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कितना सही है छोटे बच्चे को गुदगुदी करना? डॉक्टर ने बताया ऐसा करने से क्या होता है

Parenting Tips: क्या छोटे बच्चे को गुदगुदी करना ठीक है? गुदगुदी से बच्चे के शरीर में क्या होता है, आइए जानते हैं-

कितना सही है छोटे बच्चे को गुदगुदी करना? डॉक्टर ने बताया ऐसा करने से क्या होता है
क्यों सही नहीं है बच्चे को गुदगुदी करना?

Parenting Tips: छोटे बच्चों को देखकर उनपर प्यार आना आम बात है. कई लोग बच्चों को हंसाने के लिए अक्सर उन्हें गुदगुदाने लगते हैं. अधिकतर लोगों का मानना होता है कि ये बच्चे को हंसाने का सबसे आसान तरीका है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करने से बच्चे को खुशी नहीं बल्कि गंभीर नुकसान हो सकते हैं? आइए हेल्थ एक्सर्ट्स से जानते हैं क्यों छोटे बच्चों को गुदगुदी नहीं करनी चाहिए या ऐसा करना उनके लिए किस तरह हानिकारक हो सकता है.

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क्यों सही नहीं है बच्चे को गुदगुदी करना?

इसे लेकर डॉक्टर मनन वोरा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में डॉक्टर बताते हैं, जब हम किसी बच्चे को गुदगुदाते हैं, तो वो जोर-जोर से हंसता है. लेकिन यह हंसी कई बार सिर्फ शरीर का रिफ्लेक्स एक्शन यानी स्वाभाविक प्रतिक्रिया होती है. इसका मतलब यह नहीं कि बच्चा सचमुच खुश है.

गुदगुदी से बच्चे के शरीर में क्या होता है?

सांस रुकना

डॉक्टर वोरा बताते हैं, गुदगुदी के दौरान बच्चे की सांस कुछ पलों के लिए रुक सकती है.

मांसपेशियों का तनाव

ऐसा करने से बच्चे की मसल्स टाइट हो जाती हैं, जिससे शरीर को आराम नहीं मिलता.

दिल की धड़कन बढ़ना

गुदगुदी करने से हार्ट रेट तेज हो सकता है, जो छोटे बच्चों के लिए जोखिम भरा है.

स्ट्रेस हार्मोन बढ़ना 

गुदगुदी करने से उल्टा बच्चे के शरीर में तनाव वाले हार्मोन बढ़ जाते हैं, जिससे बच्चा असहज महसूस कर सकता है.

दिमाग में उलझन

इन सब से अलग ऐसा करने से बच्चे का दिमाग मजे और घबराहट के बीच फर्क नहीं कर पाता है.

क्यों खतरनाक हो सकती है गुदगुदी?

डॉक्टर कहते हैं, इस कंडीशन में बच्चा बोलकर यह नहीं बता पाता कि उसे कैसा लग रहा है. बाहर से वह हंस रहा होता है, लेकिन अंदर से उसका शरीर घबराहट और तनाव महसूस कर सकता है. लंबे समय तक ऐसा करने से बच्चे में असुरक्षा या डर जैसी भावनाएं भी विकसित हो सकती हैं. ऐसे में बच्चों को गुदगुदाने से बचें, खासकर बहुत छोटे बच्चों को. अगर खेलना ही है, तो उनसे बातचीत करें, गाने सुनाएं या उनकी पसंद के खिलौनों से खेलें. बच्चे की हंसी तभी सही मानी जाएगी जब वह आराम से, बिना किसी दबाव के खुद से आ रही हो.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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