Children's Health: बच्चे का इम्यून सिस्टम कमजोर हो, हाइजीन का ख्याल नहीं रखा जाता है, मैला पानी पीने पर या फिर कुछ सड़ा-गला खा लेने पर पेट के कीड़ों की दिक्कत हो सकती है. पेट की कीड़े (Stomach Worms) कई अलग-अलग तरह के हो सकते हैं जैसे पिनवॉर्म, व्हिपवॉर्म, टेपवॉर्म या फिर फ्लुक्स आदि. इन पेट के कीड़ों को पहचानकर जल्द से जल्द जरूरी सावधानी बरतने पर इनसे छुटकारा पाया जा सकता है. ऐसे में हौम्योपेथी डॉक्टर टीना बता रही हैं कि कैसे पहचानें बच्चे के पेट में कीड़े हैं या नहीं और अगर कीड़े हैं तो इन कीड़ों से किस तरह छुटकारा पाया जा सकता है.
कैसे पहचानें कि बच्चे के पेट में कीड़े हैं
डॉक्टर के अनुसार, अगर आपका बच्चा स्वभाव में पहले से बहुत ज्यादा चिड़चिड़ा हो गया है, उसके चेहरे पर छोटे-छोटे सफेद तकत्ते नजर आ रहे हैं, रात को सोते वक्त वो दांत किटकिटाता है, कभी-कभी अचानक पेट में दर्द (Stomachache) की शिकायत करता है या फिर उसको शरीर में कहीं भी खुजली होती है और बहुत जल्दी आपका बच्चा थक जाता है तो ऐसे में आपको समझ जाना चाहिए कि आपके बच्चे के पेट में कीड़े हैं. डॉक्टर का कहना है कि अगर बच्चे के पेट में कीड़े हैं तो हौम्योपेथी की एक दवा है चिना 200. इस दवाई को बच्चे को दिया जा सकता है, हालांकि एकबार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.
बच्चों के पेट में कीड़े होने की एक वजह है कि छोटे बच्चों को सफाई की समझ नहीं होती है, वे अगर कुछ भी उठाकर खा लेते हैं और कई बच्चे नाखून मुंह में ले लेते हैं तो ऐसे में बच्चे के पेट में कीड़े पड़ सकते हैं. डॉक्टर टीना का कहना है कि 6 महीने से लेकर 15 साल के बच्चों को हर 15 दिन में चिना 200 दवाई दी जानी चाहिए. इस दवाई के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं और बच्चे की हाइट में कोई रुकावट नहीं आती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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