फेसबुक ऑस्ट्रेलिया की सरकारी एजेंसी के साथ मिलकर 'रिवेंज पॉर्न' को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रहा है.
नई दिल्ली:
कई बार ऐसा होता है कि रिलेशनशिप में गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड एक-दूसरे की इंटीमेट फोटो शेयर कर देते हैं. लेकिन ब्रेकअप के बाद डर होता है कि कहीं सामने वाला ये फोटो वायरल न कर दे. फिल्मों और सीरियल्स में भी कई ऐसी कहानिया दिखाई जाती है. जहां रिलेशनशिप खत्म होने के बाद फोटो या वीडियो के जरिए सामने वाला ब्लैकमेल करता है. जो असल जिंदगी में भी होता है. लेकिन, फेसबुक ऑस्ट्रेलिया की सरकारी एजेंसी के साथ मिलकर 'रिवेंज पॉर्न' को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रहा है. अगर ये टेस्ट सफल हो गया तो फोटो वायरल होना काफी हद तक खत्म हो सकता है.
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ऐसे रुकेंगी वायरल होने से फोटो
फेसबुक ने 'रिवेंज पॉर्न 'को रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया की सरकारी एजेंसी ई-सेफ्टी से हाथ मिलाया है. पार्टनरशिप में दोनों अश्लील फोटो और रिवेंज पॉर्न रोकने का प्रयास कर रहे हैं. फिलहाल इसकी टेस्टिंग चल रही है.ऑस्ट्रेलियन फाइनेंस की रिव्यू रिपोर्ट के मुताबिक अगर किसी यूजर को खुद की फोटो को वायरल होने का डर है तो उसे ऑस्ट्रेलिया के ई-सेफ्टी कमिश्नर से मिलना पड़ेगा.जो आपसे अश्लील फोटो खुद ही के फेसबुक मैसेंजर पर डालने को कहेगा. ऐसा करने पर फेसबुक उस फोटो का डिजिटल फिंगरप्रिंट तैयार कर लेगा. उसे नॉन-कॉन्सेंसुअल एक्सप्लिसिट मीडिया यानी किसी की इच्छा के बिना ली गई फोटो को अब्यूसिव मीडिया फाइल मान लिया जाएगा. आपको बता दें, अब्यूसिव मीडिया फाइल में आने के बाद फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया साइट खुद ही पोस्ट, फोटो या वीडियो को हटा लेती है.
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होगा 'हैश' टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
ई-सेफ्टी कमिश्नर ने इसे डिटेल में समझाते हुए कहा है कि सबसे पहले यूजर को फोटो अपने ही फेसबुक मैसेंजर पर डालनी होगी. फिर फेसबुक 'हैश' टेक्नॉलजी की मदद से डिजिटल फिंगरप्रिंट बना देगा. जिसके बाद अगर ये फोटो कोई शेयर करेगा या करेगी तो फेसबुक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और फोटो मैचिंग टेक्नोलॉजी की मदद से फोटो को शेयर करने से रोक लेगा यही नहीं जिसने फोटो शेयर करने की कोशिश की है वो भी ब्लॉक हो जाएगा.
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अमेरिका परेशान है 'रिवेंज पॉर्न' से
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिकी 'रिवेंज पॉर्न' से सबसे ज्यादा परेशान है. यहां 4 फीसदी लोग रिवेंज पॉर्न का शिकार हैं. इनमें सबसे ज्यादा महिलाएं शामिल हैं. भारत में भी कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं. जब किसी ने किसी का वीडियो या फोटो वायरल कर दी हो. ऐसे में दुनिया को इस टेक्नोलॉजी का बेसब्री से इंतेजार होगा. फिलहाल ये टेस्टिंग ऑस्ट्रेलिया में चल रही है. अगर ये सफल होता है तो दूसरे देशों में भी इसकी शुरुआत हो जाएगी.
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ऐसे रुकेंगी वायरल होने से फोटो
फेसबुक ने 'रिवेंज पॉर्न 'को रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया की सरकारी एजेंसी ई-सेफ्टी से हाथ मिलाया है. पार्टनरशिप में दोनों अश्लील फोटो और रिवेंज पॉर्न रोकने का प्रयास कर रहे हैं. फिलहाल इसकी टेस्टिंग चल रही है.ऑस्ट्रेलियन फाइनेंस की रिव्यू रिपोर्ट के मुताबिक अगर किसी यूजर को खुद की फोटो को वायरल होने का डर है तो उसे ऑस्ट्रेलिया के ई-सेफ्टी कमिश्नर से मिलना पड़ेगा.जो आपसे अश्लील फोटो खुद ही के फेसबुक मैसेंजर पर डालने को कहेगा. ऐसा करने पर फेसबुक उस फोटो का डिजिटल फिंगरप्रिंट तैयार कर लेगा. उसे नॉन-कॉन्सेंसुअल एक्सप्लिसिट मीडिया यानी किसी की इच्छा के बिना ली गई फोटो को अब्यूसिव मीडिया फाइल मान लिया जाएगा. आपको बता दें, अब्यूसिव मीडिया फाइल में आने के बाद फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया साइट खुद ही पोस्ट, फोटो या वीडियो को हटा लेती है.
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होगा 'हैश' टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
ई-सेफ्टी कमिश्नर ने इसे डिटेल में समझाते हुए कहा है कि सबसे पहले यूजर को फोटो अपने ही फेसबुक मैसेंजर पर डालनी होगी. फिर फेसबुक 'हैश' टेक्नॉलजी की मदद से डिजिटल फिंगरप्रिंट बना देगा. जिसके बाद अगर ये फोटो कोई शेयर करेगा या करेगी तो फेसबुक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और फोटो मैचिंग टेक्नोलॉजी की मदद से फोटो को शेयर करने से रोक लेगा यही नहीं जिसने फोटो शेयर करने की कोशिश की है वो भी ब्लॉक हो जाएगा.
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अमेरिका परेशान है 'रिवेंज पॉर्न' से
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिकी 'रिवेंज पॉर्न' से सबसे ज्यादा परेशान है. यहां 4 फीसदी लोग रिवेंज पॉर्न का शिकार हैं. इनमें सबसे ज्यादा महिलाएं शामिल हैं. भारत में भी कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं. जब किसी ने किसी का वीडियो या फोटो वायरल कर दी हो. ऐसे में दुनिया को इस टेक्नोलॉजी का बेसब्री से इंतेजार होगा. फिलहाल ये टेस्टिंग ऑस्ट्रेलिया में चल रही है. अगर ये सफल होता है तो दूसरे देशों में भी इसकी शुरुआत हो जाएगी.
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