विज्ञापन
This Article is From May 26, 2019

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद एमपी के CM कमलनाथ ने की इस्तीफे की पेशकश

लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की कुल 29 सीटों में से 28 सीट पर कब्जा कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस केवल एक सीट छिंदवाड़ा पर ही सिकुड़ गई. यह प्रदेश में भाजपा का अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन है.

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद एमपी के CM कमलनाथ ने की इस्तीफे की पेशकश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ. (फाइल तस्वीर)
भोपाल:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लहर के चलते भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की कुल 29 सीटों में से 28 सीट पर कब्जा कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस केवल एक सीट छिंदवाड़ा पर ही सिकुड़ गई. यह प्रदेश में भाजपा का अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन है. इससे पहले भाजपा ने मोदी की लहर के चलते वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की 29 में से 27 सीटों पर कब्जा किया था. तब कांग्रेस को दो सीटें छिंदवाड़ा एवं गुना मिली थी. लेकिन इस बार भाजपा ने गुना सीट को कांग्रेस से छीन ली है. प्रदेश में कांग्रेस को मिली हार के बाद मध्य प्रदेश के कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव दीपक बावरिया ने बताया, 'सीएम कमलनाथ ने मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की है.'

गुना लोकसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं चार बार लगातार सांसद रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे भाजपा के कृष्ण पाल यादव ने 1,25,549 मतों के अंतर से हरा कर उनसे यह सीट छीन ली है. करीब चार दशक पहले देश में लगे आपातकाल के बाद वर्ष 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में अविभाजित मध्य प्रदेश (मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़) में तत्कालीन भारतीय जनसंघ को कुल 40 सीटों में से 39 सीटें मिली थी, जबकि तब भी कांग्रेस केवल एक सीट छिन्दवाड़ा को ही अपनी झोली में डालने में कामयाब रही थी.

इस्तीफे पर अड़े राहुल गांधी तो CWC की बैठक में रो पड़े चिदंबरम, बोले- लोग सुसाइड कर सकते हैं

बता दें, भारतीय जनसंघ के खत्म होने के बाद ही वर्ष 1980 में भाजपा पैदा हुई है. भारतीय जनसंघ एवं भाजपा दोनों ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के राजनीतिक विंग हैं. वर्ष 2001 में मध्य प्रदेश के दो भाग कर मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ दो राज्य बनाये गये. अविभाजित मध्य प्रदेश की 40 लोकसभा सीटों में से 11 सीटें छत्तीसगढ़ में चली गई और 29 सीटें मध्य प्रदेश में रह गई.

ममता बनर्जी का चौंकाने वाला बयान, कहा- मैंने पार्टी से कहा था कि बतौर सीएम बनकर काम जारी नहीं रखना चाहती

भाजपा के केवल दो प्रत्याशी ही 90,000 एवं एक लाख के मतों के अंतर से जीते. बाकी सभी भाजपा प्रत्याशी एक लाख से पांच लाख के बड़े अंतर से विजयी रहे. अधिकांश सीटों पर भाजपा की जीत का अंतर पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले काफी बढा है. वहीं, छिन्दवाड़ा लोकसभा सीट से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ (कांग्रेस) ने भाजपा के नथन शाह को मात्र 37,536 मतों के अंतर से हराया. यह मध्य प्रदेश में इस बार हार का सबसे कम अंतर है.

प्रियंका को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के सुझाव पर बोले राहुल गांधी- मेरी बहन को इसमें मत खींचो 

भाजपा ने अपने मौजूदा 26 सांसदों में से 13 सांसदों को टिकट दिया था. इनमें से सभी ने जीत दर्ज की है. वहीं, कांग्रेस ने अपने तीन मौजूदा सांसदों में से केवल दो सांसदों ज्योतिरादित्य सिंधिया (गुना) एवं कातिलाल भूरिया (रतलाम) को मैदान में उतारा था, लेकिन ये दोनों सांसद अपनी सीट बचाने में कामयाब नहीं रहे. भाजपा ने चार महिलाओं प्रज्ञा सिंह ठाकुर (भोपाल), संध्या राय (भिण्ड), हिमाद्रि सिंह (शहडोल) एवं रीति पाठक (सीधी) को मध्य प्रदेश में टिकट दी थी. चारों अपनी-अपनी सीटें जीतने में कामयाब रहीं. इसके विपरीत कांग्रेस ने पांच महिलाओं को टिकट दिया था, जिनमें से सभी हार गई.

(इनपुट- एजेंसियां)

Video: इस्तीफे पर अड़े राहुल गांधी

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com