स्वर्ण भंडार यानी गोल्ड रिजर्व (Gold Reserves) किसी देश की आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह विशेष रूप से वित्तीय अनिश्चितताओं के समय में मूल्य के भरोसेमंद भंडार के रूप में काम करता है. सोने का भंडार किसी देश की आर्थिक स्थिति को दर्शाता है. फोर्ब्स ने गोल्ड रिजर्व के आधार पर दुनिया के देशों की लिस्ट जारी की है. यहां हम आपको सबसे बड़े सोने के भंडार वाले टॉप 10 देशों के बारे में बताने जा रहे हैं. आप इस लिस्ट में देख सकते हैं कि भारत की रैंकिंग क्या है और भारत के पास गोल्ड रिजर्व कितना है. तो चलिए जानते हैं...
फोर्ब्स के अनुसार, अमेरिका के पास फिलहाल सबसे अधिक गोल्ड रिजर्व है. वहीं, इस लिस्ट में जर्मनी दूसरे नंबर पर है, जबकि गोल्ड रिजर्व के मामले में भारत नौवें नंबर पर है.
List of the top 10 countries with the largest Gold Reserves:
- अमेरिका (USA) के पास दुनिया का सबसे अधिक 8,1336.46 टन गोल्ड रिजर्व है
- जर्मनी के पास 3,352.65 टन का दूसरा सबसे बड़ा सोने का भंडार है
- इटली के पास तीसरा सबसे बड़ा गोल्ड रिजर्व 2,451.84 टन का है
- फ्रांस के पास 2,436.88 टन सोने का भंडार है
- रूस 2,332.74 टन गोल्ड रिजर्व के साथ पांचवें स्थान पर है
- चीन के पास 2,191.53 टन सोने का भंडार है
- स्विट्जरलैंड के पास 1,040.00 टन सोने का भंडार है
- जापान के पास 845.97 टन सोने का भंडार है
- भारत 800.78 टन गोल्ड रिजर्व के साथ 9वें स्थान पर है
- नीदरलैंड के पास 612.45 टन सोने का भंडार है
बता दें कि सऊदी अरब 323.07 टन गोल्ड रिजर्व के साथ इस लिस्ट में 16वें नंबर पर है. जबकि यूके 310.29 टन सोने के भंडार के साथ रैंकिंग में 17वें वंबर पर है.
Gold Reserves क्यों है जरूरी?
देशों द्वारा स्वर्ण भंडार (gold reserve) बनाए रखने के एक नहीं, बल्कि कई कारण हैं. सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, सोने को मूल्य के एक स्थिर और भरोसेमंद भंडार के रूप में पहचाना जाता है. कोई देश सोना जमा करके वित्तीय अनिश्चितता के समय में अपनी आर्थिक स्थिरता दिखा सकता हैं. इसके अलावा, सोने ने ऐतिहासिक रूप से किसी देश की मुद्रा के मूल्य का समर्थन करने में योगदान दिया है.
सोने का भंडार इंटरनेशनल ट्रेड एंड फाइनेंस लिए भी अहम
जब डॉलर का मूल्य घटता है, तो सोने की कीमत बढ़ती है, जिससे केंद्रीय बैंकों को बाजार की अस्थिरता के दौरान अपने स्वर्ण भंडार की रक्षा करने की अनुमति मिलती है. सोने का भंडार इंटरनेशनल ट्रेड एंड फाइनेंस में भी अहम भूमिका निभाता है. कुछ देश व्यापार असंतुलन को निपटाने या ऋण के लिए में सोने का उपयोग करते हैं. सोने का भंडार ग्लोबल इकोनॉमिक सिस्टम में किसी देश की स्थिति को प्रभावित कर सकता है. इसके अलावा, सोना संकट के दौरान बचाव का काम करता है. इसका मूल्य अक्सर आर्थिक मंदी या भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच बढ़ता है.
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