भारत की शीर्ष रेटेड महिला शतरंज खिलाड़ी कोनेरू हम्पी ने रविवार (भारतीय समयानुसार) को यहां 8.5/11 के साथ टूर्नामेंट समाप्त करते हुए अपना दूसरा विश्व रैपिड खिताब हासिल किया. उन्होंने मॉस्को में 2019 संस्करण में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता. वहीं कोनेरू हम्पी की इस जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी है और उनकी इस जीत को पीएम ने ऐतिहासिक बताया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व ट्वीटर) पर लिखा,"कोनेरू हम्पी को बधाई. 2024 फीडे महिला विश्व रैपिड चैम्पियनशिप जीतने पर. उनका धैर्य और प्रतिभा लाखों लोगों को प्रेरित करती रहती है. यह जीत और भी ऐतिहासिक है क्योंकि यह उनका दूसरा विश्व रैपिड चैंपियनशिप खिताब है, जिससे वह यह अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल करने वाली एकमात्र भारतीय बन गई हैं."
Congratulations to @humpy_koneru on winning the 2024 FIDE Women's World Rapid Championship! Her grit and brilliance continues to inspire millions.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 29, 2024
This victory is even more historic because it is her second world rapid championship title, thereby making her the only Indian to… https://t.co/MVxUcZimCc pic.twitter.com/nndIak2OvI
फाइनल, 11वें राउंड की शुरुआत में शीर्ष पर सात-तरफा मुकाबले में, कोनेरू जीत हासिल करने वाली एकमात्र खिलाड़ी के रूप में उभरीं. काले मोहरों से खेलते हुए, उन्होंने चुनौतीपूर्ण एंडगेम में इंडोनेशिया की अंतर्राष्ट्रीय मास्टर इरीन खारिस्मा सुकंदर को मात दी और शानदार अंदाज में खिताब अपने नाम किया.
होनेरू ने जीत के बाद कहा,"37 साल की उम्र में विश्व चैंपियन बनना आसान नहीं है. जब आप बूढ़े हो जाते हैं तो प्रेरणा बनाए रखना और ज़रूरत पड़ने पर तेज़ बने रहना काफ़ी मुश्किल होता है. मुझे खुशी है कि मैंने यह कर दिखाया."
उन्होंने कहा,"मैं दूसरी बार जीत कर बहुत खुश हूं. वास्तव में, मुझे इसकी बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी क्योंकि मैं अपना पहला राउंड गेम हार गई थी, और मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं विश्व चैंपियन के रूप में टूर्नामेंट खत्म कर पाउंगी. यह जीत बहुत ख़ास है. जब मैं अपने निचले स्तर पर होती हूं, तो मुझे लगता है कि इसने मुझे लड़ने और शतरंज पर फिर से काम करने के लिए प्रेरित किया."
कोनेरू की जीत 2024 में भारतीय शतरंज की शानदार सफलता में एक और उपलब्धि जोड़ती है, इससे पहले देश ने इस गर्मी में शतरंज ओलंपियाड में ओपन और महिला प्रतियोगिता दोनों में स्वर्ण पदक जीता था, और गुकेश डी ने शास्त्रीय शतरंज में विश्व चैंपियन का खिताब जीता था. होनेरू ने आगे कहा,"भारत के लिए यह सही समय है - हमारे पास गुकेश विश्व चैंपियन है और अब मुझे रैपिड इवेंट में दूसरा विश्व खिताब मिल गया है."
कोनेरू का शीर्ष पर पहुंचने का सफर चुपचाप शुरू हुआ, पहले दिन चार में से सिर्फ़ 2.5 अंक के साथ. हालांकि, दूसरे दिन के अंत तक, वह हमवतन हरिका द्रोणावल्ली और चीन की मौजूदा क्लासिकल विश्व चैंपियन जू वेनजुन के साथ संयुक्त रूप से पहले स्थान पर पहुंच गई.
फिडे की रिपोर्ट के अनुसार अंतिम दौर में प्रवेश करते हुए, लीडरबोर्ड में अभूतपूर्व सात-तरफा टाई दिखाई दी. कोनेरू के साथ-साथ - जू वेनजुन, हरिका द्रोणावल्ली, कैटरीना लैग्नो, टैन झोंगयी, इरीन खारिस्मा सुकंदर और उज्बेकिस्तान की अफरुजा खामदामोवा सभी के पास खिताब जीतने का मौका था."
टूर्नामेंट से पहले की पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक लैगनो ने इससे पहले नौवें राउंड में पूर्व विश्व चैंपियन एलेक्जेंड्रा कोस्टेनियुक को करारी शिकस्त दी थी, जबकि खामदामोवा ने ग्रैंडमास्टर एलिजाबेथ पैहत्ज़ को हराकर शीर्ष स्थान हासिल किया. कोनेरू के 8.5 अंकों ने उन्हें पहला स्थान दिलाया, जो छह खिलाड़ियों के समूह से आधा अंक आगे था, जो दूसरे स्थान पर बराबरी पर थे: जू वेनजुन, कैटरीना लैगनो, टैन झोंगयी, हरिका द्रोणावल्ली, एलेक्जेंड्रा कोस्टेनियुक और अफरुजा खामदामोवा. इस बीच, 18 वर्षीय वोलोडर मुर्ज़िन ने ओपन रैपिड जीतने वाले दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी के रूप में इतिहास रच दिया.
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