
World Badminton Championship: करोड़ों भारतीय खेलप्रेमियों का बड़ा सपना रविवार को उस समय चूर हो गया है, जब स्पेन में संपन्न हुई विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में भारत के किदांबी श्रीकांत पुरुषों के सिंगल्स वर्ग के फाइनल में हार गए.इसी के साथ ही किदांबी के हाथ से विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले सर्वकालिक पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बनने का मौका हाथ से निकल गया और उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा, जो शनिवार को ही उन्होंने सुनिश्चित कर कर लिया था. किदांबी से पहले प्रणीण ने लक्ष्य सेन ने इसी ही प्रतियोगिता में शनिवार को कांस्य पदक सुनिश्चित किया था, तो एस प्रणीत ने पिछले साल और साल 1983 में प्रकाश पादुकोण ने विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था. बहरहाल, श्रीकांत यह उपलब्धि भी बहुत बड़ी है और यह देश के युवाओं को बैडमिंटन खेल चुनने के लिए प्रेरित करेगी. श्रीकांत को सिंगापुर के लोह केन ने फाइनल मुकाबले में सीधे गेमों में 21-15, 22-20 से हराकर पहली बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया.
We are proud of you @srikidambi
— BAI Media (@BAI_Media) December 19, 2021
Congratulations on medal! #BWFWorldChampionships2021#Badminton pic.twitter.com/Tx8Hex8bjc
स्कोलाइन साफ दिखा रही है कि दूसरे गेम में श्रीकांत ने अच्छा मुकाबला किया, लेकिन वह गेम जीतने से कुछ ही दूर रह गए
???????? @srikidambi ends #BWFWorldChampionships2021 campaign as runner-up. Exceptional display of badminton throughout this tournament by him
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Proud of you champ, well done #WorldChampionships2021#Badminton pic.twitter.com/lAFUJn7AP2
श्रीकांत ने पहले गेम में अच्छी शुरुआत करते हुए 9-3 से बढ़त बना ली थी, लेकिन लेह ने गेम के बीच में जुझारू खेल दिखाते हुए न केवल बढ़त को खत्म कर दिया बल्कि गेम को 21-15 से जीतकर मुकाबले में 1-0 की बढ़त बना ली. यहां से दूसरे गेम में जोरदार खेल देखने को मिला.
दूसरे गेम में एक समय मुकाबला 14-14 की बराबरी पर था और श्रीकांत ने 14-16 और 18-16 भी किया, लेकिन लोह ने फिर से निर्णायक पलों में खेल का स्तर ऊंचा करते हुए स्कोर 20-20 से बराबर कर दिया और फिर इस गेम में बाजी 22-20 से अपने नाम करते हुए श्रीकांत के स्वर्ण पदक जीतने के सपने को भी लोह ने चूर कर दिया.
इससे पहले 28 साल के श्रीकांत ने भारत के ही लक्ष्य सेन को शनिवार को 17-21, 21-14, 21-17 से हराकर फाइनल में जगह बनाते हुए भारत के लिए रजत सुनिश्चित किया था. इस जीत के बाद करोड़ों भारतीय खेलप्रेमियों की आंखों में पहली बार किसी भारतीय पुरुष खिलाड़ी को इस मंच पर चैंपियन बनने का सपना पलने लगा था. बहरहाल, भारत के लिए इस बार पुरुष वर्ग में दो पदक आना बड़ी उपलब्धि रही. लक्ष्य सेन ने कांस्य, तो श्रीकांत ने रजत के साथ समापन किया.
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