उत्तर प्रदेश: क्या कहती है कन्नौज की सियासी आबोहवा, डिंपल यादव के प्रचार का आंखों देखा हाल

जिसका जलवा कायम है उसका नाम मुलायम है... मुलायम सिंह यादव के बड़ी बहू डिंपल यादव का ही जलवा है जिन्हें कन्नौज से जिताने के लिए के लिए कार्यकर्ताओं का जत्था 42 डिग्री तापमान में गांव-गांव घूम रहा है.

कन्नौज:

जिसका जलवा कायम है उसका नाम मुलायम है... ये मुलायम सिंह यादव के बड़ी बहू डिंपल यादव का ही जलवा है जिन्हें कन्नौज से जिताने के लिए के लिए कार्यकर्ताओं का जत्था 42 डिग्री तापमान में गांव-गांव घूम रहा है. कन्नौज से दस किलो दूर तिरवा में मायावती सपा परिवार के तीसरे सबसे अहम शख्स डिंपल यादव को जिताने के लिए पहुंच रही थी. यही वजह है ट्रैक्टर से लेकर पैदल चलकर लोग मायावती और अखिलेश को सुनने और डिंपल यादव को देखने कन्नौज से दस किमी दूर तिरवा पहुंच रहे थे. सभा स्थल पर भीड़ थी, धूल थी, उमस थी और अव्यवस्था भी. लेकिन उसके बावजूद लोग मायावती और यादव परिवार की झलक पाना चाहते थे. करीब दो घंटे लंबे इंतजार के बाद आखिरकार वो हेलीकॉप्टर दिखा जिसमें मायावती, अखिलेश और डिंपल सवार थे. 

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रैली में फिर नाच-गाने और नारेबाजी बुलंद होने लगती है. मंच पर यादव परिवार की बड़ी बहू डिंपल यादव मायावती के पैर छूती हैं, बदले में मायावती अपने लोगों को कहती हैं कि अखिलेश और डिंपल मुझे सम्मान देते हैं.अखिलेश यादव मुझे सम्मान देते हैं इनकी वजह से डिंपल से भी मेरा बहुत अच्छा रिश्ता है. ये पढ़ी लिखी और गंभीर महिला हैं. रैली में अखिलेश यादव डिंपल के साथ शादी और उसके बाद उनकी सियासत कैसे चमकी इसका जिक्र करना नहीं भूलते हैं. वो कहते हैं कि हर पुरुष की सफलता के पीछे महिला होती है. मेरी डिंपल के साथ शादी हुई फिर उसी साल आपने पहली बार मुझे कन्नौज से जिताकर भेजा इसीलिए आपसे पुराना रिश्ता है.

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गुरुवार को कन्नौज में रैली खत्म होने के बाद अखिलेश यादव मायावती के साथ दूसरी जगह प्रचार करने चले गए जबकि डिंपल यादव का काफिला कन्नौज में सतीश चंद्र मिश्रा की ससुराल में रुक गया है. यहां बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के बेटे, दामाद और बेटी से वो मिली. सतीश मिश्रा भी अपने परिवार समेत डिंपल को जिताने के लिए लगातार कन्नौज में बने हैं. ये डिंपल यादव हैं जिनके खिलाफ कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं उतारा और उनके व्यवहार के सामने शिवपाल यादव को प्रत्याशी वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा. डिंपल यादव कहती हैं कि चाचा जी को मैं धन्यवाद देती है इस लोकतंत्र में सबको चुनाव लड़ने का अधिकार है.

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6 अप्रैल को डिंपल यादव हरी साड़ी में नामांकन कराने के लिए जया बच्चन, अखिलेश यादव और सतीश मिश्रा के साथ कन्नौज पहुंची थी. अखिलेश और डिंपल की हर छोटी बड़ी बात की सपा कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा होती है लिहाजा डिंपल यादव के पसंदीदा रंग पर भी सवाल पूछा गया तो डिंपल यादव ने हंसते कहा कि हरा रंग खुशहाली का प्रतीक है अब आज मैने लाल रंग पहना है जो क्रांति का प्रतीक है आपने नीली शर्ट क्यों पहन रखी है आपका माइक लाल क्यों है जिसको जो पसंद होता है वो पहनता है. कन्नौज में डिंपल केवल दो दिन प्रचार करेंगी क्योंकि उनका दावा कि अब वो बीजेपी से बेहतर मुकाबला कर सकती हैं.

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शुक्रवार को उन्होंने कन्नौज में अखिलेश यादव के साथ मिलकर रोड शो किया. कन्नौज से गठबंधन की उम्मीदवार कहती हैं कि पिछले चुनाव में मैं बीजेपी को भांप नहीं पाई थी लेकिन इस बार हमारे कार्यकर्ता गांवों मे जा रहे हैं. बीजेपी यहां कड़ा मुकाबला दे रही है और 27 तारीख को खुद प्रधानमंत्री डिंपल के खिलाफ रैली करेंगे लिहाजा सपा परिवार की बहू को भी यहां पसीना बहाना पड़ रहा है.