Odisha Election Results 2019: लोकसभा चुनाव-2019 (Election Results 2019) में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का जादू एक बार फिर लोगों के सिर चढ़कर बोला. बीजेपी का 'विजय रथ' उनके नेतृत्व में सरपट दौड़ रहा है. बीजेपी ने इन चुनावों में ऐसे राज्यों में भी हर किसी को चौंकाया जहां पांच माह पहले हुए चुनावों में उसे मुंह की खानी पड़ी थी. मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में उसने कांग्रेस को पीछे छोड़ा. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Election Results 2019)में बीजेपी ने 29 में से 28 सीटों जबकि राजस्थान (Rajsthan Election Results 2019) में सभी 25 सीटों पर बढ़त हासिल की है. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Election Results 2019) में भी 11 में से 9 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. अपने जनाधार वाले राज्यों के अलावा बीजेपी ने उस पश्चिम बंगाल में भी अपनी पैठ बनाई और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी को आत्मावलोकन करने पर मजबूर कर दिया. पश्चिम बंगाल में 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने केवल दो सीटें मिली थीं लेकिन 2019 के चुनाव में उसने इस पूर्वी राज्य में अपनी ताकत काफी बढ़ा ली है. पश्चिम बंगाल (West Bengal Election Results 2019)की 42 सीटों में से बीजेपी 19 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है और टीएमसी की बढ़त वाली 22 सीटों से थोड़ा ही पीछे है. जहां बीजेपी देश के ज्यादातर राज्यों में अपना वर्चस्व स्थापित करने में सफल रही, वहीं एक राज्य ऐसा रहा जहां पूरा जोर लगाने के बावजूद उसे अपेक्षा के अनुरूप सफलता नहीं मिली. जी हां बात हो रही है ओडिशा (Odisha Election Results 2019) की, जहां नवीन पटनायक (Naveen Patnaik)ने उसकी मंशा पर पानी फेरने का काम किया.
ओडिशा सरकार की तारीफ में बोले पीएम मोदी- नवीन बाबू ने बहुत अच्छा काम किया है
विधानसभा चुनावों में नवीन बाबू (Naveen Patnaik) की पार्टी BJD ने 146 में से 103 सीटों पर जीत हासिल करते हुए फिर सरकार बनाने में सफलता हासिल की है, वहीं लोकसभा चुनावों में भी पटनायक ने मोदी के असर का काफी सीमित रखा. ओडिशा (Odisha Election Results 2019) की 21 सीटों में से BJD ने 14 सीटों पर जीत हासिल की, हालांकि बीजेपी ने अपने प्रदर्शन को बेहतर किया लेकिन अपनी सीटों की संख्या को वह 7 से आगे नहीं बढ़ा पाई. यह स्थिति तब रही जब बीजेपी ने 'लुक ईस्ट' की रणनीति पर काम करते हुए ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. लुक ईस्ट की नीति के जरिये उसकी कोशिश यूपी से होने वाले नुकसान की भरपाई करने की थी. पश्चिम बंगाल में तो उसका प्रदर्शन बेहतरीन रहा लेकिन ओडिशा में पार्टी का जादू काम नहीं कर पाया. बीजेपी (BJP) ने बैजयंत पांडा (Baijayant Panda) सहित नवीन की पार्टी के कई नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल किया था लेकिन यह फार्मूला भी पूरी तरह कारगर नहीं रहा. बैजयंत, नवीन पटनायक के पूर्व सहयोगी हैं, वे केंद्रपाड़ा सीट से बीजेपी प्रत्याशी थे.
विधानसभा चुनावों में भी पार्टी ने पूरा जोर लगाया था. उसे उम्मीद थी कि इस बार वह इस पूर्वोत्तर राज्य में सरकार बनाने में सफल रहेगी, लेकिन नवीन पटनायक के विकासकार्य उसकी राह में बाधा बन गए. नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) की छवि चर्चा से दूर रहकर काम करने वाले राजनेता की है. देश के बेहद पिछड़े कहे जाने वाले राज्य ओडिशा के 'विकास पुरुष' का तमगा उन्हें हासिल है. कद्दावर नेता बीजू पटनायक (Biju Patnaik) के पुत्र नवीन भले ही करीब 20 साल से ओडिशा के सीएम हैं लेकिन अभी भी वे धाराप्रवाह उड़िया नहीं बोल पाते. हालांकि इस सीमितता के बावजूद नवीन बाबू की लोकप्रियता जबर्दस्त हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी चक्रवाती तूफान के कहर के दौरान उड़ीसा में किए गए राहत कार्यों के लिए नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) की सराहना कर चुके हैं. मितभाषी नवीन पटनायक भले ही कम बोलते हैं लेकिन उनका 'काम बोलता है' और इसी के सहारे वे ओडिशा विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने में सफल रहे.
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