भारत ने गुरुवार को चांगवन में चल रहे आईएसएसएफ निशानेबाजी वर्ल्ड कप (ISSF Shooting World Cup) में अपने निशानेबाजों के शानदार प्रदर्शन के बूते पदक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल किया. भारत (Team India) ने टूर्नामेंट में कुल आठ पदक - तीन स्वर्ण, चार रजत और एक कांस्य - से समापन किया जिससे पदक तालिका में वह मेजबान कोरिया और सर्बिया से काफी आगे रहा. दिन की शुरुआत शानदार तरीके से हुई जब अर्जुन बाबुता (Arjun Babuta), शाहू तुषार माने और पार्थ मखीजा ने कोरिया को 17-15 से हराकर 10 मीटर एयर राइफल टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता जो देश का तीसरा सोने का तमगा था.
भारतीय तिकड़ी ने कोरिया के सियूनगो बांग, सांगडो किम और हाजुन पार्क को हराया. अर्जुन और शाहू का यह विश्व कप में दूसरा स्वर्ण पदक है.
दिन का दूसरा पदक रजत के रूप में आया जिसमें महिला वर्ग में इलावेनिल वालारिवन, मेहुली घोष और रमिता को फाइनल में कोरिया के जे कियुम, यूंसियो ली और डी जीवोन ने 16-10 से हराया.
#TeamIndia🇮🇳 On A Medal Rush 🔥🔥
— SAI Media (@Media_SAI) July 14, 2022
Our young shooters begin their day with 2️⃣ medals at the ongoing @ISSF_Shooting 2022 World Cup, Changwon
🥇10m Air Rifle Men's Team @Paarthmakhija26 @arjunbabuta #TusharMane
🥈10m Air Rifle Women's Team @elavalarivan @GhoshMehuli #Ramita pic.twitter.com/zcl7yf5xzS
पुरूषों की 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा के फाइनल में भारतीय टीम ने इटली के पाओलो मोन्ना, एलेसियो टोराच्ची और लुका टेस्कोनी की अनुभवी तिकड़ी के खिलाफ जुझारू प्रदर्शन किया लेकिन उन्हें 15-17 से हार का सामना करना पड़ा जिससे देश को एक रजत पदक और मिला.
दिन में भारत का तीसरा रजत पदक 10 मीटर एयर पिस्टल टीम महिला स्पर्धा में आया जिसमें रिदम सांगवान, युविका तोमर और पलक की ‘नए लुक' वाली टीम को कोरिया की मजबूत टीम से 2-10 से हार का सामना करना पड़ा जिसमें टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता किम मिनजुंग भी शामिल थीं.
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ओलंपिक चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा से प्रेरित युवा निशानेबाज अर्जुन बबूता वर्ल्ड चैंपियनशिप में दमदार प्रदर्शन करके ओलंपिक कोटा हासिल करना चाहते हैं.
अर्जुन ने कहा, ”नीरज चोपड़ा और मैं चंडीगढ़ में एक ही कॉलेज में पढ़े हैं, वह हालांकि मेरे से एक साल सीनियर था. लेकिन उसने 2021 में ओलंपिक खेलों में जो उपलब्धि हासिल की वह मेरे जैसे खिलाड़ियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है और बेशक वह बहुत बड़ी प्रेरणा है.”
उन्होंने कहा, “खेल युवा खिलाड़ियों को रोजाना कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. लेकिन नीरज के ऐतिहासिक प्रदर्शन ने मेरे सहित युवा खिलाड़ियों की पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया है जिनमें शीर्ष स्तर पर भारत के लिए पदक जीतने की भूख पहले से अधिक है.”
Many congratulations to @arjunbabuta on winning the Gold 🥇in 10m Air Rifle Men at @ISSF_Shooting 2022 World Cup, Changwon 👏👏 https://t.co/W0EgX14Eiq pic.twitter.com/JnLvXgFJdV
— SAI Media (@Media_SAI) July 11, 2022
वर्ल्ड कप में दो स्वर्ण पदक जीतने की बदौलत पूरी संभावना है कि अर्जुन को काहिरा में आगामी वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में जगह मिलेगी.
अर्जुन ने कहा कि अभी उनके जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य पेरिस ओलंपिक खेलों में पदक जीतना है.
उन्होंने कहा, “मैं 19 साल का था जब मैं 2019 में टोक्यो ओलंपिक की क्वालीफाइंग स्पर्धा में चूक गया. इसकी पीड़ा और दर्द कष्टकारी थी लेकिन मैंने कड़ा अभ्यास करके सुनिश्चित किया कि मैं विश्व कप में पदक जीतूं.”
अर्जुन ने कहा, “अभी मेरा मुख्य लक्ष्य वर्ल्ड चैंपियनशिप में टॉप प्रदर्शन करना और पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना है.”
पंजाब के निशानेबाज अर्जुन ने कहा कि वह 2008 बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा के ऐतिहासिक स्वर्ण पदक की कहानी सुनते हुए बड़े हुए. बिंद्रा ओलंपिक खेलों में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे.
अर्जुन ने कहा, “उनकी उपलब्धियों मुझे एक निशानेबाज के रूप में ढाला. उनके जैसे शानदार व्यक्तित्व ने 2018 में भारतीय खेलों को बदल दिया, जीवन और खेल के बारे में मुझे इतनी सारी चीजें सिखाई.”
The Air Rifle Women's team comprising @elavalarivan @GhoshMehuli & Ramita win 🥈 to give India her 2nd medal of the day & 6th overall. They go down to Korea 10-16 in the decider. Congratulations! @WeAreTeamIndia @Media_SAI pic.twitter.com/aluxde1jWy
— NRAI (@OfficialNRAI) July 14, 2022
अपने शुरुआती सालों में अर्जुन को लेफ्टिनेंट कर्नल जीएस ढिल्लों (सेवानिवृत्त) ने ट्रेनिंग दी. ढिल्लों 1995 में बिंद्रा को भी निशानेबाजी के गुर सिखा चुके हैं.
अर्जुन ने कहा, “ढिल्लों सरकार की सीख ने मुझे वहां पहुंचाया जहां में अभी हूं. उन्होंने लंबे समय पहले मुझे कहा था कि अगर मैं लगातार अच्छा प्रदर्शन करता हूं तो अगला अभिनव बिंद्रा बन सकता हूं. उन्होंने मुझे अपने निशानेबाजी उपकरण तोहफे में भी दिए.”
अर्जुन ने कहा कि ऑस्ट्रिया के दिग्गज थॉमस फार्निक को मुख्य विदेशी राइफल कोच के रूप में बिलकुल सही समय पर भारतीय टीम के साथ जोड़ा गया है.
उन्होंने कहा, “थॉमस सर का मौजूदा वर्ल्ड कप में मेरे प्रदर्शन में काफी सकारात्मक असर रहा. खेल के लिए उनका प्यार, मार्गदर्शन के रूप में उनकी भूमिका शानदार है.”
अर्जुन ने कहा, “जॉयदीप सर (करमाकर) और सुमा (शिरूर) की भूमिका भी शानदार रही.”
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