योग गुरू रामदेव ने बुधवार को कहा कि 500 वर्षों के सतत संघर्ष और 25 पीढ़ियों के बलिदान के बाद 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का गौरवशाली दिन विश्व इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा . विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक तिवारी द्वारा रामजन्मभूमि अयोध्या में राम मंदिर में रामलला विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण पत्र सौंपे जाने के दौरान पतंजलि संस्थापक ने यह बात कही .
रामदेव ने कहा कि 500 वर्षों के सतत संघर्ष और असंख्य हुतात्माओं के बलिदान के बाद यह गौरवशाली दिन विश्व इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा. उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर के गृर्भगृह में भगवान रामलला विराजमान होंगे और 25 पीढ़ियों के बलिदान, त्याग और समर्पण के प्रतिफल स्वरूप प्राप्त इस भव्य आयोजन की साक्षी वर्तमान पीढ़ी बनेगी, जिसने इसके वर्तमान के संघर्ष और विजय को प्रत्यक्ष देखा.
उन्होंने कहा,‘‘ मैं अभिभूत हूं और बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि मैं भगवान के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का साक्षी बनूंगा.'' स्वामी रामदेव ने बताया कि वह राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित होने के लिए निजी विमान से अयोध्या पहुंचेंगे. इस अवसर पर तिवारी ने कहा कि संपूर्ण विश्व में भारतीय संस्कृति का सूर्योदय हो रहा है और श्रीराम जन्मभूमि का संघर्ष विश्व का सबसे लंबा संघर्ष है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के लिए विहिप का सबसे बड़ा आंदोलन 35 वर्ष तक अनवरत चला और लगभग 16 करोड़ रामभक्तों ने इसमें प्रत्यक्ष भाग लिया.
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