How to overcome laziness: आलस एक ऐसा एहसास है, जो कभी भी आपको घेर लेता है. कई बार हम काम शुरू करना चाहते हैं लेकिन मन नहीं लगता, शरीर भारी महसूस होता है और दिमाग सुस्त पड़ जाता है. अब, कभी-कभी ऐसा होना आम बात है, हालांकि अगर आपके साथ अक्सर ऐसा होता है या आलस के चलते आप कोई भी काम समय पर और ठीक तरीके से नहीं कर पाते हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार हो सकता है. इसे लेकर मशहूर योग गुरु और लेखिका डॉक्टर हंसा योगेन्द्र ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में योग गुरु ने 3 आसान तरीके बताए हैं, जिनकी मदद से आप आलस को तुरंत दूर कर शरीर में एनर्जी बढ़ा सकते हैं और खुद को एक्टिव रख सकते हैं. इससे न केवल आपका काम में मन लगेगा, बल्कि आप काम को और बेहतर तरीके से भी कर पाएंगे. आइए डॉक्टर हंसाजी से जानते हैं आलस आने पर क्या करें-
नंबर 1- अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें
इसके लिए योग गुरु सबसे पहले अनुलोम-विलोम प्राणायाम करने की सलाह देती हैं. वे कहती हैं, जब भी आपको आलस, थकान या ऊर्जा की कमी महसूस हो, सबसे पहले अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें. इससे दिमाग तुरंत शांत हो जाता है और शरीर एक्टिव होता है. डॉक्टर हंसाजी कहती हैं, अनुलोम-विलोम प्राणायाम शरीर की ईड़ा और पिंगला नाड़ी को संतुलित करता है, जिससे सुषुम्ना नाड़ी सक्रिय होती है. इसका असर यह होता है कि दिमाग के दोनों हिस्से बेहतर तरीके से काम करते हैं, शरीर से टॉक्सिन बाहर निकलते हैं और ऊर्जा स्तर बढ़ता है.
इसे करने के लिए सुखासन या पद्मासन में बैठें. दाहिनी नासिका बंद करके बाईं से सांस लें, थोड़ी देर रोकें और फिर दाहिनी नासिका से छोड़ें. ऐसे कम से कम 10 राउंड करें. धीरे-धीरे सांस की अवधि बढ़ाने का प्रयास करें.
नंबर 2- रोजाना सूर्य नमस्कार करेंअगर आप आलस्य को जड़ से खत्म करना चाहते हैं, तो सूर्य नमस्कार को अपनी दिनचर्या में शामिल करें. इससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है, रक्त संचार तेज होता है और शरीर एक्टिव महसूस करता है. यह हार्मोनल बैलेंस को भी सुधारता है और तनाव कम करता है. परिणामस्वरूप आपका मूड बेहतर रहता है, दिमाग तरोताजा रहता है और आलस आपसे दूर भागता है. खासकर खाली पेट सूर्य नमस्कार करने से शरीर दिनभर ऊर्जावान बना रहता है.
नंबर 3- हर काम के लिए समय और सीमा तय करेंडॉक्टर हंसा योगेन्द्र कहती हैं कि आलस तब पैदा होता है जब हमें लगता है कि हमारे पास बहुत समय है. यही सोच काम को टालने की आदत बना देती है. अगर आप हर काम के लिए समय तय कर लेंगे. जैसे कितने से कितने बजे तक पढ़ाई खत्म करनी है, कितनी देर में खाना खत्म करना है, आराम कब तक करना है या ऑफिस का काम कितनी देर में खत्म कर लेना है, तो आप ज्यादा केंद्रित और अनुशासित बनेंगे. जब हम किसी काम को तय समय में पूरा करने का लक्ष्य रखते हैं, तो दिमाग सक्रिय रहता है और आलस्य धीरे-धीरे खत्म हो जाता है.
योग गुरु कहती हैं, आलस्य आपके सपनों और अवसरों को छीन सकता है, लेकिन सही आदतें अपनाकर आप इसे आसानी से हरा सकते हैं. बस रोज कुछ मिनट प्राणायाम करें, सूर्य नमस्कार को रूटीन का हिस्सा बनाएं और अपने कामों के लिए समय तय करें. थोड़े से प्रयास से आप ज्यादा एक्टिव, एनर्जेटिक और सफल जीवन की ओर कदम बढ़ा सकते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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