फाइल फोटो
भोपाल:
भोपाल में हुई गैंगरेप की घटना के बाद राज्य सरकार ने कोचिंग संस्थानों को भी घेरे में लेने की कोशिश शुरू की है. सरकार का कहना है कि कोचिंग से निकलने के बाद छात्रा के घर सुरक्षित पहुंचने तक कोचिंग सेंटर को भी ज़िम्मेदारी लेनी होगी. इधर इस मामले में 6 दिन तक छिपे रहने के बाद आखिकार एसटीएफ ने चौथे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है. भोपाल में हुए गैंगरेप जैसे मामलों को रोकने के लिये शिक्षा विभाग भी हरकत में आया. तय किया गया है कि कोशिश होगी कि 8 बजे के बाद कोचिंग क्लास ना लगें. बच्चों के घर लौटने तक सुरक्षा की ज़िम्मेदारी कोचिंग संचालकों की भी होगी. कोचिंग करने वालों के लिये मोबाइल ऐप बनाया जाएगा.
स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक जोशी ने कहा, 'ये जो घटना घटी है, शिक्षा से जुड़ा मामला है. हमारी जिम्मेदारी बनती है, पुलिस की जो खामी होगी उसे शासन पूरा करेगा. ऐप से बच्चों की लोकेशन अभिभावकों को उनके आनेजाने की सूचना हो जाएगी. कोचिंग क्लास अगर 8 बजे के बाद चलते हैं तो वो सुरक्षा सुनिश्चित करें.'
लेकिन एम टेक के लिये प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटी ईशिका और मेघा जैसी लड़कियों का मानना है कि सिर्फ ऐप से नहीं, ऐसे मामलों में दोषियों पर सख्त कार्रवाई से ही हालात बदलेंगे. मेघा खरखाटे ने कहा, 'लड़कियां जरूरी थोड़ी है कि ग्रुप में जाएं, जो ऐसी घृणित अपराध कर रहे हैं उन्हें सज़ा मिले तभी हालात सुधरेंगे. लोकेशन ट्रेस करने से क्या होगा, पुलिस तो पीछे से ही आएगी. मानसिकता सुधारने की जरूरत है.'
वहीं ईशिका ने कहा, 'कोचिंग में पढ़ने वाली सारी लड़कियां एक जगह नहीं रहतीं, टाइमिंग से कुछ नहीं होगा. ऐसा कानून बने जिससे लोग डरें तो कंट्रोल होगा, बाकी दिखावा है. मैं 9.30 तक यहां पढ़ती हूं.' कोचिंग संचालकों की मामले में प्रतिक्रिया मिलीजुली है, उनका मानना है कि सरकार के निर्देशों का पालन होगा लेकिन सुरक्षा भी बढ़ाई जानी चाहिये.
क्वॉन्टम क्लासेस के संचालक मुदस्सर खान ने कहा, 'अगर ऐप बन जाये तो बीच में कुछ रास्ते हैं जो सुनसान हैं, उसमें मदद मिलेगी. परिवार भी ट्रैक कर सकते हैं बच्चों को.' उधर 10 अधिकारियों पर कार्रवाई के बाद गैंगरेप के चौथे आरोपी को पुलिस ने सलैया इलाके से गिरफ्तार कर लिया, जिसपर सरकार ने सोमवार को ही 10000 रुपये के इनाम का ऐलान किया था. इसबीच राज्य में 48 घंटे के अंदर देवास, झाबुआ और गुना से बलात्कार की खबरें आई हैं.
स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक जोशी ने कहा, 'ये जो घटना घटी है, शिक्षा से जुड़ा मामला है. हमारी जिम्मेदारी बनती है, पुलिस की जो खामी होगी उसे शासन पूरा करेगा. ऐप से बच्चों की लोकेशन अभिभावकों को उनके आनेजाने की सूचना हो जाएगी. कोचिंग क्लास अगर 8 बजे के बाद चलते हैं तो वो सुरक्षा सुनिश्चित करें.'
लेकिन एम टेक के लिये प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटी ईशिका और मेघा जैसी लड़कियों का मानना है कि सिर्फ ऐप से नहीं, ऐसे मामलों में दोषियों पर सख्त कार्रवाई से ही हालात बदलेंगे. मेघा खरखाटे ने कहा, 'लड़कियां जरूरी थोड़ी है कि ग्रुप में जाएं, जो ऐसी घृणित अपराध कर रहे हैं उन्हें सज़ा मिले तभी हालात सुधरेंगे. लोकेशन ट्रेस करने से क्या होगा, पुलिस तो पीछे से ही आएगी. मानसिकता सुधारने की जरूरत है.'
वहीं ईशिका ने कहा, 'कोचिंग में पढ़ने वाली सारी लड़कियां एक जगह नहीं रहतीं, टाइमिंग से कुछ नहीं होगा. ऐसा कानून बने जिससे लोग डरें तो कंट्रोल होगा, बाकी दिखावा है. मैं 9.30 तक यहां पढ़ती हूं.' कोचिंग संचालकों की मामले में प्रतिक्रिया मिलीजुली है, उनका मानना है कि सरकार के निर्देशों का पालन होगा लेकिन सुरक्षा भी बढ़ाई जानी चाहिये.
क्वॉन्टम क्लासेस के संचालक मुदस्सर खान ने कहा, 'अगर ऐप बन जाये तो बीच में कुछ रास्ते हैं जो सुनसान हैं, उसमें मदद मिलेगी. परिवार भी ट्रैक कर सकते हैं बच्चों को.' उधर 10 अधिकारियों पर कार्रवाई के बाद गैंगरेप के चौथे आरोपी को पुलिस ने सलैया इलाके से गिरफ्तार कर लिया, जिसपर सरकार ने सोमवार को ही 10000 रुपये के इनाम का ऐलान किया था. इसबीच राज्य में 48 घंटे के अंदर देवास, झाबुआ और गुना से बलात्कार की खबरें आई हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं