वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे BSF से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द

वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे BSF से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द हो गया है.चुनाव आयोग ने पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ रहे तेज बहादुर यादव ने नामांकन को रद्द कर दिया  है

खास बातें

  • तेज बहादुर यादव का पर्चा हुआ रद्द
  • सपा उम्मीदवार थे तेज बहादुर
  • अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तेज बहादुर
लखनऊ:

वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे BSF से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द हो गया है. चुनाव आयोग ने पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ रहे तेज बहादुर यादव ने नामांकन को रद्द कर दिया  है. नामांकन रद्द होने के बाद तेज बहादुर यादव ने कहा कि नामांकन को गलत तरीके से रद्द कर दिया गया है. उन्होंंने कहा कि मैंने सारे सबूत दिए थे. मगर तानाशाही तरीके से मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया है. 

नामांकन रद्द होने पर तेज बहादुर यादव ने कहा कि चुनाव आयोग से मैंने कहा था कि मैं अंबानी नहीं हूं कि इतने कम समय में सूचना ले आउं. आगे तेज बहादुर यादव ने कहा कि कल शाम 6.15 बजे चुनाव आयोग ने साक्ष्य देने को कहा था. हमने साक्ष्य तैयार कर लिए फिर भी मेरा नामांकन खारिज कर दिया गया. मैं चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाउंगा.

दरअसल, वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ सपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव की उम्मीदवारी पर उस समय संशय के बादल मंडराने लगे थे जब, उन्होंने अपने हलफनामे में दो अलग-अलग जानकारी दी थी. दरअसल, नामांकन के दौरान एक हलफनामा तेज बहादुर ने निर्दलीय के रूप में भरा था, जबकि दूसरा उसने सपा उम्मीदवार के रूप में दाखिल किया है.

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बता दें कि तेज बहादुर (Tej Bahadur Yadav) पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी दावेदारी पेश की थी, उसमें उन्होंने अपने हलफनामे में सेना से बर्खास्तगी की बात कही थी, लेकिन समाजवादी पार्टी की तरफ से जब उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया तो शायद इस तथ्य को छुपा लिया. नामांकन पत्र जांच के दौरान वाराणसी के रिटर्निंग अफसर को जब इस तथ्य की जानकारी मिली तो उन्होंने नोटिस भेजकर उनसे इसका जवाब मांगा है.