सिंगापुर:
दक्षिण भारत से ताल्लुक रखने वाली सिंगापुर की एक अध्यापिका ने एक पुस्तक लिखी है जिसमें ब्रिटिशकाल में मलयाली समुदाय के लोगों के केरल से सिंगापुर आने की यात्रा और उनके बाकी के जीवन को बयां किया गया है.
‘‘फ्रॉम केरल टू सिंगापुर: वॉयस फ्रांम द सिंगापुर मलयाली कम्यूनिटी’’ नामक इस किताब को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन में अध्यापक प्रवासी भारतीय (एनआआरआई) अनीता देवी पिल्लई ने लिखा है जिसमें विस्तार से बताया गया है कि 19 के दशक में किस प्रकार से दक्षिण भारतीय राज्य केरल से लोग ब्रिटेश मलयाला (उस समय) और सिंगापुर आए.
‘स्ट्रेट्स टाइम्स’ की रिपोर्ट में अनीता के हवाले से कहा, ‘‘मैं जब अपना स्नातकोत्तर कर रही थी, तब मुझे एहसास हुआ कि समुदाय पर अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. तब मुझे पता लगा कि यह कितना व्यापक विषय है. यह महज 20 लोगों से बात करना भर नहीं था. मैं मलयाली समुदाय की समग्र तस्वीर पेश करना चाहती थी उनसे जुड़ी विभिन्न कथाएं बयां करना चाहती थी. ’’ ऑस्ट्रेलिया की एनआरआई पूवा अरूमुगम किताब की सह-लेखिका हैं. किताब लिखने में उनके पांच छात्रों ने भी उनकी मदद की है.
‘‘फ्रॉम केरल टू सिंगापुर: वॉयस फ्रांम द सिंगापुर मलयाली कम्यूनिटी’’ नामक इस किताब को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन में अध्यापक प्रवासी भारतीय (एनआआरआई) अनीता देवी पिल्लई ने लिखा है जिसमें विस्तार से बताया गया है कि 19 के दशक में किस प्रकार से दक्षिण भारतीय राज्य केरल से लोग ब्रिटेश मलयाला (उस समय) और सिंगापुर आए.
‘स्ट्रेट्स टाइम्स’ की रिपोर्ट में अनीता के हवाले से कहा, ‘‘मैं जब अपना स्नातकोत्तर कर रही थी, तब मुझे एहसास हुआ कि समुदाय पर अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. तब मुझे पता लगा कि यह कितना व्यापक विषय है. यह महज 20 लोगों से बात करना भर नहीं था. मैं मलयाली समुदाय की समग्र तस्वीर पेश करना चाहती थी उनसे जुड़ी विभिन्न कथाएं बयां करना चाहती थी. ’’ ऑस्ट्रेलिया की एनआरआई पूवा अरूमुगम किताब की सह-लेखिका हैं. किताब लिखने में उनके पांच छात्रों ने भी उनकी मदद की है.
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