों के समान ही व्यवहार किया जाना. इस मामले में हुई सुनवाई से संबंधित घटनाक्रम कुछ इस प्रकार रहा.
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Supreme Court verdict: इटली में रहने वाले इस शख्स ने उठाया था मुद्दा, तो सुप्रीम कोर्ट ने तोड़ा 158 साल पुराना व्यभिचार का कानून
- Thursday September 27, 2018
- Navneet Mishra
भारतीय मूल के इटली निवासी जोसेफ शाइन (Joseph Shine) ने व्यभिचार के मुद्दे को सबसे पहले उठाया था. व्यभिचार पर सिर्फ पुरुषों को दोषी मानने पर सवाल खड़े करते हुए आठ दिसंबर 2017 को शाइन ने सुप्रीम कोर्ट में आइपीसी की धारा 497 की वैधता को चुनौती दी.
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सुप्रीम कोर्ट के ये हैं 5 जज, जिन्होंने समलैंगिकता के बाद अब व्यभिचार को किया अपराध से बाहर
- Thursday September 27, 2018
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158 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना फैसला सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने व्यभिचार को आपराधिक कृत्य बताने वाले दंडात्मक प्रावधान को सर्वसम्मति से निरस्त किया. सुप्रीम कोर्ट ने 157 साल पुराने व्यभिचार को रद्द कर दिया और कहा कि किसी पुरुष द्वारा विवाहित महिला से यौन संबंध बनाना अपराध नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि व्यभिचार कानून असंवैधानिक है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि व्यभिचार कानून मनमाना और भेदभावपूर्ण है. यह लैंगिक समानता के खिलाफ है. मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा के संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया है. बता दें कि इस पीठ ने ही धारा 377 पर अपना अहम फैसला सुनाया था. इससे पहले इसी बेंच ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से अलग किया था. तो चलिए जानते हैं उन पांचों जजों के बारे में...
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Supreme Court verdict on Adultery : चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा- महिला का मास्टर नहीं होता है पति , फैसले की 10 बातें
- Thursday September 27, 2018
- Ashish Bhargava
व्यभिचार कानून की वैधता (Supreme Court verdict on Adultery under Section 497) पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो भी कानून महिला को उसकी गरिमा से विपरीत या भेदभाव करता है वो संविधान के कोप को आमंत्रित करता है. ऐसे प्रावधान असंवैंधानिक है. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ के सामने मसला उठा था कि आइपीसी की धारा 497 ध अंसवैधानिक है या नहीं, क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को आरोपी बनाया जाता है, महिलाओं को नहीं. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा- महिला का मास्टर नहीं होता है पति. जानिए दस बातें
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158 साल पुराने व्यभिचार कानून को सुप्रीम कोर्ट ने किया रद्द, संविधान पीठ ने कहा- यह अपराध नहीं
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157 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Supreme Court verdict on Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)का फैसला गुरुवार को आएगा. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ तय करेगी कि यह धारा अंसवैधानिक है या नहीं, क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को आरोपी बनाया जाता है, महिलाओं को नहीं.
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व्यभिचार मामले पर सुप्रीम कोर्ट बोला- महिला के साथ गैरसमानता का बर्ताव करना असंवैधानिक
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157 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Supreme Court verdict on Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला गुरुवार को आएगा. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ तय करेगी कि यह धारा अंसवैधानिक है या नहीं, क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को आरोपी बनाया जाता है, महिलाओं को नहीं.
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अयोध्या मामला: क्या मस्जिद में नमाज इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है? सुप्रीम कोर्ट आज करेगा तय, 10 अहम बातें
- Thursday September 27, 2018
आज राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद से संबंधित एक मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज गुरुवार को अहम फैसला सुनाएगा. राम जन्म भूमि - बाबरी मस्जिद मालिकाना हक विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के 1994 के फैसले पर बड़ी पीठ द्वारा पुनर्विचार करने की मांग करने वाली मुस्लिम समूह की याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट के अपना फैसला सुनाने की संभावना है. सुप्रीम कोर्ट आज तय करेगा कि 1994 के संविधान पीठ के फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत है या नहीं? दरअसल 1994 के फैसले में उस वक्त कहा था कि मस्जिद में नमाज इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है.
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व्यभिचार के मामले में महिला क्यों नहीं हो सकती आरोपी? सुप्रीम कोर्ट का फैसला गुरुवार को
- Wednesday September 26, 2018
157 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला गुरुवार को आएगा. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ तय करेगी कि यह धारा अंसवैधानिक है या नहीं, क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को आरोपी बनाया जाता है, महिलाओं को नहीं.
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