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संदेशखाली के लोग भारत के अन्य लोगों की तरह ‘‘भयमुक्त जीवन’’ कब जी सकेंगे? राज्यपाल ने ममता बनर्जी से पूछा

संदेशखाली का मुद्दा फिर गरम है. इस बार विवाद का कारण महिलाओं से पुलिस की झड़प है. अब इसमें राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कार्रवाई की अपील की है. जानिए, क्या है मामला...

संदेशखाली के लोग भारत के अन्य लोगों की तरह ‘‘भयमुक्त जीवन’’ कब जी सकेंगे? राज्यपाल ने ममता बनर्जी से पूछा
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ममता बनर्जी को संदेशखाली के मुद्दे पर पत्र लिखा है.
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने रविवार को कहा कि संदेशखाली में चुनाव बाद हुई हिंसा की खबरों से वह चिंतित हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से तत्काल हस्तक्षेप करने और वहां शांति बहाल करने की अपील की. बोस ने ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा कि उन्होंने बनर्जी को पत्र लिखकर उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में हुई हिंसा की घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं संदेशखाली में हालात को लेकर चिंतित हूं. मुझे जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार कल मतदान समाप्त होने के कुछ ही घंटों बाद संदेशखाली में महिलाओं पर हमले की घटनाएं हुई हैं. मैंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।''

राज्यपाल ने कहा कि वह यह जानना चाहते हैं कि ये सब कब रुकेगा और संदेशखाली के लोग भारत के अन्य लोगों की तरह ‘‘भयमुक्त जीवन'' कब जी सकेंगे. बोस ने कहा, ‘‘यह (संदेशखाली के लोगों पर कथित अत्याचार) जारी नहीं रह सकता. इसे रोकना ही होगा. मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है कि वे हस्तक्षेप करें और तत्काल कदम उठाएं. आखिर पुलिस बल भी उनके ही पास है.''

राज्यपाल ने 12 फरवरी को क्षेत्र के अपने दौरे के वक्त संदेशखाली की महिलाओं को सुरक्षा का आश्वासन दिया था और कहा था कि वह राजभवन में ‘प्रताड़ित' लोगों को आश्रय प्रदान करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘यदि इस तरह के हमले जारी रहे और निवासियों पर अत्याचार किया गया तो मैं उनके लिए राजभवन के दरवाजे खोल दूंगा ताकि वे यहां आकर रहें. उन्हें यहां सुरक्षित आश्रय प्रदान किया जाएगा.''

चुनाव समाप्त होने के बाद रविवार को संदेशखाली में महिलाओं और पुलिस के बीच झड़प हुई. दरअसल पुलिस वहां एक रात पहले पुलिसकर्मियों पर हुए हमले के सिलसिले में एक व्यक्ति को हिरासत में लेने गई थी और उसने व्यक्ति को हिरासत में ले लिया था, तभी झड़प हुई. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि संदेशखाली के अगरहाटी गांव में जब पुलिस उन पर कथित रूप से हमला करने वाले कुछ लोगों की तलाश में वहां गई थी, तब वहां की महिलाओं ने रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवानों के साथ हाथापाई की, पेड़ गिरा दिए और सड़कें जाम कर दीं.

संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगा था. इस मुद्दे पर फरवरी में इस इलाके में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. भाजपा ने अपने चुनाव अभियान में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था.

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