'Gandhi Peace Prize'

- 11 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Career | Written by: पूनम मिश्रा |शुक्रवार अक्टूबर 6, 2023 12:00 PM IST
    Nobel Peace Prize 2023: नोबेल शांति पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की इच्छा से स्थापित पांच नोबेल पुरस्कारों में से एक है. इस साल 6 अक्टूबर को नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता की घोषणा की जाएगी.
  • India | Reported by: भाषा |सोमवार जून 19, 2023 03:01 PM IST
    कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘‘2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गोरखपुर में गीता प्रेस को प्रदान किया जा रहा है, जो इस वर्ष अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है.’’ रमेश की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस को ‘हिन्दू विरोधी’ करार दिया और लोगों से सवाल किया कि गीता प्रेस पर उसके हमले से क्या कोई हैरान है?
  • India | Edited by: पीयूष |सोमवार जून 19, 2023 02:34 PM IST
    पीएम मोदी ने आज सुबह ट्वीट किया, "मैं गीता प्रेस, गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार 2021 से सम्मानित किए जाने पर बधाई देता हूं. उन्होंने लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन को आगे बढ़ाने की दिशा में पिछले 100 वर्षों में सराहनीय काम किया है."
  • India | Reported by: अखिलेश शर्मा |रविवार जून 18, 2023 11:34 PM IST
    वर्ष 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को प्रदान किया जाएगा. गीता प्रेस को यह पुरस्कार 'अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में उत्कृष्ट योगदान' के लिए दिया जाएगा. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है.
  • India | Reported by: अखिलेश शर्मा |रविवार जून 18, 2023 10:39 PM IST
    वर्ष 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को प्रदान किया जाएगा. गीता प्रेस को यह पुरस्कार 'अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में उत्कृष्ट योगदान' के लिए दिया जाएगा. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है.
  • India | Reported by: भाषा |मंगलवार मार्च 23, 2021 01:17 AM IST
    गांधी शांति पुरस्कार से संबंधित जूरी की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की और भारत के प्रधान न्यायाधीश एवं लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता इसके दो पदेन सदस्य होते हैं. दो अन्य प्रतिष्ठित सदस्य - लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक - भी इस जूरी का हिस्सा हैं. 
  • Career | Written by: अर्चित गुप्ता |बुधवार अक्टूबर 2, 2019 11:00 AM IST
    Gandhi Jayanti 2019: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) पूरी दुनिया में सत्य और अहिंसा के पुजारी के रूप में जाने जाते हैं. अहिंसा के बल पर देश को अंग्रेजों के शासन से आजाद कराने वाले बापू ने देश में शांति बनाए रखने के लिए क्या कुछ नहीं किया. गांधी जी (Mahatma Gandhi) 20वीं सदी में अहिंसा के सबसे बड़े प्रतीक बने और यही कारण रहा है कि उन्हें कई बार शांति का नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया. गांधी जी सन 1937, 1938, 1939, 1947 और 1948 में शांति का नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) के लिए नॉमिनेट हुए. लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि उन्हें एक बार भी नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिला. Nobelprize.org पर दी गई जानकारी के मुताबिक 1937 में पहली बार नॉर्वे की संसद “स्टॉर्टिंग” के लेबर पार्टी सदस्य ओले कोल्बजोर्नसन ने गांधी (Gandhi) का नाम सुझाया था.
  • World | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार फ़रवरी 21, 2019 03:00 PM IST
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल पहुंचे. पीएम मोदी ने दक्षिण कोरिया के योनसेई विश्वविद्यालय में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया.
  • Career | अर्चित गुप्ता |बुधवार जनवरी 30, 2019 04:45 PM IST
    महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को पूरी दुनिया में अहिंसा के सबसे बड़े पुजारी के रूप में जाना जाता है. अहिंसा के बल पर देश को आजादी दिलाने वाले गांधी जी (Gandhi ji) को 5 बार शांति के नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) के लिए नामित किया गया था. लेकिन बापू को 1 बार भी शांति पुरस्कार नहीं दिया गया. महात्मा गांधी  को शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए पहली बार 1937 में नामिक किया गया था. Nobelprize.org पर दी गई जानकारी के मुताबिक 1937 में पहली बार नॉर्वे की संसद “स्टॉर्टिंग” के लेबर पार्टी सदस्य ओले कोल्बजोर्नसन ने एमके गांधी का नाम सुझाया था.
  • India | Reported by: AP, Translated by: कुसुम लता |रविवार अक्टूबर 2, 2016 11:38 AM IST
    नोबेल पुरस्कारों के जनक अल्फ्रेड नोबेल चाहते थे कि इस पुरस्कार से ऐसे लोगों का सम्मान किया जाए जिनके आविष्कार और काम की वजह से समाज में महान परिवर्तन आया हो. लेकिन कई बार ऐसा भी हुआ जब पुरस्कार पर सवाल भी उठे. आइए डालते हैं एक नज़र...
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