Corporates | बुधवार दिसम्बर 23, 2020 10:50 PM IST ब्रिटिश कंपनी केयर्न एनर्जी ने बुधवार को कहा कि उसने भारत सरकार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत में जीत हासिल की है, और मध्यस्थता फोरम भारत सरकार को निर्देश में केयर्न एनर्जी को 1.4 अरब डॉलर देने को कहा है. तीन सदस्यीय न्यायाधिकरण, जिसमें एक सदस्य को भारत सरकार ने नामित किया था, ने आम सहमति से आदेश दिया कि 2006-07 में केयर्न के अपने भारतीय व्यापार के आंतरिक पुनर्गठन करने पर भारत सरकार द्वारा पूर्व प्रभाव से कर (रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स) के रूप में 10,247 करोड़ रुपये का दावा वैध नहीं है.