विज्ञापन
This Article is From Apr 28, 2019

क्या 'पूरब के लेनिनग्राद' में कन्हैया कुमार मार पाएंगे बाजी? आंकड़ों से समझें किसका पलड़ा है भारी

'पूरब का लेनिनग्राद' कहे जाने वाले बिहार के बेगूसराय (Begusarai) में इस बार लोकसभा चुनाव (General Elections 2019) का मुकाबला दिलचस्प हो गया है.

क्या 'पूरब के लेनिनग्राद' में कन्हैया कुमार मार पाएंगे बाजी? आंकड़ों से समझें किसका पलड़ा है भारी
बेगूसराय लोकसभा सीट (Begusarai Seat) पर इस बार मुकाबला दिलचस्प हो गया है.
नई दिल्ली:

'पूरब का लेनिनग्राद' कहे जाने वाले बिहार के बेगूसराय (Begusarai) में इस बार लोकसभा चुनाव (General Elections 2019) का मुकाबला दिलचस्प हो गया है. इसकी सबसे बड़ी वजह जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) हैं, जो सीपीआई के टिकट पर यहां से चुनाव मैदान में उतरे हैं. दूसरी तरफ, बीजेपी की तरफ से गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) और आरजेडी की तरफ से तनवीर हसन (Tanweer Hasan ) किस्मत आजमा रहे हैं. बेगूसराय का जातीय समीकरण देखें तो यह भूमिहार बहुल क्षेत्र है और गिरिराज सिंह और कन्हैया, दोनों भूमिहार जाति से ही ताल्लुक रखते हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में राजद के प्रत्याशी तनवीर हसन ने यहां भाजपा को जबरदस्त टक्कर दी थी, लेकिन भाजपा के भोला सिंह से वह 58,000 से ज्यादा वोटों से हार गए थे. पिछली बार भाकपा के राजेंद्र प्रसाद सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे.  

बेगूसराय में कन्हैया कुमार के लिए जावेद अख्तर ने चुनाव प्रचार किया 

2014 के लोकसभा चुनाव में भोला सिंह को जहां 4,28,227 वोट मिले थे, तो तनवीर हसन को 3,69,892 मत मिले थे. इस बार कन्हैया कुमार के इस सीट से चुनावी मैदान में उतरने के बाद मुकाबला रोचक हो गया है. दिल्ली विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान के सहायक प्राध्यापक राजन झा इन दिनों बेगूसराय चुनाव पर नजर रखे हुए हैं. वे कहते हैं, "कन्हैया (Kanhaiya Kumar) ने अपना या यूं कहें कि वामपंथी वोटबैंक को सुरक्षित तो रखा ही है, अन्य पार्टियों के वोटबैंक में सेंधमारी करने में भी सफल रहा है, जिससे इसकी स्थिति मजबूत बनी हुई है". उन्होंने कहा कि बछवाड़ा, बखरी और तेघड़ा विधानसभा में कन्हैया का अपना वोटबैंक है, जबकि चेरिया बरियारपुर, बेगूसराय और मटिहानी के अन्य पार्टियों के वोटबैंक में कन्हैया ने सेंधमारी की है. झा कहते हैं कि कन्हैया के पक्ष में सभी मतदान केंद्रों में मत मिलना भी तय माना जा रहा है.  

कन्हैया कुमार के लिए बेगूसराय पहुंचे 'गनी भाई', बोले- जनता धरती पुत्र को जिताने का मन...

आपको बता दें कि बछवाड़ा, तेघड़ा, बेगूसराय, मटिहानी, बलिया, बखरी, चेरियाबरियारपुर सात विधानसभा क्षेत्र वाले बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र  (Begusarai Seat) में एक अनुमान के मुताबिक, 19 लाख मतदाताओं में से भूमिहार मतदाता करीब 19 फीसदी, 15 फीसदी मुस्लिम, 12 फीसदी यादव और सात फीसदी कुर्मी हैं. यहां की राजनीति मुख्य रूप से भूमिहार जाति के आसपास घूमती रही है. इस बात का सबूत है कि पिछले 10 लोकसभा चुनावों में से कम से कम नौ बार भूमिहार सांसद बने हैं. बेगूसराय के वरिष्ठ पत्रकार श्यामा चरण मिश्र कहते हैं कि गिरिराज सिंह की भूमिहार, सवर्णो, कुर्मी और अति पिछड़ा वर्ग पर अच्छी पकड़ है, जबकि राजद मुस्लिम, यादव और पिछड़ी जाति के वोटरों को अपने खेमे में किए हुए है. उन्होंने कहा कि राजद अगर अपना उम्मीदवार नहीं देता, तब कन्हैया (Kanhaiya Kumar) की जीत पक्की मानी जा सकती थी. गौरतलब है कि बेगूसराय में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 29 अप्रैल को वोट डाला जाएगा. (इनपुट-IANS से भी)

बेगूसराय में कैसे जीतेगा कन्हैया कुमार...?

VIDEO : बेगूसराय में कन्हैया कुमार को लेकर कैसा है माहौल

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com