कांग्रेस उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की 80 लोकसभा सीटों पर अखिलेश यादव के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस को अमेठी और रायबरेली समेत 17 सीटें लड़ने के लिए मिली हैं. हालांकि, अमेठी और रायबरेली सीट पर कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है. इन दोनों ही सीटों पर संशय बना हुआ है. ये दोनों सीटें अहम हैं, क्योंकि ये सीटें हमेशा गांधी परिवार का गढ़ रही हैं. हालांकि, 2019 में राहुल गांधी अमेठी सीट हार गए थे.
उन्होंने कहा, "अमेठी के लोग चाहते हैं कि अगर मैं सियासत में पहला कदम रखूं और सांसद बनने की सोचता हूं तो अमेठी को ही अपना क्षेत्र बनाऊं." उन्होंने बताया कि साल 1999 में मैंने प्रियंका गांधी के साथ अमेठी में चुनाव प्रचार भी किया था.
अमेठी में वाड्रा ने स्मृति ईरानी पर भी निशाना साधा
वाड्रा ने अमेठी में स्मृति ईरानी पर भी निशाना साधा, उन्होंने कहा कि अमेठी के लोगों को लगता है कि उनसे 2019 में गलती हो गई. उन्होंने कहा, "अमेठी की सांसद से वहां के लोग बहुत परेशान हैं. अमेठी के लोगों को लगता है कि उनसे गलती हुई है, क्योंकि सांसद का वहां ज्यादा आना जाना नहीं है. सांसद अमेठी के लोगों की तरक्की के बारे में नहीं सोचती हूं. उन्हें बस गांधी परिवार पर बेबुनियाद आरोप, सवाल उठाने और शोरशराबा करना ही दिखता है. मैं देखता हूं कि वो ज्यादात्तर समय उसी में लगी रहती हैं."
Delhi | On UP's Amethi Lok Sabha constituency, Robert Vadra says, "...The people of Amethi expect me to represent their constituency if I decide to become a member of Parliament...For years, the Gandhi family worked hard in Rae Bareli, Amethi and Sultanpur...The people of Amethi… pic.twitter.com/2kdmgQtrvv
— ANI (@ANI) April 4, 2024
साथ ही उन्होंने कहा कि गांधी परिवार ने वर्षों से रायबरेली, अमेठी और सुल्तानपुर क्षेत्र में बहुत मेहनत की है. इन क्षेत्रों के लोगों की खूब तरक्की हुई. लेकिन अब अमेठी के लोगों को लगता है कि उनसे 2019 में गलती हो गई. अब अमेठी के लोग चाहते हैं कि गांधी परिवार का कोई सदस्य आए और उसे वो भारी बहुमत से जिताएं.
2019 में राहुल गांधी को मिली थी हार
राहुल गांधी 2014 में अमेठी से जीते थे लेकिन 2019 में भाजपा की स्मृति ईरानी से हार गए थे. उनकी मां सोनिया गांधी ने 2014 के साथ-साथ 2019 में भी रायबरेली से जीत हासिल की थी लेकिन उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगी. ये भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि प्रियंका गांधी वाड्रा को भी दोनों सीटों में से किसी एक से उतारा जा सकता है.
बता दें, लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश की 80 सीट पर सभी सात चरणों में मतदान होना है. अंतिम चरण का मतदान 1 जून को समाप्त होगा और वोटों की गिनती 4 जून को होगी. साल 2019 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा ने राज्य में अकेले 62 सीट जीती थीं, जबकि 2014 के चुनावों में उसे 71 सीट मिली थीं. उसके सहयोगी दलों ने भी दोनों बार कुछ सीट जीतीं.
यूपी की कौनसी सीटों पर लड़ेगी कांग्रेस?
कांग्रेस उत्तर प्रदेश की बांसगांव, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, मथुरा, सीतापुर, सहारनपुर, देवरिया, वाराणसी, गाजियाबाद, बाराबंकी, फतेहपुर सीकरी, प्रयागराज, महाराजगंज, रायबरेली, अमेठी और कानपुर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ेगी. इनमें से केवल अमेठी, रायबरेली और प्रयागराज सीट से उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया गया है.
किसे कहां से उतारा?
बांसगांव से सदल प्रसाद, सहारनपुर से इमरान मसूद, देवरिया से अखिलेश प्रताप सिंह, महाराजगंज से वीरेंद्र चौधरी, वाराणसी से अजय राय, अमरोहा से दानिश अली, झांसी से प्रदीप जैन आदित्य, बुलंदशहर से शिवराम वाल्मीकि, मथुरा से मुकेश धनगर, सीतापुर से राकेश राठौर, गाजियाबाद से डॉली शर्मा, बाराबंकी से तनुज पुनिया, फतेहपुर सीकरी से राम नाथ सिकरवार और कानपुर से आलोक मिश्रा को चुनाव मैदान में उतारा है.
ये भी पढ़ें- :
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं