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This Article is From Jul 21, 2018

एक्‍सक्‍लूसिव : छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने नक्‍सलियों के पास से बरामद की पेन गन

मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के पास से दो इंसास राइफल, दो प्वाइंट 303 राइफल, एक बोर की बंदूक के अलावा पेन गन बरामद किया.

एक्‍सक्‍लूसिव : छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने नक्‍सलियों के पास से बरामद की पेन गन
19 जुलाई को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 8 नक्‍सलियों को मार गिराया था
दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर जिले में गुरुवार को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में तीन महिलाओं समेत 8 नक्सली मारे गये. मुठभेड़ सुबह दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों की सीमा से लगने वाले तिमिनार और पुसनार गांवों के पास के जंगलों में हुई. मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के पास से दो इंसास राइफल, दो प्वाइंट 303 राइफल, एक बोर की बंदूक के अलावा पेन गन बरामद किया. दंतेवाड़ा एसपी कमललोचन कश्यप ने बताया कि मुठभेड़ के बाद हमें 7 हथियार, मिले जिसमें एक पेन गन भी था जिसे नक्सलियों की टेक्निकल टीम ने डेवलप किया है. ये देसी मॉडल है जिसमें 9 एमएम पिस्तौल की गोली का इस्तेमाल करते हैं, रॉड और पिन वगैरह लेकर बनाया है.
 
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सूत्रों के मुताबिक कुख्यात महिला माओवादी जैनी ने घायल होने के दौरान जवान पर पेन गन से दो फायर भी किये थे. जैनी भैरमगढ़ एरिया कमेटी की सदस्य, केएमएमएस अध्यक्ष और पीपीसी सदस्य भी थी. मुठभेड़ में शामिल जवानों ने बताया कि जैनी जब घायल हुई तो उसके हाथ से इंसास छूट चुकी थी. उसने अपनी जेब से पेन गन निकाली. इस गन से दो फायर भी किए हैं. मारक क्षमता कम होने से जवान को नुकसान नहीं हो सका.

छोटी बांसुरी जैसी दिखने वाली इस पेन गन से 9-10 मीटर तक की रेंज में गोली चलाई जा सकती है. सूत्र बताते हैं कि माओवादियों की स्मॉल एक्शन टीम पेन गन का इस्तेमाल करती है. बस्तर में पहली बार इस हथियार की बरामदगी की गई है. बड़ी टीमें मुख्य हथियार छूट जाने के बाद इसका इस्तेमाल करती हैं.

गुरुवार को मारे गए नक्सलियों में पांच-पांच लाख के इनामी प्लाटून नंबर 13 का सेक्शन कमांडर चंद्रू, सुगना प्लाटून नंबर 13 की सेक्शन कमांडर जैनी, एक-एक लाख के इनामी भीमे, कुमारी व सनकू शामिल थे. राज्य के पुलिस उपमहानिरीक्षक (नक्सल विरोधी अभियान) सुदंरराज पी ने बताया था कि डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की संयुक्त टीम की माओवाद निरोधी अभियान के दौरान यह मुठभेड़ हुई. उन्होंने ये भी कहा था कि मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने दंतेवाड़ा से सटे दोनों जिलों के जंगलों में यह अभियान शुरू किया था.

(इनपुट : विकास तिवारी)

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