अरुण जेटली और अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आयकर कानून में प्रस्तावित बदलाव के बारे में ‘तथ्यात्मक रूप से गलत’ बयान देने को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आज आलोचना की. उन्होंने कहा कि बैंकों में कालाधन जमा कराने वालों पर प्रस्तावित ऊंचे जुर्माने के नए प्रावधान आय की गलत सूचना देने के लिए 200 प्रतिशत जुर्माने के प्रावधान के अलावा हैं.
जेटली ने केजरीवाल के इस आरोप का जवाब ट्वीटर पर दिया जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा है कि मोदी सरकार ने काले धन पर जुर्माने को 200 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है.
जेटली ने लोकसभा में कल पारित किए गए विधेयक की विशेषता के बारे में ट्वीटर पर कहा, ‘‘धारा 270 ए के तहत आय की गलत जानकारी पर 200 प्रतिशत के जुर्माने के मौजूदा प्रावधान में कोई बदलाव नहीं हुआ है.’’ मौजूदा प्रावधान के तहत कर दाखिले में अघोषित नकदी पर केवल 30 प्रतिशत कर का प्रावधान था जिसे संशोधित कानून में बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने के साथ-साथ इस पर कर के 25 प्रतिशत के बराबर अधिभार एवं तीन प्रतिशत उपकर का प्रावधान किया गया है.
जेटली ने कहा, ‘‘इस प्रकार, अगर करदाता इसे आयकर रिटर्न में दिखाता है तो कुल 77 प्रतिशत कर होगा. अन्यथा कर और जुर्माना आय के 85 प्रतिशत तक देना होगा.
साथ ही तलाशी एवं जब्ती के लिए जुर्माना मौजूदा 10 और 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया गया है जबकि करदाता इसे स्वीकार करता है और रिटर्न में इसे दिखाता है. अन्यथा आय का 60 प्रतिशत जुर्माना होगा.
हाल में पेश प्रधानमंत्री गरीबी कल्याण योजना (जीकेवाई) में अघोषित आय की घोषणा करने पर कर, जुर्माना और अधिभार के रूप में 50 प्रतिशत तथा 25 प्रतिशत अघोषित आय को ब्याज मुक्त जमा में चार साल के लिए रखना होगा.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘कराधान कानून में प्रस्तावित बदलाव के बारे में अरविंद केजरीवाल ने तथ्यात्मक रूप से गलत बयान दिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आखिर पूर्व आईआरएस अधिकारी अरविंद केरजरीवाल कराधान कानून में तथ्यात्मक रूप से गलत जानकारी क्यों दे रहे हैं.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जेटली ने केजरीवाल के इस आरोप का जवाब ट्वीटर पर दिया जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा है कि मोदी सरकार ने काले धन पर जुर्माने को 200 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है.
जेटली ने लोकसभा में कल पारित किए गए विधेयक की विशेषता के बारे में ट्वीटर पर कहा, ‘‘धारा 270 ए के तहत आय की गलत जानकारी पर 200 प्रतिशत के जुर्माने के मौजूदा प्रावधान में कोई बदलाव नहीं हुआ है.’’ मौजूदा प्रावधान के तहत कर दाखिले में अघोषित नकदी पर केवल 30 प्रतिशत कर का प्रावधान था जिसे संशोधित कानून में बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने के साथ-साथ इस पर कर के 25 प्रतिशत के बराबर अधिभार एवं तीन प्रतिशत उपकर का प्रावधान किया गया है.
जेटली ने कहा, ‘‘इस प्रकार, अगर करदाता इसे आयकर रिटर्न में दिखाता है तो कुल 77 प्रतिशत कर होगा. अन्यथा कर और जुर्माना आय के 85 प्रतिशत तक देना होगा.
साथ ही तलाशी एवं जब्ती के लिए जुर्माना मौजूदा 10 और 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया गया है जबकि करदाता इसे स्वीकार करता है और रिटर्न में इसे दिखाता है. अन्यथा आय का 60 प्रतिशत जुर्माना होगा.
हाल में पेश प्रधानमंत्री गरीबी कल्याण योजना (जीकेवाई) में अघोषित आय की घोषणा करने पर कर, जुर्माना और अधिभार के रूप में 50 प्रतिशत तथा 25 प्रतिशत अघोषित आय को ब्याज मुक्त जमा में चार साल के लिए रखना होगा.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘कराधान कानून में प्रस्तावित बदलाव के बारे में अरविंद केजरीवाल ने तथ्यात्मक रूप से गलत बयान दिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आखिर पूर्व आईआरएस अधिकारी अरविंद केरजरीवाल कराधान कानून में तथ्यात्मक रूप से गलत जानकारी क्यों दे रहे हैं.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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