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This Article is From Apr 16, 2019

मंत्री ने रैली में कहा- वोट डालते समय ईवीएम का दो नंबर का बटन दबाओगे तो लगेगा करंट! देखें-VIDEO

कांग्रेस प्रत्याशी के प्रचार के लिए आयोजित रैली में छत्तीसगढ़ के आबकारी, वाणिज्य और उद्योग मंत्री कवासी लखमा के बयान पर बवाल

मंत्री ने रैली में कहा-  वोट डालते समय ईवीएम का दो नंबर का बटन दबाओगे तो लगेगा करंट! देखें-VIDEO
छत्तीसगढ़ के मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि वोटर ईवीएम का दो नंबर का बटन दबाएंगे तो करंट लगेगा.
रायपुर:

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के आबकारी, वाणिज्य और उद्योग मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) ने कांकेर (Kanker) लोकसभा क्षेत्र के कोरार में कांग्रेस (Congress) की चुनावी रैली में कहा कि यदि वोट डालते समय ईवीएम के दूसरे नंबर का बटन दबाओगे तो करंट लगेगा. उन्होंने कहा कि पहले नंबर (कांग्रेस) का बटन दबाना. दूसरे नंबर का दबाओगे तो करंट लगेगा, तीसरे नंबर का दबाओगे तो भी करंट लगेगा.

बेबाक बयानी के लिए पहचाने जाने वाले मंत्री कवासी लखमा के उक्त भाषण का वीडियो वायरल हो गया है.  इससे पहले सोमवार को भी लखमा ने भानुप्रतापपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए डॉ रमन सिंह को फर्जी डॉक्टर बताया था.

इस मामले में विपक्षी दल बीजेपी (BJP) चुनाव आयोग से शिकायत करेगी. अन्य दल भी इस तरह का कदम उठा सकते हैं. लखमा के बयान ने कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष और कांकेर के मौजूदा सांसद विक्रम उसेंडी ने कहा है कि मंत्री कवासी लखमा ने ईवीएम में पहले नंबर के अलावा बाकी में करंट होने की बात कही है, जो गलत है. यह आचार संहिता का उल्लंघन है. उन्होंने कहा है कि पार्टी के विधि प्रकोष्ठ के जरिए इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की जाएगी.

उक्त चुनावी रैली में राज्य के स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव, पीएचई मंत्री रुद्रप्रताप गुरु, विधायक शिशुपाल शोरी भी थे. कोरार के अलावा लखमा ने केंवटी में भी भाषण देते हुए करंट लगने वाली बात दोहराई.

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अनूठे अंदाज और भाषण शैली के कारण कवासी लखमा चर्चित रहे हैं. कवासी कांग्रेस के एक मात्र ऐसे एमएलए हैं जो छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से लगातार चुनाव जीतते रहे हैं. कवासी ने कोई औपचारिक शिक्षा नहीं ली है, सिर्फ साक्षर हैं लेकिन कई देशों की यात्राएं कर चुके हैं. वे पिछली विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं. बस्तर के कोंटा विधानसभा क्षेत्र के विधायक कवासी आदिवासी हैं. वे सबसे पहले साल 2003 में विधायक चुने गए थे. पेशे से किसान कवासी आदिवासी पारंपरिक नृत्य में भी पारंगत हैं.

कांकेर लोकसभा सीट पर कांग्रेस (Congress) से बिरेश ठाकुर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) से मोहन मंडावी, बहुजन समाज पार्टी (BSP) से सूबे सिंह ध्रुव प्रमुख उम्मीदवार हैं. इस सीट पर कुल नौ प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. कांकेर में 18 अप्रैल को दूसरे चरण में वोट डाले जाएंगे.

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कांकेर लोकसभा सीट पर 2014 के चुनाव में BJP के विक्रम देव उसेंदी ने जीत हासिल की थी. उन्हें 4,65,215 वोट मिले थे. वहीं फूलो देवी नेताम 4,30,057 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रही थीं. बीजेपी ने सांसद उसेंदी को हाल ही में पार्टी की छत्तीसगढ़ इकाई का प्रमुख बनाया है.

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कांकेर सीट सन 1967 में  BJS के टीएलपी शाह के हाथ में थी. साल 1971 में कांग्रेस के अरविंद विश्रामसिंह, 1977 में BLD के अघन सिंह, 1980, 1984, 1989 व 1991 में कांग्रेस के अरविंद नेताम ने इस सीट पर कब्‍जा किया था. साल 1996 में कांग्रेस के छबीला अरविंद नेताम, 1998, 1999, 2004 व 2009 में BJP के सोहन पोटाई इस सीट से चुनाव जीते. इस निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की आठ सीटें आती हैं, जिनमें सिहावा (सुरक्षित), गुंडरदेही, कांकेर (सुरक्षित), संजारी बालोद, अंतागढ़ (सुरक्षित), केशलाल (सुरक्षित), डोंडी लोहारा (सुरक्षित) और भानुप्रतापपुर (सुरक्षित) शामिल हैं.

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