चुनाव आयोग लोकसभा चुनावों के दौरान सोशल मीडिया पर पैनी निगाह रखेगा. आयोग ने सोशल मीडिया कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ दूसरे दौर की बैठक के बाद बुधवार से ही सोशल मीडिया कंपनियों के लिए कोड आफ एथिक्स लागू करने का फैसला किया है जिससे लोकसभा चुनावों के दौरान किसी भी दुरुपयोग की कोशिश रोकी जा सके.
लोकसभा चुनावों के दौरान सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल न हो... फेक न्यूज़ को फैलने से रोका जा सके और सोशल मीडिया पर चुनावी कैंपेन के लिए राजनीतिक दलों के खर्च पर नज़र रखी जा सके. इसके लिए बुधवार को चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया कंपनियों के लिए कोड ऑफ़ एथिक्स लागू करने का फैसला किया है. चुनाव आयोग ने तय किया है कि माडल कोड ऑफ कंडक्ट की तर्ज़ पर लोकसभा चुनावों के दौरान सोशल मीडिया कंपनियों के लिए एक "Code
of Ethics" लाया जाएगा...जो उनकी जवाबदेही तय करेगा... अब सोशल मीडिया कंपनी को अपने यूज़र्स को बताना होगा कि चुनावों के दौरान वो क्या कंटेंट पोस्ट कर सकते हैं और क्या नहीं. आम यूज़र्स को यह भी बताना होगा कि वे दुरुपयोग से निपटने के लिए क्या-क्या कदम उठा रहे हैं. ऐतराज़ वाले कंटेंट को फौरन हटाना होगा और एक शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करना होगा जो चुनाव आयोग से लगातार संपर्क में रहेगा.
VIDEO : सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोका जाएगा
साफ है चुनावों के दौरान सोशल मीडिया पर कंटेट की मानिटरिंग पहली बार संस्थागत तरीके से करने का फैसला किया गया है. लेकिन करोड़ों सोशल मीडिया यूज़र्स की गतिविधियों पर नजर रखना आयोग के लिए आसान नहीं होगा और उसे दोषियों से सख्ती से कार्रवाई करने की रणनीति भी बनानी होगी.
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