
भारत ने शनिवार (10 मई 2025) को शंघाई में हुए आर्चरी वर्ल्ड कप स्टेज 2 में शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन पदक अपने नाम किए. पुरुषों की कंपाउंड टीम ने स्वर्ण, महिलाओं की टीम ने रजत और मिक्स्ड टीम ने कांस्य पदक जीता. पुरुषों की कंपाउंड टीम में अभिषेक वर्मा, ओजस देओताले और ऋषभ यादव शामिल थे. इस टीम ने फाइनल में मेक्सिको को 232-228 अंकों से हराकर स्वर्ण पदक जीता. सेमीफाइनल में भारत ने डेनमार्क को 232-231 से हराया था. इस टीम ने क्वालीफाई राउंड में सबसे अधिक 2134 अंक हासिल किए थे, जिससे उन्हें पहले राउंड में बाय (सीधा प्रवेश) मिला. इसके बाद उन्होंने क्वार्टरफाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को 239-232 से हराकर आगे का सफर तय किया.
महिलाओं की कंपाउंड टीम में ज्योति सुरेखा वेन्नम, मधुरा धमांगांवकर और चिकिता तनीपार्थी ने रजत पदक जीता. फाइनल में भारत को मजबूत मेक्सिको टीम से 221-234 से हार का सामना करना पड़ा. हालांकि हार एकतरफा थी, लेकिन पूरे टूर्नामेंट में भारतीय महिलाओं ने शानदार प्रदर्शन किया और दूसरा स्थान हासिल किया.
महिला टीम ने भी क्वालिफिकेशन में सबसे ज्यादा 2114 अंक बनाकर पहले राउंड में बाय पाया था. उन्होंने क्वार्टरफाइनल में कजाखस्तान को 232-229 और फिर सेमीफाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को 232-230 से हराया. ग्रेट ब्रिटेन की टीम में दुनिया की नंबर एक तीरंदाज एला गिब्सन भी शामिल थीं.
भारत के लिए तीसरा पदक मिक्स्ड कंपाउंड टीम ने दिलाया. अभिषेक वर्मा और मधुरा धमांगांवकर की जोड़ी ने कांस्य पदक मुकाबले में मलेशिया को हराया.
इन नतीजों से यह साफ है कि कंपाउंड तीरंदाजी में भारत की पकड़ लगातार मजबूत हो रही है. 2028 के लॉस एंजेलिस ओलंपिक में पहली बार कंपाउंड तीरंदाजी को शामिल किया जाएगा, और उसमें सिर्फ मिक्स्ड टीम स्पर्धा होगी. भारत का यह प्रदर्शन ओलंपिक में पहला पदक जीतने की उम्मीद को मजबूती देता है.
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