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This Article is From Jun 22, 2018

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, घाटी के हालात करेंगे चर्चा

म्मीद की जा रही है कि राज्य से सियासी हालात पर इस बैठक में समीक्षा होगी और राज्यपाल सभी दलों को कुछ निर्देश भी दे सकते हैं.

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, घाटी के हालात करेंगे चर्चा
राज्यपाल एनएऩ वोहरा (फाइल फोटो)
श्रीनगर: पीडीपी-बीजेपी गठबंधन टूटने और राज्यपाल शासन लागू होने के बाद राज्यपाल एनएन वोहरा ने पहली बार राज्य से सियासी हालात के मद्देनजर आज यानी शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. बता दें कि कि  राज्य में भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार गिरने के एक दिन बाद जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू किया गया था. उम्मीद की जा रही है कि राज्य से सियासी हालात पर इस बैठक में समीक्षा होगी और राज्यपाल सभी दलों को कुछ निर्देश भी दे सकते हैं. साथ ही बताया जा रहा है कि राज्य की स्थिति-परिस्थितियों का भी बैठक में जायजा लेंगे.

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बता दें कि भाजपा ने 'व्यापक राष्ट्रीय हित' और 'सुरक्षा हालात के बिगड़ने' का जिक्र करते हुए क्षेत्रीय दल पीडीपी के साथ करीब तीन साल पुराना अपना गठबंधन तोड़ दिया था. एक गजट अधिसूचना के मुताबिक वोहरा ने राज्यपाल शासन को हटाए जाने की घोषणा होने तक विधानसभा को निलंबित स्थिति में रख दिया है. मौजूदा विधानसभा का छह साल का कार्यकाल मार्च 2021 में खत्म हो रहा है. अधिकारियों के मुताबिक राज्यपाल ने राज्य की स्थिति पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय पार्टियों की प्रदेश इकाई के प्रमुखों सहित सभी पार्टी प्रमुखों की एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. उन्होंने कहा कि बैठक शाम में होगी.

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जम्मू एवं कश्मीर की 87-सदस्यीय विधानसभा के लिए वर्ष 2014 में 25 नवंबर और 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में चुनाव करवाए गए थे, जिनमें तत्कालीन सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस की हार हुई, और कांग्रेस के साथ गठबंधन में सरकार चला रही पार्टी को सिर्फ 15 सीटों से संतोष करना पड़ा. दूसरी ओर, वर्ष 2008 में सिर्फ 11 सीटों पर जीती BJP ने इस बार 'मोदी लहर' में 25 सीटें जीतीं, और 52 दिन के गवर्नर शासन के बाद पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की PDP को समर्थन देकर सरकार बनवा दी.

 1 मार्च, 2015 को सत्तासीन हुए सईद का जनवरी, 2016 में देहावसान होने के कारण सरकार फिर संकट में आ गई, और राज्य में एक बार फिर गवर्नर शासन लगाना पड़ा. इस बार 88 दिन तक गवर्नर शासन लगा रहने के बाद सईद की पुत्री महबूबा मुफ्ती को समर्थन देकर BJP ने फिर सरकार बनवाई, जो मंगलवार को समर्थन वापसी के ऐलान के साथ ही गिर गई है.

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