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This Article is From Aug 07, 2015

कहीं आपके अगले स्मार्टफोन पर हैकर की नज़र तो नहीं?

कहीं आपके अगले स्मार्टफोन पर हैकर की नज़र तो नहीं?
नए स्मार्टफोन में हैकिंग का खतरा बढ़ता जा रहा है
लास वेगास: स्मार्टफोन बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच कुछ नया करने की कोशिश लगातार जारी है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि 'कंप्यूटर हैकिंग' करने वाले इन नए स्मार्टफोन में लगने वाले सुरक्षा संबंधी साफ्टवेयर में सेंध लगाने की कोशिश में हैं। स्मार्टफोन साइबर अपराधियों के निशाने पर हैं क्योंकि यूज़र्स इनमें अपनी ऐसी कई निजी सूचनाएं रखने लगे हैं जो उन्हें कभी भी काम आ सकती हैं।

इज़राइल के तेल अवीव की साइबर सुरक्षा कंपनी चेक पॉइंट साफ्टवेयर टैकनॉलॉजी के अवि बाशन ने अमेरिका में आयोजित कंप्यूटर सुरक्षा पर एक सम्मेलन के दौरान एजेंसी से कहा कि मोबाइल आज कारोबार और हमारे जीवन में काफी अहमियत रखते हैं। एक तरफ लोग इसका ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, वहीं हैकर की भी इन उपकरणों पर नज़र है। बाशन कहते हैं 'जैसे जैसे लोग मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल करते जा रहे हैं, वैसे ही उनमें हैकर्स की दिलचस्पी भी बढ़ रही है। चेक-पॉइंट ने देखा है कि एप्पल के आईओएस और गूगल समर्थित एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम पर तीन साल में कई हमले हो चुके हैं।'

बैक हैट फर्म के रिसर्चर ने बताया कि एंड्राइड हैंड सेट में पहले से फिट एक टूल का सहारा ले कर उसकी सुरक्षा भेदने का खतरा है। इस टूल को इसलिए लगाया गया है ताकि हैंडसेट को दूर बैठ कर भी संचालित किया जा सके।
चेक पॉइंट के मोबाइल थ्रेट (संकट) निवारण प्रभाग के निदेशक ओहाद बोब्रोव ने कहा कि सेंधमारी करने वाले स्मार्टफोन चलाने वालों को झांसा देकर कोई ऐसा ऐप डाउनलोड करवा सकते हैं जिससे वह सेट में पहले से लगे सहायक 'टूल' या सिस्टम से जुड़ सकें। ओहाद ने आगाह किया कि कुछ मामलों में तो हैकिंग टेक्स्ट मैसेज भेज कर भी की जा सकती है फिर संदेश प्राप्त करने वाला उसे खोले या न खोले। वैसे भी हैकिंग के लिए आप का नंबर पता होना ही काफी है। ओहाद ने कहा कि गूगल और स्मार्टफोन बनाने वालों को इस खामी की जानकारी दी जा चुकी है।

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