कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले में जन्में वीजी सिद्धार्थ (VG Siddhartha) ने अपने करियर की शुरुआत 1983-84 में मुंबई स्थित जेएम फाइनेंसियल लिमिटेड में बतौर मैनेजमेंट ट्रेनी व इंटर्न के तौर पर शुरू किया था. उस समय वह 24 साल के थे. मुंबई में दो साल रहने के बाद वह (VG Siddhartha) बेंगलुरु वापस लौटे और उन्होंने अपना कारोबार शुरू किया. अपना कारोबार शुरू करने के करीब 15 साल बाद सिद्धार्थ (VG Siddhartha) ने राज्य में कॉफी चेन की शुरुआत की. वह अपने जिले चिकमंगलूर में कॉफी पैदा करते थे. वह सालाना करीब 28 हजार टन कॉफी बाहर भेजने और करीब दो हजार टन कॉफी स्थानीय बाजार में भी बेचते थे. जिसकी बाजार में कुल कीमत 35 करोड़ रुपये थी. सिद्धार्थ (VG Siddhartha) ने 1992 में कॉफी पैदा करने और बेचने के लिए अमलगमेटेड बीन कंपनी (एबीसी) के नाम से अपनी कंपनी शुरू की थी. शुरुआत में इस कंपनी का सालाना टर्नओवर छह करोड़ रुपये का था. लेकिन दिन पर दिन कारोबार में इजाफे के साथ उनकी इस कंपनी का कुछ ही साल में टर्नओवर 25 अरब रुपये हो गया.
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12 हजार एकड़ से ज्यादा की जमीन पर कॉफी उगाने वाले इस कारोबारी का मौजूदा समय में देश में 200 से ज्यादा रीटेल थे. जहां से वह अपने ब्रांड की कॉफी पूरे दक्षिण भारत में उपलब्ध करवाते थे. एबीसी ग्रीन कॉफी निर्यात करने वाली भारत की सबसे बड़ी कंपनी थे. सिद्धार्थ कर्नाटक के पहले इंटरप्रेन्योर थे जिन्होंने 1996 में सीसीडी की स्थापना की थी. अब सीसीडी देश का सबसे बड़ा कॉफी चेन बन चुका थे. देश के 209 शहरों में इसका जाल फैला था. मंगलुरु विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में मास्टर्स करने वाले सिद्धार्थ ने पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा की बेटी से शादी की.
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गौरतलब है कि वीजी सिद्धार्थ के लापता होने के बाद एएनआई ने उनके द्वारा लिखा गया एक कथित पत्र अपने ट्विटर हैंडल से साझा किया था. इस खत में उन्होंने टैक्स ऑफिसर द्वारा प्रताड़ित करने की बात कही थी. एएनआई के अनुसार उन्होंने (VG Siddhartha) इस खत में लिखा था कि वह इस बात से खुश नहीं थे कि उन्होंने इतनी मेहनत के बाद भी अपने बिजनेस को ऐसा नहीं बना सके कि उससे बेहतर मुनाफा कमाया जा सके. एएनआई ने सिद्धार्थ (VG Siddhartha) के उस लेटर को ट्वीट किया जिसमें उन्होंने (VG Siddhartha) लिखा था कि मैं अपनी तमाम कोशिश के बाद भी मुनाफे वाला कारोबार को स्थापित करने में विफल रहा हूं. मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि मैंने ऐसा करने के लिए हर संभव कोशिश की. मैं उन सभी लोगों से माफी मांगना चाहता हूं जिन्होंने मुझपर भरोसा जताया. मैं लंबे समय से लड़ रहा था लेकिन आज मैंने उम्मीद छोड़ दी है. क्योंकि मैं इससे ज्यादा तनाव नहीं ले सकता.
Founder & owner, Cafe Coffee Day (CCD), #VGSiddhartha's letter to employees and board of directors of CCD, states, "Every financial transaction is my responsibility...the law should hold me & only me accountable."; He has gone missing from Mangaluru, search operation underway. pic.twitter.com/0GJc5vmvYt
— ANI (@ANI) July 30, 2019
पूर्व विदेश मंत्री और कर्नाटक के पूर्व मख्यमंत्री एसएम कृष्णा के दामाद वीजी सिद्धार्थ (VG Siddhartha) मंगलुरु से लापता थे. सिद्धार्थ कैफे कॉफी डे (Café Coffee Day) के संस्थापक हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें आखिरी बार नेत्रवति नदी के पास देख गए थे. उनको ढूंढ़ने के लिए तलाशी अभियान जारी थी. बेंगलुरु में लोग एसएम कृष्णा के घर के बाहर इकट्ठा होने लगे थे. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार और बीएल शंकर भी एसएम कृष्णा के घर पहुंचे.तस्वीरों में देखा जा सकता है कि पुल पर कुछ लोग खड़े हैं. इसके अलावा कुछ पुलिसकर्मी नाव पर भी नदी में उनकी तलाश कर रहे हैं.
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पुलिस के अनुसार कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस. एम. कृष्णा (SM Krishna) के दामाद सिद्धार्थ सक्लेश्पुर जा रहे थे लेकिन अचानक उन्होंने अपने चालक से मंगलुरु चलने को कहा. पुलिस ने बताया कि दक्षिण कन्नड़ जिले के कोटेपुरा इलाके में नेत्रवती नदी पर बने पुल के पास वह कार से उतर गए और उन्होंने चालक से कहा था कि वह टहलने जा रहे हैं. दक्षिण कन्नड़ जिले के उपायुक्त सेंथिल शशिकांत सेंथिल ने कहा था उन्होंने (सिद्धार्थ) चालक से उनके आने तक रुकने को कहा. जब वह दो घंटे तक वापस नहीं आए तो चालक ने पुलिस से सम्पर्क कर उनके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई.
उन्होंने बताया कि 200 से अधिक पुलिसकर्मी और गोताखोर 25 नौकाओं के जरिए उनकी तलाश कर रहे हैं. उपायुक्त ने बताया कि खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है. मंगलुरु के पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने एक संदेश में कहा, ‘तलाश में स्थानीय मछुआरों की मदद ली जा रही है. हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने किस-किससे फोन पर बात की थी.'
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बता दें, सितंबर 2017 में सिद्धार्थ के दफ्तर पर आयकर विभाग के अधिकारियों ने छापा मारा था. सिद्धार्थ की गिनती देश के सबसे ज्यादा कॉपी बीन की सप्लाई करने वाले लोगों में की जाती है. माइंडट्री की वेबसाइट पर उनकी प्रोफाइल के मुताबिक उनका परिवार करीब 130 सालों से ज्यादा समय से कॉफी के बिजनेस में हैं. माइंड ट्री में वह नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं.
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