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मजबूरी में बेटों खेत जुतवाने की कहानी वायरल, मदद करने पहुंचा अधिकारी, मगर सच जान खिसक गई पैर के नीचे की जमीन

सोशल मीडिया पर एक किसान की बेबसी की कहानी वायरल हो रही थी, लेकिन सीएम हेमंत सोरेन के आदेश के बाद जब अधिकारी किसान की मदद करने पहुंचे तो पूरा मामला ही कुछ और निकला.

मजबूरी में बेटों खेत जुतवाने की कहानी वायरल, मदद करने पहुंचा अधिकारी, मगर सच जान खिसक गई पैर के नीचे की जमीन
  • झारखंड के चरहु गांव के किसान लीला उरांव का वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर उनकी तंगहाली और बेबसी को दिखा रहा था.
  • मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वीडियो को देखने के बाद बाद तुरंत किसान को मदद पहुंचाने के निर्देश दिए, जिसके बाद अधिकारी घटनास्थल का निरीक्षण करने पहुंचे.
  • लोहरदगा उपायुक्त डॉ कुमार ताराचंद ने जांच के बाद पाया कि वीडियो में दिखाया गए किसान की बेबसी और आर्थिक तंगहाली की खबर झूठी है.
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रांची:

सोशल मीडिया की दुनिया के अपने नफे नुकसान है, आए दिन सोशल मीडिया पर लोगों की मजबूरी और तंगहाली की कहानियां वायरल होती रहती है. ऐसे मामले में सरकार से लेकर लोग तक वायरल वीडियो में दिख रहे लोगों तक पहुंच उन्हें मदद भी करते हैं. हाल ही में एक ऐसी ही कहानी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई. जिसमें वीडियो शेयर कर बताया गया कि वज्रपात में बैल मरे, खेती उजड़ी. जब मदद नहीं मिली तो दिव्यांग किसान लीला उरांव ने बेटों से ही हल खिंचवाना शुरू कर दिया. झारखंड के लोहरदगा के चरहु गांव की यह तस्वीर सिस्टम की संवेदनहीनता की मिसाल है. किसान टूटा नहीं, बेटों संग फिर जोत रहा है ज़मीन.

मदद करने पहुंचे अधिकारी, किसान की कहानी झूठी

फिर क्या था ये मामला भी देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोग मदद की पेशकश करने लगे. इस बीच जैसे ही ये वीडियो सीएम हेमंत सोरेन तक पहुंचा उन्होंने तुरंत इस मामले में किसान को मदद पहुंचाने को कहा. सीएम का आदेश मिलते ही हड़कंप मच गया और किसान को खोजा जाने लगा. लोहरदगा उपायुक्त डॉ कुमार ताराचंद खुद अधिकारियों के साथ चरहु गांव पहुंचे और किसान लीला उरांव से मिलकर उनके खेत का निरीक्षण किया तब जाकर पता चला कि ये तो मामला ही कुछ और है. जी हां, दरअसल किसान लीला उरांव का वीडियो किसी ने मजाक में बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया जो वायरल हो गया.

सोशल मीडिया पर भ्रामक खबर फैलाने वाले पर होगा एक्शन

किसान लीला उरांव के बैलों की मौत भी बिजली गिरने से नहीं हुई और ना ही उनके बच्चों के द्वारा हल खिंचवाया जा रहा था. खेत की पहले ट्रैक्टर से जुताई हुई थी जिसे समतल करने के लिए पट्टा चलाया जा रहा था.  मामले को देखने के बाद लोहरदगा उपायुक्त ने कहा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जो देखने में काफी हृदय विदारक था. लेकिन जब स्थल का निरीक्षण किया गया तो पाया गया वीडियो में कुछ भी सच्चाई नहीं थी खेत की ट्रैक्टर से जुताई की गई थी. जिसके बाद समतल किया जा रहा था और किसान लीला उरांव की बैलों की मौत भी बिजली गिरने से नहीं हुई है. मामले को लेकर जांच की जा रही . इस तरह से झूठी खबर को वायरल करने पर सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है.

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