Ashwagandha vs Shatavari: आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जो महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए फायदेमंद है. ऐसी ही दो जड़ी बूटी हैं अश्वगंधा और शतावरी, लेकिन अक्सर लोगों के मन में सवाल रहता है कि महिलाओं और पुरुषों के लिए अश्वगंधा और शतावरी दोनों में से कौन सी फायदेमंद है. आयुर्वेद के जाने-माने विशेषज्ञ नित्यानंदम श्री ने अपने यूट्यूब चैनल पर अश्वगंधा और शतावरी के फायदे बताए हैं. नित्यानंदम श्री के मुताबिक, महिलाओं के लिए शतावरी चूर्ण लाभकारी होता है और पुरुषों के लिए अश्वगंधा चूर्ण फायदेमंद होता है. चलिए आपको बताते हैं अश्वगंधा और शतावरी के फायदे क्या होते हैं.
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महिलाओं के लिए अश्वगंधा या शतावरी?
नित्यानंदम श्री के मुताबिक, महिलाओं को शतावरी चूर्ण और पुरुषों को अश्वगंधा चूर्ण दिया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि महिलाओं का शरीर कोमल और सेंसिटिव होता है. गरम औषधियां महिलाएं ले तो सकती हैं, लेकिन उसकी वजह से मासिक चक्र कई बार या अधिक हो जाता है या फिर समय से पहले हो जाता है. मासिक चक्र के साथ को बदलाव नहीं हो, उसे बैलेंस में रखा जा सकते. इसलिए महिलाओं के लिए शतावरी का इस्तेमाल सुरक्षित माना जाता है.
नित्यानंदम श्री के मुताबिक, शतावरी चूर्ण लड़कियों, महिलाओं या फिर बुजुर्ग महिलाओं को भी दिया जा सकता है. शतावरी को इसकी तासीर ठंडी होती है, लेकिन जब इसको सुखाकर चूर्ण बनाया जाता है तो न ही ठंडा रहता है और न ही गर्म यानी मध्यम लेवल का हो जाता है. शतावरी महिलाओं के लिए एक बेहतरीन यूटेराइन टॉनिक की तरह काम करती है. शतावरी का सेवन महिलाओं के हार्मोनल बैलेंस को सुधारता है, मासिक धर्म को नियमित करता है और प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है. हालांकि, महिलाएं अश्वगंधा भी खा सकती हैं.
- तनाव से राहत- शतावरी शारीरिक और भावनात्मक तनाव को कम करने में मदद करती है.
- पाचन में सुधार- यह पाचन को बेहतर बनाने, पेट फूलना कम करने और एसिडिटी जैसी समस्याओं में राहत देने में मदद कर सकती है.
- त्वचा और बाल- यह त्वचा और बालों की गुणवत्ता में सुधार कर सकती है.
अगर, बात कि जाए पुरुषों की तो नित्यानंदम श्री के मुताबिक, पुरुषों को अश्वगंधा दिया जाता है. पुरुषों को रात या सुबह दोनों समय अश्वगंधा चूर्ण ले सकते हैं. अगर, रात में पुरुषों को अश्वगंधा लेने के बाद पच जाए तो रात में अच्छा माना जाता है. पुरुषों के लिए अश्वगंधा कई फायदे प्रदान करती है, जैसे टेस्टोस्टेरोन के लेवल में वृद्धि, मांसपेशियों की ताकत और सहनशक्ति में सुधार, तनाव और चिंता में कमी आदि. हालांकि, शतावरी और अश्वगंधा दोनों का काम एक जैसा ही होता है. दोनों ही फायदेमंद होते हैं.
अश्वगंधा या शतावरी कितने दिन लेनी चाहिए?नित्यानंदम श्री के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति अगर 2 से 3 महीना को औषधि ले और इसके बाद 1 महीने तक बंद कर देनी चाहिए. इसके बाद चेक करे कि जो औषधि ली थी उसका असर अभी बरकरार है या फिर से कमजोरी या समस्या आ रही है. अगर, फिर से दिक्कत आ रही है तो 15-20 दिन के ब्रेक के बाद फिर 2-3 महीने औषधि लेनी चाहिए.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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