
कांग्रेस नेता शशि थरूर पिछले कुछ दिनों से आतंकवाद पर भारत का रुख रखने के लिए दूसरे देशों का दौरा कर रहे हैं. उनके पार्टी के सहयोगी ही अब विदेश में दिए गए बयानों को लेकर उन्हें निशाना बना रहे हैं. थरूर से अब इस मामले पर सवाल किया गया है और उन्होंने अपने ही तरीके से ही इसका जवाब दिया है. थरूर से पार्टी के सहयोगियों की तरफ से उन पर किए गए प्रहारों के बारे में सवाल पूछा गया था और उन्होंने कहा है कि फिलहाल उनका ध्यान आतंकवाद पर भारत का संदेश दुनिया तक पहुंचाने पर है. जब वह वापस लौटेंगे तो उन्हें अपने सहयोगियों से बात करने का मौका मिलेगा.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व
चार बार सांसद रहे थरूर इस समय उन सात भारतीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व कर रहे हैं, जो भारत की सरजमीं पर आतंकी हमलों में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने के लिए विदेश यात्रा पर गया हुआ है. केंद्र ने पहलगाम आतंकी हमले और भारत के जवाबी हमले, ऑपरेशन सिंदूर के बाद वैश्विक पहुंच की शुरुआत की. थरूर के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल इस समय ब्राजील पहुंच चुका है. अपने पार्टी सहयोगियों के कटाक्षों और उसके बारे में पूछे जाने पर थरूर ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह हमारे लिए अपने मिशन पर ध्यान केंद्रित करने का समय है. निश्चित तौर पर एक स्वस्थ लोकतंत्र में टिप्पणियां और आलोचनाएं होना लाजिमी हैं लेकिन इस समय अभी उस पर ध्यान नहीं दिया जा सकता है.'
थरूर से अलग कांग्रेस का रुख
'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान थरूर ने भारत की स्थिति को साफतौर पर दुनिया के सामने रखा था. उनके बयानों और टिप्पणियों ने आलोचकों को भी आकर्षित किया था. लेकिन कांग्रेस में उनके सहयोगियों इन टिप्पणियों की वजह से उनसे नाराज हो गए हैं. हालांकि कांग्रेस की तरफ से पहलगाम आतंकी हमले के पीछे शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई में केंद्र को पूरा समर्थन देने का भरोसा भी दिया था. लेकिन अब उसने अपना रुख बदल लिया है. उसने अब सरकार से सवाल किया है कि आखिरकार 10 मई को हुए सीजफायर के पीछे क्या वजहें जिम्मेदार थीं? कांग्रेस ने इसके साथ ही केंद्र सरकार से अमेरिका की भूमिका पर भी सवाल पूछा है.
पनामा में कमेंट, टकराव की नई वजह
थरूर की सरकार का समर्थन करने वाली टिप्पणी और बाद में उन्हें भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए चुनना कांग्रेस के एक वर्ग को पसंद नहीं आया. इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा था कि थरूर की टिप्पणियां पार्टी के रुख का समर्थन नहीं करती हैं. कांग्रेस जब प्रतिनिधिमंडल के लिए पार्टी के नेताओं का नाम सुझा रही थी तो उस समय भी थरूर को नजरअंदाज कर दिया गया था. मगर सरकार की तरफ से थरूर को चुन लिया गया.
पनामा में थरूर का एक कमेंट नए टकराव की वजह बन गया. थरूर ने कहा था, 'हाल के कुछ वर्षों में जो बदलाव हुआ है वह यही है कि आतंकियों को अब मालूम चल गया है कि अगर उन्होंने कोई भी हिमाकत की तो उन्हें इसकी कीमत अदा करनी पड़ेगी. इस बात पर अब कोई भी संदेह किसी को नहीं होना चाहिए कि जब पहली बार भारत ने साल 2016 में उरी सर्जिकल स्ट्राइक के समय लाइन ऑफ कंट्रोल को पार किया था और आतंकियों के लॉन्च पैड को निशाना बनाया था, तो यह कुछ ऐसा था जो हमने पहले कभी नहीं किया था.'
मोदी सरकार की खुलकर तारीफ
थरूर ने कहा, 'कारगिल युद्ध के दौरान भी हमने एलओसी पार नहीं की थी. उरी में हमने ऐसा किया और फिर जनवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद ऐसा हुआ. इस बार हमने न सिर्फ एलओसी को पार किया बल्कि इंटरनेशनल बॉर्डर (आईबी) को भी पार किया और बालाकोट में आतंकी अड्डे को निशाना बनाया.' थरूर ने आगे कहा, ' इस बार हम इन दोनों से आगे निकल गए हैं. हम न सिर्फ एलओसी और आईबी से आगे गए हैं बल्कि हमनें नौ ठिकानों पर आतंकी अड्डों, ट्रेनिंग सेंटर्स, टेररिस्ट हेडक्वार्टर पर हमला किया.' उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान के पंजाबी गढ़ पर हमला किया था.
नरेंद्र मोदी सरकार के लिए थरूर ने जो तारीफ की वह उनके पार्टी सहयोगियों को जरा भी पसंद नहीं आई. वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने थरूर पर कटाक्ष किया और उन्हें सोशल मीडिया पोस्ट पर टैग किया. अपनी एक पोस्ट में खेड़ा ने थरूर की किताब 'द पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर: नरेंद्र मोदी एंड हिज इंडिया' से एक हिस्से का जिक्र करते हुए उन पर तंज कसा. तिरुवंतपुरम से सांसद थरूर ने एक लंबी पोस्ट लिखकर इसका जवाब दिया. उन्होंने लिखा, 'पनामा में एक सफल और लंबे दिन के बाद मुझे आधी रात में बगोटा, कोलंबिया के लिए निकलना है. ऐसे में मेरे पास इन सबके लिए समय नहीं है. लेकिन फिर भी, उन लोगों के लिए जो एलओसी के पार भारतीय शौर्य के बारे में मेरी अज्ञानता के बारे में भड़के हुए हैं.'
सफाई के बाद शांत होगी कांग्रेस!
थरूर ने आगे लिखा, 'मैं साफ तौर पर सिर्फ आतंकी हमलों के बदले के बारे में बात कर रहा था न कि पुराने युद्धों के बारे में, और मेरी टिप्पणियों से पहले हाल के वर्षों में हुए कई हमलों का संदर्भ दिया गया था जिसके दौरान पिछले भारतीय जवाब नियंत्रण रेखा और आईबी के लिए हमारे जिम्मेदार सम्मान से संयमित और मजबूर थे. लेकिन हमेशा की तरह, आलोचकों और ट्रोल्स को मेरे विचारों और शब्दों को गलत बताने का स्वागत है जैसा कि वो सही समझते हैं. मेरे पास वाकई बेहतर काम हैं. गुड नाइट' कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो अब वो थरूर की क्लैरिफिकेशन पोस्ट' के बाद मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं.
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