
- संसद की एस्टीमेट्स कमेटी की दो दिनी बैठक के दौरान शाही दावत का आयोजन.
- बैठक में देशभर से आए 600 मेहमानों को चांदी की थाली में दावत परोसी गई.
- एक प्लेट की कीमत 4,500 रुपये बताई गई जबकि राज्य में फंड की कमी है.
- दावत पर 27 लाख रुपये खर्चने के आरोप पर विपक्ष ने महाराष्ट्र सरकार को घेरा.
चलती योजनाओं को चलाते रहने के लिए जिस महाराष्ट्र सरकार के पास फंड की कमी बताई जाती है, उसी सरकार ने 600 मेहमानों को चांदी की थाली में शाही दावत परोसी. हैरान की बात ये है कि ये मेहमान सरकारी खर्च को कम करने पर चर्चा करने के लिए देशभर से आए थे. उनके खाने की एक प्लेट की कीमत 4,500 रुपये बताई गई है. किफायत का पाठ पढ़ाने आए मेहमानों की शाही दावत पर 27 लाख रुपये फूंकने को लेकर महाराष्ट्र सरकार विपक्ष के निशाने पर है.
लोकसभा अध्यक्ष ने की थी बैठक की अध्यक्षता
संसद की एस्टीमेट्स कमेटी की मुंबई में दो दिनी बैठक हुई थी. मुंबई के विधान भवन परिसर में 23-24 जून को ये बैठक हुई. इसकी शुरुआत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने की थी. ये बैठक बजट प्रावधानों के टारगेट हासिल करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी. इस बैठक में देशभर से करीब 600 मेहमान शामिल हुए थे.

शाही दावत पर 27 लाख फूंकने का आरोप
यह एस्टीमेट्स कमेटी देखती है कि सरकार का पैसा सही जगह और सही ढंग से खर्च हो रहा है या नहीं. इसी बैठक में आए मेहमानों के लिए सरकार ने चांदी की थाली में शाही खर्चा कर दिया. पूरा मामला सोशल एक्टिविस्ट विजय कुंभार की पोस्ट से उजागर हुआ. दावा है कि चांदी की थाली में 600 मेहमानों के एक वक्त की इस दावत में करीब 27 लाख खर्च किए गए.
मामले सामने आते ही विपक्ष ने देवेंद्र फडणवीस सरकार को निशाने पर लेना शुरू कर दिया. कांग्रेस के अलावा उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं ने भी सरकार को घेरा. कांग्रेस ने कहा कि राज्य दिवालिया होने के कगार पर है और सरकार की फ़िज़ूलखर्ची रुक नहीं रही.

बदहाली के वक्त दिखावे का आरोप
कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि राज्य दिवालिया होने के कगार पर है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, बेरोजगारी बढ़ रही है, कई सरकारी योजनाएं ठप हैं, लेकिन संकट के इस दौर में भी शासकों ने पांच हजार रुपये की चांदी की थाली का 'शाही' आनंद उठाया है.
उन्होंने कहा कि इस आर्थिक बदहाली के वक्त भी सरकार सिर्फ दिखावा करना चाहती है. गरीबों के खाने को छोड़कर वे खुद शाही अंदाज में रहना चाहते हैं. यह गरीबों और आम लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है. चांदी की थाली में खाना खिलाने वाली सरकार भूखे लोगों की पीड़ा को कैसे समझ सकते हैं?
उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में हो रहे भ्रष्टाचार की तुलना दुनिया के किसी भी घोटाले से नहीं की जा सकती. ये बहुत ही उच्च स्तरीय घोटाला है. बहरहाल फिज़ूलखर्ची के इस आरोप पर सरकार ने फ़िलहाल चुप्पी साध रखी है.
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