विज्ञापन
This Article is From Apr 27, 2018

एमपी में अब मंत्री नहीं देंगे आश्वासन, सरकार सिखा रही जवाब देना

मंत्रियों को 34 प्रकार की शब्दावली से बचने के लिए सर्कुलर जारी किया गया, सरकार ने कहा- लिखित जवाब में भ्रम की स्थिति की वजह से ये खत भेजा

एमपी में अब मंत्री नहीं देंगे आश्वासन, सरकार सिखा रही जवाब देना
मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार के मंत्रियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे आश्वासन देने से बचें.
  • संसदीय कार्य विभाग की प्रमुख सचिव वीरा राणा ने जारी किया फरमान
  • नेता विपक्ष अजय सिंह ने कहा, लोकतंत्र पर हमला नहीं, हत्या होने वाली है
  • राज्य सरकार ने कहा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं रोकी गई है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
भोपाल: मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार चुनावी साल में अपने मंत्रियों को जवाब देना सिखा रही है. सरकार ने नया फरमान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि मंत्री विधानसभा में प्रश्नों या चर्चा के जवाब में आश्वासन देने से बचें.

संसदीय कार्य विभाग की प्रमुख सचिव वीरा राणा की ओर से सभी विभागों के अपर मुख्य सचिवों/प्रमुख सचिवों/सचिवों को भेजे गए इस नए फरमान में कहा गया है कि विभागीय अधिकारी सवालों को ध्यान से पढ़ें तो आश्वासनों की संख्या में काफी कमी आ सकती है. फरमान में समझाया है कि विधानसभा को भेजे जाने वाले उत्तर या जानकारी को तैयार करते समय 34 प्रकार की शब्दावली से बचें जिससे आश्वासन देने से बचा जा सकता है.

ये विषय विचारणीय है.. मैं उनकी छानबीन करूंगा... पूछताछ की जा रही है.... मैं केन्द्र सरकार को लिखूंगा... रियायतें दी जाएंगी..विधिवत कार्रवाई की जाएगी... प्रारंभिक जांच करवा ली जाएगी... मैं समझता हूं, ये किया जा सकता है... हमें इसका पता लगाना होगा... सरकार को इस विषय पर पत्र लिखा जाएगा.... मध्यप्रदेश विधानसभा में अब मंत्री ऐसे 10 नहीं बल्कि 34 वाक्यों से तौबा करेंगे. सरकार ने उन्हें पाठ दिया है कि विधायकों के सवाल के जवाब कैसे देंगे.

यह भी पढ़ें :  पीएम मोदी के ऐलान बड़े, पंचायती राज में पिछड़ रहा मध्यप्रदेश  
   
हालांकि सरकार का कहना है कि कंप्यूटर प्रणाली में जाने और लिखित जवाब में भ्रम की स्थिति की वजह से ये खत भेजा गया है. संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा पहले जो मंत्री सदन में आश्वासन देता था वो आश्वासन की श्रेणी में आता था. अब जब कंप्यूटर प्रणाली आ गई तो जो जवाब लिखित हैं, तारांकित, चर्चा में नहीं आते, वे भी आश्वासन में लिए गए, तब उसे दूर करने पत्र लिखा गया है.
        
कांग्रेस इसे लोकतंत्र की हत्या बता रही है. नेता विपक्ष अजय सिंह का कहना है कि लोकतंत्र पर हमला नहीं, हत्या होने वाली है ... मैं निजी तौर पर इसका विरोध कर रहा हूं. उम्मीद है सरकार ये सर्कुलर वापस लेगी. जवाब में नरोत्तम मिश्रा ने कहा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं रोकी गई है. बीजेपी है ये इमरजेंसी लगाने की सोच नहीं सकती. जिस पार्टी ने इमरजेंसी लगाई, वो ऐसा कह रही है.

VIDEO  : कमलनाथ को कमान
        
कुछ महीने पहले मध्यप्रदेश विधानसभा के फैसले पर खूब विवाद हुआ था जिसमें कहा गया था कि अधिसूचना के जारी होने के बाद विधायक अब उस मामले में सवाल नहीं पूछ सकेंगे. इसके लिए सरकार ने कोई कमेटी गठित कर दी है.. विरोध के बाद उसे वापस ले लिया गया था. बताया जा रहा है कि सदन के अंदर सरकार के 2500 से ज्यादा आश्वासन लंबित हैं, जिसमें सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com