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This Article is From Apr 07, 2019

शशि थरूर ने PM नरेंद्र मोदी को दी यह चुनौती, राहुल के वायनाड से चुनाव लड़ने पर कही यह बात...

शशि थरूर (Shashi Tharoor News) ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) में केरल या तमिलनाडु की किसी सीट से चुनाव लड़ने का साहस है?

शशि थरूर ने PM नरेंद्र मोदी को दी यह चुनौती, राहुल के वायनाड से चुनाव लड़ने पर कही यह बात...
शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कहा कि पीएम मोदी में केरल या तमिलनाडु की किसी सीट से चुनाव लड़ने का साहस है?
नई दिल्ली:

शशि थरूर ने PM नरेंद्र मोदी को दी यह चुनौती, राहुल के वायनाड से चुनाव लड़ने पर कही यह बातकांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) यूपी के अमेठी के अलावा केरल के वायनाड (Wayanad) से भी चुनाव लड़ रहे हैं. पार्टी नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कहा कि वायनाड से लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) में खड़े होने का राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का फैसला दर्शाता है कि उन्हें उत्तर भारत और दक्षिण भारत, दोनों में जीत का भरोसा है. शशि थरूर (Shashi Tharoor News) ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) में केरल या तमिलनाडु की किसी सीट से चुनाव लड़ने का साहस है? उन्होंने कहा कि केरल के वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से राहुल के चुनाव में खड़े होने के बाद दक्षिणी राज्यों में इस बात को लेकर 'उत्साह साफ' दिखाई दे रहा है कि अगला प्रधानमंत्री उनके क्षेत्र से निर्वाचित उम्मीदवार हो सकता है.

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शशि थरूर ने मोदी और भाजपा के इस बयान को लेकर उनकी निंदा की कि राहुल गांधी ने बहुसंख्यक बहुल क्षेत्रों से 'भागने' के लिए वायनाड को चुना. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने कट्टरता फैलाने की बार-बार कोशिश की है. यह निराशाजनक है कि यह प्रधानमंत्री कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'भारत के प्रधानमंत्री को सभी भारतीयों का प्रधानमंत्री होना चाहिए लेकिन, भाजपा की कट्टरता के पथप्रदर्शक के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत करके मोदी ने इस सिद्धांतवादी पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है.'

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थरूर ने दावा किया कि गांधी ने वायनाड से चुनाव लड़ने का फैसला ऐसे समय में किया है जब सहकारी संघवाद की भावना 'अभूतपूर्व तनाव' की स्थिति में है. इसी भावना ने 1947 में आजादी के बाद से देश को एकजुट बनाए रखा है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार में दक्षिण की आर्थिक सुरक्षा और उसके राजनीतिक प्रतिनिधित्व के भविष्य को खतरे जैसे कई मामलों के कारण दक्षिणी राज्यों और संघीय सरकार के बीच संबंध 'लगातार बिगड़े' हैं.

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शशि थरूर ने कहा कि ऐसे में राहुल गांधी ने इस आशय का 'साहसिक संकेत' दिया है कि वह देश में उत्तर और दक्षिण के बीच बढ़ती खाई पाटने के लिए पुल का काम कर सकते हैं. यह इस बात का भी संकेत है कि कांग्रेस प्रमुख को उत्तर और दक्षिण दोनों में चुनाव में जीत मिलने का भरोसा है. उन्होंने कहा, 'क्या नरेंद्र मोदी ऐसा दावा कर सकते हैं? क्या उनमें केरल या तमिलनाडु की किसी सीट से चुनाव में खड़े होने का साहस है?'

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तिरुवनंतपुरम से लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने का इरादा रखने वाले थरूर ने राहुल गांधी को वायनाड में मिली 'शानदार प्रतिक्रिया' का जिक्र किया और कहा कि यह दक्षिण में जश्न की असल भावना को दर्शाती है. यह पूछे जाने पर कि वायनाड से खड़े होकर राहुल गांधी दक्षिण भारत के लोगों के लिए समर्थन का जो संदेश देना चाहते हैं, क्या वह सही से लोगों तक पहुंचा है, थरूर ने कहा, 'मुझे लगता है कि निश्चित ही ऐसा हुआ है और इस निर्णय के कारण ही दक्षिणी राज्यों में इस बात को लेकर उत्साह साफ दिखाई दे रहा है कि अगला प्रधानमंत्री उनके क्षेत्र से निर्वाचित उम्मीदवार हो सकता है.' 

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यह पूछे जाने पर क्या इस कदम से दक्षिण में 'राहुल लहर' पैदा हो सकती है, थरूर ने कहा, 'इसने केरल में खासकर जमीनी स्तर पर काम करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं में नया जोश भरा है और निकटवर्ती कर्नाटक एवं तमिलनाडु में भी यह लहर फैल रही है.'

(इनपुट: भाषा)

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