नयी दिल्ली:
नई दिल्ली में शनिवार को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मरहूम महासचिव मौलाना सैयद निजामुद्दीन के जीवन पर लिखी गई किताब का लोकार्पण किया गया. यह पुस्तक आरिफ इकबाल ने लिखी है.
इस मौके पर कांग्रेस महासचिव शकील अहमद ने कहा कि शुरू से ही देश के मुसलमानों में शिक्षा की कमी रही है जिस वजह से उनकी स्थिति खराब है. हालांकि अब उनमें शिक्षा को लेकर जागरूकता आ रही है.
उन्होंने कहा कि देश में मुसलमान अपनी बदतर स्थिति के लिए खुद जिम्मेदार हैं क्योंकि उनमें शिक्षा की कमी है और यह कमी शुरू से ही रही है.
उन्होंने कहा कि इस्लाम ने शिक्षा को 1400 साल पहले ही जरूरी बना दिया था. इसलिए मुस्लिमों को शिक्षा जरूर लेनी चाहिए। शिक्षा से ही मुस्लिम हर मोर्चे पर अपना किरदार निभा सकते हैं. बहरहाल, पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि खुशी की बात यह है कि अब मुस्लिमों में शिक्षा के लिए जागरूकता आ गई है.
उन्होंने मुस्लिम युवकों से आह्वान किया कि उनका मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं में सिर्फ बैठना नहीं बल्कि टॉप करना होना चहिए.
राज्यसभा के पूर्व सदस्य मोहम्मद अदीब ने कहा कि अब यह वक्त आ चुका है कि मुसलमान हर क्षेत्र में अपने आप को आगे रखें और अपने हक के लिए आवाज उठाएं.
वहीं इस मौके पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने कहा कि इस्लाम का पैगाम (संदेश) भाईचारे का संदेश है और हमें इसीलिए दुनिया में भेजा गया है. हमारी वजह से किसी दूसरे मजहब के लोगों को तकलीफ नहीं होनी चाहिए.
इस मौके पर कांग्रेस महासचिव शकील अहमद ने कहा कि शुरू से ही देश के मुसलमानों में शिक्षा की कमी रही है जिस वजह से उनकी स्थिति खराब है. हालांकि अब उनमें शिक्षा को लेकर जागरूकता आ रही है.
उन्होंने कहा कि देश में मुसलमान अपनी बदतर स्थिति के लिए खुद जिम्मेदार हैं क्योंकि उनमें शिक्षा की कमी है और यह कमी शुरू से ही रही है.
उन्होंने कहा कि इस्लाम ने शिक्षा को 1400 साल पहले ही जरूरी बना दिया था. इसलिए मुस्लिमों को शिक्षा जरूर लेनी चाहिए। शिक्षा से ही मुस्लिम हर मोर्चे पर अपना किरदार निभा सकते हैं. बहरहाल, पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि खुशी की बात यह है कि अब मुस्लिमों में शिक्षा के लिए जागरूकता आ गई है.
उन्होंने मुस्लिम युवकों से आह्वान किया कि उनका मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं में सिर्फ बैठना नहीं बल्कि टॉप करना होना चहिए.
राज्यसभा के पूर्व सदस्य मोहम्मद अदीब ने कहा कि अब यह वक्त आ चुका है कि मुसलमान हर क्षेत्र में अपने आप को आगे रखें और अपने हक के लिए आवाज उठाएं.
वहीं इस मौके पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने कहा कि इस्लाम का पैगाम (संदेश) भाईचारे का संदेश है और हमें इसीलिए दुनिया में भेजा गया है. हमारी वजह से किसी दूसरे मजहब के लोगों को तकलीफ नहीं होनी चाहिए.
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