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D Gukesh: वर्ल्ड चैंपियन गुकेश की जीती रकम में से टैक्स कटेगा या नहीं, जानिए !

D Gukesh Prize Money Tax Deduction, चेन्नई के 18 वर्षीय गुकेश (D Gukesh) ने बृहस्पतिवार को चीन के गत चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की. इस जीत के साथ 18वें और वह पांच बार के विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय बन गए.

D Gukesh: वर्ल्ड चैंपियन गुकेश की जीती रकम में से टैक्स कटेगा या नहीं, जानिए  !
D Gukesh

D Gukesh Prize Money Tax Deduction: चेन्नई के 18 वर्षीय गुकेश (D Gukesh) ने बृहस्पतिवार को चीन के गत चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की. इस जीत के साथ 18वें और वह पांच बार के विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय बन गए. इस खिताब को जीतने वाले गुकेश को 1.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 11.03 करोड़ रुपये) की भारी भरकम राशि मिली, जिसके बाद सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर बातें होने लगी कि क्या गुकेश को  11.03 करोड़ रुपये में टैक्स देना होगा. लेकिन सरकार उनसे टैक्स के रूप में 42.5 प्रतिशत पैसा लेगी. गुकेश  को यह टैक्स सरकार को देनी होगी. 

क्यों देनी होगी गुकेश को टैक्स
दरअसल, जब कोई खिलाड़ी को सरकार अपने तरफ से राशी देती है या फिर ओलंपिक संघ की ओर से पैसा मिलता  तो सरकार टैक्स उस खिलाड़ी से नहीं लेती है. लेकिन अगर किसी बड़े टूर्नामेंट के जीतने पर खिलाड़ी को पैसे मिलते हैं तो फिर उस स्थिति में खिलाड़ी के प्राइज मनी से सरकार टैक्स काटती है. ऐसे में चैंपियनशिप जीतने पर गुकेश को मिलनी वाली प्राइज मनी से 42.5 प्रतिशत  टैक्स सरकार को देना होगा. 

फैन्स के रिएक्शन हुए वायरल

गुकेश के टैक्स बिल की खबर के बाद, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई.. कई फैन्स ने इसको लेकर अपनी राय गी, जबकि कुछ ने पुरस्कार राशि पर उच्च कर दरों की आलोचना की है.  दूसरी ओर, कई उपयोगकर्ताओं ने टैक्स नियम का बचाव करते हुए तर्क दिया है कि यह देश की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए अहम होता है.  गुकेश ने खुद टैक्स मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उनकी जीत राष्ट्रीय गौरव का विषय बनी हुई है.

सबसे युवा विश्व चैम्पियन बने

चेन्नई के 18 वर्ष के ग्रैंडमास्टर गुकेश चीन के डिंग लिरेन को हराकर सबसे युवा विश्व चैम्पियन बने.  चैम्पियनशिप का आखिरी मुकाबला करीब तीन सप्ताह तक चला.गुकेश ने 14 बाजी के इस मुकाबले की आखिरी क्लासिकल बाजी जीतकर खिताब जीतने के लिए जरूरी 7.5 अंक जुटाए जबकि लिरेन के नाम 6.5 अंक रहे। यह बाजी हालांकि अधिकांश समय ड्रॉ की ओर जाती दिख रही थी लेकिन आखिरी में गुकेश बाजी मारी और खिताब जीतकर इतिहास रच दिया. लिरेन ने 55वीं चाल में गलती की जब उन्होंने हाथी की अदला बदली की और गुकेश ने तुरंत इसका फायदा उठाया और अगली तीन बाजी में मुकाबला खत्म हो गया.

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