Dipa Karmakar Interview with NDTV : एशियाई खेलों (Asian Games 2023 ) के लिए भारतीय टीम में नहीं चुने जाने से नाराज स्टार जिम्नास्ट दीपा कर्माकर (Dipa Karmakar) नाराज हैं, उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) और खेल मंत्रालय को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इन दोनों संस्थाओं की चुप्पी ने उन्हें निराश और हतोत्साहित किया है. बता दें कि स्टार जिम्नास्ट दीपा कर्माकर ने NDTV से बात कर अपनी बात रखी है. उन्होंने बातचीत में कहा कि, मीडिया के जरिए हमें पता चल रहा है कि कोई नया क्राइटेरिया है जिसके चलते मुझे मौका नहीं मिल रहा है. दिग्गज जिम्नास्ट दीपा कर्माकर ने कहा कि इसको लेकर ऑफिशियल ऐलान होना बहुत जरूरी है जो अबतक नहीं हो पाया है.
जिम्नास्ट दीपा कर्माकर ने कहा कि, "जब भारत सरकार ने इसको लेकर ट्रायल बुलाया तो उस ट्रायल्स में मैं एक नंबर पर आई. उसके बाद मीडिया के जरिए पता चल रहा कि मैं टीम में नहीं हूं, तो काफी निराशा हो रही है"
इसके अलावा कोच कोच बीएस नंदी ने भी अपनी राय रखी और इस बारे में NDTV से बात की और कहा, "जब मुझे इस बारे में पता चला तो काफी धक्का लगा, नया क्राइटेरिया किस समिती ने बनाया है. हमारे फेडरेशन से तो कोई नहीं था. कौन एक्सपर्ट हैं जो इस तरह का क्राइटेरिया बना रहे हैं. मैं उनका नाम जानता चाहता हूं कि उन्होंने यह कैसा बनाया है. अगर आपने क्राइटेरिया बनाया भी है तो आपको इसके बारे में 2 से तीन महीने पहले बताना चाहिए था. पिछले महीने ही दीपा ने ट्रायल दिया और पहले स्थान हासिल करने में सफल रही थी. मैं 1971 से जिम्नास्टिक के साथ जुड़ा हुआ हूं यह पहली बार है जब इस तरह का माहौल बन रहा है. मैंने भी कई प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है, हर बार वर्तमान फॉर्म को देखने के बाद ही चयन किया जाता था. लेकिन अब ये किसने किया कैसे किया मुझे समझ नहीं आ रहा है.
बीएस नंदी ने कहा कि, "यदि इसी तरह से चलता रहा तो एक दिन भारत से जिम्नास्टिक खत्म हो जाएगा."
बता दें कि रियो ओलंपिक 2016 में चौथे स्थान पर रहकर इतिहास रचने वाली दीपा ने हाल में एशियाई खेलों के ट्रायल में अपनी स्पर्धा में पहला स्थान हासिल किया था लेकिन उन्हें भारतीय टीम में नहीं चुना गया क्योंकि वह पिछले दो वर्षों में शीर्ष आठ में रहने का मानदंड पूरा नहीं करती.
इसके बारे में दीपा ने अपनी बात आगे ला जाते हुए कहा देखिए वर्तमान फॉर्म के आधार पर ही जिम्नास्ट में खिलाड़ियों को चुना जाता है. अगर पुराने फॉर्म को देखकर ही टीम में खिलाड़ियों का चयन होता तो फिर सिमोन बाइल्स को ट्रायल नहीं देना पड़ता, उसने भी ट्रायल दिया फिर जाकर उनका चयन टीम में हुआ है. टीम में खिलाड़ियों की प्रक्रिया वर्तमान फॉर्म को देखकर किया जाता है, अगर ऐसा होता तो मैंने तो रियो ओलंपिक में चौथा स्थान हासिल किया था. ऐसे में मैं तो पुराने रिकॉर्ड के दम पर ही क्वालीफाई कर जाती.लेकिन हर बार हर एक टूर्नामेंट से पहले खिलाड़ी का हालिया परफॉर्मेंस देखा जाता है. लेकिन अभी देखिए क्या हो रहा है. जब तक हमें ऑफिशियली कोई सूचना नहीं मिलेगी तब आगे मैं कुछ भी नहीं कर सकती हूं."
दीपा ने अपनी बात आगे ले जाते हुए कहा, "मैं सही जानकारी हम तक पहुंचाने के लिए आग्रह करती हूं ताकि हम अनिश्चितता में नहीं रहें..इस बीच मैंने अभ्यास जारी रखा है और मुझे उम्मीद है कि मैं अगले महीने हांगझोउ में भारतीय टीम का हिस्सा रहूंगी"
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