उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक रेप पीड़िता काफी लंबे अरसे से इंसाफ की बाट जोह रही थी. अब आखिरकार 30 साल के लंबे इंतजार के बाद महिला को अपने बेटे की मदद से जाकर न्याय मिल ही गया. एक रेप पीड़ित महिला का दर्द दुनिया में शायद ही कोई समझ सकें. ये दर्द तब और बढ़ जाता है जब न्याय की डगर इतनी लंबी हों. लेकिन इसके बावजूद महिला अपने लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ती रही और उसने हार नहीं मानी. इस महिला की जीवटता दुनिया के लिए हर शख्स के लिए किसी प्रेरण से कम नहीं.
क्या है ये पूरा मामला, जिसमें 30 साल बाद मिला इंसाफ
दरअसल पीड़िता के साथ 30 साल पहले 1994 में दो पुरुषों ने रेप किया था. तब महिला की महज 12 साल थी. पीड़िता ने इस मामले में पुलिस में केस दर्ज कराया. महिला ने समाज के डर को पीछे छोड़ते हुए अपने लिए इंसाफ मांगा और आखिरकार वो वक्त आ ही गया जब वो दोषियों को सजा होते देख रही है. महिला की ये लड़ाई लड़ाई काफी लंबी रही. शाहजहांपुर की एक अदालत ने बुधवार को दोनों को 10 साल की जेल की सजा सुनाई और उन पर 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया.
मां को इंसाफ दिलाने में बेटे ने की मदद
आखिरकार महिला अपने गुनहगारों को जेल जाते देख रही है, इस लड़ाई में उसके बेटे ने भी मदद की. महिला ने समाज के डर से बचपन में ही छोड़ दिया था, लेकिन बाद में उसने बेटे को फिर से ढूंढ निकाला. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट महिला की जिंदगी के सबसे बुरे दौर की कहानी बयां करती है. जिसमें पीड़िता ने उम्मीद जताई कि उसके जीवन का लंबा, काला अध्याय अब पीछे छूट गया है.
महिला ने कहा कि शाहजहांपुर का नाम सुनते ही मैं डर से सिहर जाती थी और उसे चिंता और घबराहट होने लगती थी. यह मेरा बेटा ही था जिसने मुझे अपने बलात्कारियों से लड़ने की ताकत दी, अब मुझे कोई डर नहीं है. पीड़िता ने कहा कि इतनी कम उम्र में गर्भवती हो गई. बेटे को जन्म देने में कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ा. रिश्तेदारों और पड़ोसियों के साथ पीड़िता के माता-पिता के दबाव के कारण महिला ने बच्चे को छोड़ भी दिया था.
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