अफ़ग़ानिस्तान संकट पर राष्ट्रीय सहमति बनाने की कवायद के तहत विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को 31 राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ साढ़े तीन घंटे बैठक की. बैठक में इस चुनौती से निपटने के विकल्पों पर राजनीतिक आम राय दिखी. भारत सरकार ने संकेत दिया है की वो अफ़ग़ानिस्तान के हालात को देखते हुए "वेट एंड वाच" की रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है. फिलहाल प्राथमिकता अफ़ग़ानिस्तान में फंसे नागरिकों को वहां से जल्दी से जल्दी सुरक्षित निकलने की है.
अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद सामरिक मोर्चे पर भारत की चुनौतियाँ बढ़ती जा रही हैं. गुरुवार को इस मसले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 31 राजनीतिक दलों के 37 नेताओं के साथ करीब साढ़े तीन घंटे बैठक की. बैठक में विदेश सचिव हर्ष वर्धन सिंगला ने अफ़ग़ानिस्तान के ताज़ा हालात और वहां फंसे भारतीय नागरिकों को निकलने में आ रही कठिनायों और कोशिशों की विस्तृत जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक सरकार ने विपक्षी दलों को बताया कि तालिबान ने दोहा समझौते का उल्लंघन किया है जिस ये संकट खड़ा हुआ है. अब तक करीब 15000 लोग विदेश मंत्रालय के हेल्प डेस्क पर मदद को गुहार लगा चुके हैं.
बैठक के बाद विदेश मंत्री ने कहा, "अफ़ग़ान संकट से निपटने के मसले पर सभी राजनीतिक दल सरकार के साथ हैं, प्राथमिकता भारतीय नागरिकों को जल्दी सुरक्षित निकालने की है."
बैठक के बाद तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगात राय ने NDTV से कहा, "भारत सरकार ने हमें बताया है अफगानिस्तान संकट पर वह वेट एंड वॉच पॉलिसी की रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है". विदेश मंत्री ने बैठक में विपक्षी दलों को आगाह किया कि अफ़ग़ानिस्तान के मुश्किल हालात को देखते हुए संयम बनाये रखना जरूरी है. बैठक में विपक्षी दलों की तरफ से सत्ता परिवर्तन के बाद सरकार तालिबान को कैसे इंगेज करे, ये सवाल भी उठा.
क्या भारत सरकार तालिबान को इंगेज करेगी, इसकी कोई जानकारी बैठक में दी गयी?
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मंत्री जी के बात से लगा कि हर संभव कोशिश हो रही है, हर स्टेकहोल्डर से चर्चा शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि हम सारे स्टेकहोल्डर्स को इंगेज करेंगे लेकिन डायरेक्टली नहीं कहा कि सरकार तालिबान को इंगेज करेगी. वहीं, बैठक के बाद BJD नेता प्रसन्न आचार्य ने NDTV से कहा, "अफगानिस्तान पर बैठक में भारत सरकार ने इन खबरों को गलत बताया है की कि वह अफगानिस्तान में Isolate हो गई है."
विदेशमंत्री ने कहा, भारतीयों को निकालने के प्रयास जारी, हम अफगानियों के साथ खड़े हैं : सूत्र
अफगानिस्तान संकट के मसले पर सर्वदलीय बैठक में आम सहमति बनती दिखी. अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद तालिबान को कैसे इंगेज किया जाए, वहां बनने वाली नई सरकार के साथ इंगेजमेंट की modalities क्या हों और वहां फंसे सैकड़ों नागरिकों को कैसे बाहर निकाला जाए. इन मोर्चों पर चुनौती बड़ी हो रही है. सरकार को इन चुनौतियों से निपटने के लिए राष्ट्रीय सहमति बनाकर आगे बढ़ने की रणनीति बनानी होगी.
5 की बात: अफगानिस्तान संकट पर मंथन, विदेश मंत्री ने दी हालात की जानकारी
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