केरल : विधानसभा कैंटीन में विधायकों ने खाया बीफ, केंद्र के खिलाफ प्रस्ताव किया पारित

पशु बाजार में वध के लिये पशुओं की बिक्री से संबद्ध केंद्र के प्रतिबंध के मुद्दे पर चर्चा के लिये बुलाये गये केरल विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान गुरुवार को मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने केंद्र के फैसले का कड़ा विरोध किया.

केरल : विधानसभा कैंटीन में विधायकों ने खाया बीफ, केंद्र के खिलाफ प्रस्ताव किया पारित

केरल विधानसभा के विशेष सत्र की शुरुआत से पहले विधायकों ने कैंटीन में गर्मागरम बीफ खाया.

खास बातें

  • पशुओं की बिक्री पर प्रतिबंध पर चर्चा के लिए बुलाया गया विशेष सत्र
  • मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने केंद्र फैसले का कड़ा विरोध किया
  • सत्र की शुरुआत से पहले विधायकों ने कैंटीन में बीफ खाया
तिरुअनंतपुरम:

पशु बाजार में वध के लिये पशुओं की बिक्री से संबद्ध केंद्र के प्रतिबंध के मुद्दे पर चर्चा के लिये बुलाये गये केरल विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान गुरुवार को मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने केंद्र के फैसले का कड़ा विरोध किया. सत्र की शुरुआत से पहले विधायकों ने कैंटीन में गर्मागरम बीफ खाया. केरल एक अलावा तमिलनाडु, कर्नाटक और कुछ उत्तर-पूर्वी राज्य पशुओं की अवैध बिक्री पर केंद्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ हैं. केरल में इसका व्यापक पैमाने पर विरोध हो रहा है. 

विशेष सत्र में पेश एक प्रस्ताव में विजयन ने कहा कि प्रतिबंध ने केरल पर बहुत बुरा प्रभाव डाला है और इससे करीब पांच लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से हर साल करीब 15 लाख मवेशियों को केरल लाया जाता था और प्रतिबंध के चलते इनकी गतिविध प्रभावित हो रही हैं. उन्होंने बताया कि केरल में सालाना 6,552 करोड़ रुपये के करीब ढाई लाख टन मांस की बिक्री होती है. इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिये आय का स्रोत मांस निर्यात रहा है और इसके चलते यह भी प्रभावित हुआ है. 

विजयन ने कहा कि राज्य का मानना है कि पशुवध ऐसा विषय नहीं जो नियम बनाने के लिये सदन के दायरे में आता है. बीते 29 मई को विजयन ने सभी राज्यों के अपने समकक्ष मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर उनसे 'एकजुट' होने और पशुवध के लिये पशुओं की बिक्री पर प्रतिबंध का 'विरोध' करने तथा प्रधानमंत्री से नये नियमों को वापस लेने का अनुरोध करने के लिये कहा था.

मेघालय में बीफ पर मचा है बबाल
मेघालय में बीजेपी को एक और झटका लगा है. बीफ बैन के मुद्दे पर राज्य में एक हफ्ते के भीतर पार्टी के दूसरे बड़े नेता बच्चू मारक ने इस्तीफा दे दिया है. कुछ ही दिन पहले वेस्ट गारो हिल्स में पार्टी के जिला अध्यक्ष बर्नाड मारक ने भी बीफ़ बैन के मुद्दे पर इस्तीफ़ा दे दिया था. उधर, भाजपा ने सफाई देते हुए कहा था कि पार्टी मेघालय में गोमांस पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहती. 
(इनपुट भाषा से भी)
 


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com