नई दिल्ली:
भारतीय वायुसेना ने रिश्वतखोरी के आरोपी विंग कमांडर एके ठाकुर को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। साल 2011 में बेंगलुरु में हुए एयरो इंडिया शो के दौरान ठाकुर को फ्रांस की एक रक्षा कंपनी के अधिकारियों से कथित तौर पर 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगते हुए पकड़ा गया था।
वायुसेना के सूत्रों ने आज बताया कि जनरल कोर्ट मार्शल ने पाया कि ठाकुर ने फरवरी 2011 में शो के दौरान फ्रांसीसी रक्षा कंपनी ‘दशॉ एविएशन’ से वाकई रिश्वत मांगी थी। जनरल कोर्ट मार्शल द्वारा दोषी पाए जाने के बाद ठाकुर को वायुसेना ने बर्खास्त कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि ठाकुर पर आरोप था कि उन्होंने दो साल में एक बार होने वाले एयर शो के दौरान ‘दशॉ एविएशन’ के अधिकारियों से वादा किया कि वह उसके ‘रॉफेल’ विमान को विमानों की प्रदर्शनी वाले हिस्से में ‘ज्यादा फायदे वाली जगह’ आवंटित करेंगे और इसी काम के लिए उन्होंने कंपनी से रिश्वत की मांग की।
वायुसेना के सूत्रों के मुताबिक, ‘दशॉ एविएशन’ के जिस अधिकारी ने वायुसेना अधिकारी के खिलाफ शिकायत की, वह भी ग्रुप कैप्टन रैंक के एक अधिकारी की अध्यक्षता वाले जनरल कोर्ट मार्शल के सामने पेश हुआ था।
भारतीय वायुसेना के करोड़ों डॉलर के लड़ाकू विमानों का करार हासिल कर चुकी ‘दशॉ एविएशन’ इस घटना के वक्त निविदा के छह प्रमुख प्रतिस्पर्धियों में से एक थी।
जनरल कोर्ट मार्शल ने ठाकुर को बर्खास्त करने की सिफारिश पिछले साल ही कर दी थी पर इसकी तस्दीक अब तक नहीं हो सकी थी क्योंकि उन्होंने राहत की गुहार लगाते हुए अदालतों की शरण ली थी।
(इनपुट भाषा से भी)
वायुसेना के सूत्रों ने आज बताया कि जनरल कोर्ट मार्शल ने पाया कि ठाकुर ने फरवरी 2011 में शो के दौरान फ्रांसीसी रक्षा कंपनी ‘दशॉ एविएशन’ से वाकई रिश्वत मांगी थी। जनरल कोर्ट मार्शल द्वारा दोषी पाए जाने के बाद ठाकुर को वायुसेना ने बर्खास्त कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि ठाकुर पर आरोप था कि उन्होंने दो साल में एक बार होने वाले एयर शो के दौरान ‘दशॉ एविएशन’ के अधिकारियों से वादा किया कि वह उसके ‘रॉफेल’ विमान को विमानों की प्रदर्शनी वाले हिस्से में ‘ज्यादा फायदे वाली जगह’ आवंटित करेंगे और इसी काम के लिए उन्होंने कंपनी से रिश्वत की मांग की।
वायुसेना के सूत्रों के मुताबिक, ‘दशॉ एविएशन’ के जिस अधिकारी ने वायुसेना अधिकारी के खिलाफ शिकायत की, वह भी ग्रुप कैप्टन रैंक के एक अधिकारी की अध्यक्षता वाले जनरल कोर्ट मार्शल के सामने पेश हुआ था।
भारतीय वायुसेना के करोड़ों डॉलर के लड़ाकू विमानों का करार हासिल कर चुकी ‘दशॉ एविएशन’ इस घटना के वक्त निविदा के छह प्रमुख प्रतिस्पर्धियों में से एक थी।
जनरल कोर्ट मार्शल ने ठाकुर को बर्खास्त करने की सिफारिश पिछले साल ही कर दी थी पर इसकी तस्दीक अब तक नहीं हो सकी थी क्योंकि उन्होंने राहत की गुहार लगाते हुए अदालतों की शरण ली थी।
(इनपुट भाषा से भी)
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