टेक्नोलॉजी की दुनिया में भारतीय जुड़वां भाइयों का कमाल

टेक्नोलॉजी की दुनिया में भारतीय जुड़वां भाइयों का कमाल

कुरियन बंधुओं की फाइल फोटो

नई दिल्ली:

जॉर्ज कूरियन और थॉमस कूरियन, देखने में दोनों जुड़वां भाई आम शख्स की तरह ही नजर आते हैं, लेकिन इन दोनों ने अपनी मेहनत और लगन से कामयाबी का वह इतिहास बनाया है, जो किसी सपने के पूरा होने जैसा ही है।
 
जॉर्ज कूरियन 6 अरब डॉलर की कंप्यूटर स्टोरेज एवं डाटा मैनेजमेंट कंपनी नेटएप के सीईओ नियुक्त किए गए हैं, जबकि उनके जुड़वां भाई थॉमस कूरियन कंप्यूटर की बड़ी कंपनी ओरेकल के प्रेसीडेंट हैं।
 
दोनों भाई कामयाबी के शिखर पर एक साथ हैं। दोनों ने बैंगलुरु के सैंट जोसेफ ब्वॉयज स्कूल से अपनी पढ़ाई शुरू की थी। बाद में दोनों का चयन आईआईटी मद्रास के लिए हुआ। इसके महज छह महीने बाद ही दोनों को अमेरिका के प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में दाखिला मिल गया।
 
वैसे मूल रूप से कूरियन भाइयों का परिवार केरल के कोट्टायम जिले के छोटे से कस्बे पैमपडे से है, लेकिन इनके पिता बैंगलुरु के ग्रेफाइट इंडिया के जनरल मैनेजर थे।   
 
17 साल की उम्र में 1986 में दोनों भाई अमेरिका पहुंच गए। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए थॉमस ने बीई इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की परीक्षा में सबसे उच्च डिस्टिंक्शन अंक हासिल किए तो जुड़वां भाई जॉर्ज कुछ अंकों से दूसरे स्थान पर रहे। इसके बाद दोनों भाइयों ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से प्रबंधन की डिग्री हासिल की।
 
इसके बाद धीमे-धीमे दोनों भाइयों ने कॉरपोरेट दुनिया में अपने कदम टिकाने शुरू कर दिए। थॉमस ओरेकल ज्वाइन करने से पहले मैकेंजी एंड कंपनी में काम करते थे। मैकेंजी के साथ दोनो भाई लंदन, ब्रूसेल्स और सैन फ्रांसिस्को जैसे शहरों में सॉफ्टवेयर, टेली कम्युनिकेशंस और फाइनेंसियल सर्विस का काम देखते थे।

प्रॉडक्ट मैनेजमेंट और डेवलपमेंट की जिम्मेदारी से उन्होंने ओरेकल में अपना सफर शुरू किया। 2008 में उन्होंने ओरेकल के नेक्स्ट जेनरेशन बिजनेस एप्लीकेशन की जिम्मेदारी संभाली और इसके बाद वे ओरेकल प्रॉडक्ट डेवलपमेंट के अध्यक्ष बने।
 
वहीं दूसरी ओर जॉर्ज कूरियन नेट एप के सीईओ बनने से पहले इसी कंपनी में प्रॉडक्ट ऑपरेशन के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट थे। वे इस ऐप की डेवलपमेंट की रणनीति और सोल्यूशंस पोर्टफोलियो की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वे नेट एप से अप्रैल, 2011 में जुड़े थे।

इससे पहले जॉर्ज सिस्को सिस्टम के साथ वाइस प्रेसीडेंट और जनरल मैनेजर की भूमिका निभा रहे थे। सिस्को के वीडियो, वाइस, डाटा से जुड़े प्रॉडक्ट और सोल्यूशंस विकसित करने का काम जॉर्ज की देख-रेख में हुआ। इससे पहले वे अकामाई टेक्नालॉजी के वाइस प्रेसीडेंट रह चुके थे। मैकेंजी एंड कंपनी में वे मैनेजमेंट कंसलटेंट की भूमिका निभा चुके थे।
 
वैसे कूरियन बंधु का पूरा परिवार ही प्रतिभाशाली परिवार रहा है। जुड़वां भाइयों के अलावा दो अन्य कूरियन भाई हैं, जो बेहद कामयाब हैं।

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परिवार के सबसे बड़े भाई हैं कि जैकब कूरियन। 59 साल के कूरियन बेंगलुरु में रहते हैं। एनआईटी त्रिचूर से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने एक्सएलआरआई जमशेदपुर से एमबीए किया है। टाटा इंडस्ट्रीज़ में वे चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर रह चुके हैं और तनिष्क ज्वैलरी ब्रैंड की कामयाबी में उनका अहम योगदान रहा है। इन दिनों वे प्राइवेट इक्विटी फर्म न्यू सिल्क रूट एडवाइजर्स के पार्टनर और फास्ट फूड चेन के सीईओ हैं।
 
दूसरे भाई मैथ्यू कूरियन ब्रिटेन के शेफील्ड में बाल रोग विशेषज्ञ हैं। चार भाइयों में तीन इंजीनियर और एक डॉक्टर। इसकी वजह बताते हुए जैकब कहते हैं कि मैथ्यू ने समाजवादी सोच के चलते मेडिसिन को अपनाया। यही वजह है कि मैथ्यू प्राइवेट हेल्थ केयर की जगह सरकारी चिकित्सक की नौकरी कर रहे हैं।