मुंबई:
निम्बस कम्युनिकेशंस को राहत देते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को तीन बैंकों को 2000 करोड़ रूपये की बैंक गारंटी जब्त करने से पहले चैनल को तीन दिन का नोटिस देने के लिये कहा। न्यायमूर्ति एस जे वजीफदार ने निम्बस की याचिका पर यह निर्देश दिया। भुगतान में डिफाल्ट के कारण बीसीसीआई ने बैंकों को गारंटी जब्त करने का नोटिस दिया था। बैंकों की ओर से वरिष्ठ वकील जनक द्वारकादास ने अदालत से कहा कि इस समय वे गारंटी जब्त करने को तैयार नहीं हैं। न्यायमूर्ति वजीफदार ने कहा, यदि बैंकों ने कहा है कि वे बीसीसीआई द्वारा गारंटी जब्त करने के लिये उन्हें दिये गए नोटिस पर अमल करने को बाध्य नहीं है लिहाजा अदालत को फिलहाल निम्बस की याचिका पर सुनवाई की जरूरत नहीं है। बैंक गारंटी जब्त करने का फैसला लेते हैं तो उन्हें निम्बस को तीन दिन का नोटिस देना होगा। नियो स्पोर्ट्स और नियो क्रिकेट चैनल के मालिक निम्बस ने प्रसारण करार रद्द करने के बीसीसीआई के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। निम्बस के वकील इकबाल चागला ने कहा, हम मानते हैं कि निम्बस ने समय पर भुगतान नहीं किया लेकिन हमने भुगतान के लिये समय मांगा था। उससे पहले ही बीसीसीआई ने करार रद्द कर दिया और बैंक गारंटी जब्त करने का फैसला किया। बीसीसीआई के वकील रफीक दादा ने अदालत को बताया कि करार के तहत निम्बस को भुगतान (137 करोड़) का 50 फीसदी छह नवंबर से शुरू हुई वेस्टइंडीज श्रृंखला से एक महीना पहले जमा करना था। दादा ने कहा, भुगतान सात अक्तूबर तक किया जाना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो बीसीसीआई ने 30 अक्तूबर को पत्र लिखकर निम्बस को इसकी सूचना दी।