Weather Latest Update : पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक बारिश हो रही है. असम तो बाढ़ में डूबा हुआ ही है, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश भी जोरदार बारिश से परेशान हैं. उत्तराखंड में शुक्रवार को भी बारिश हुई, जिससे कई जगह पहाड़ों से भूस्खलन हो गया तथा तीन लोगों की अलग-अलग घटनाओं में डूबने से मौत हो गई. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, पहाड़ों से हुए भूस्खलन के मलबे से राज्य में 88 ग्रामीण सड़कें, दो सीमांत सड़कें, एक राज्य राजमार्ग और एक राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हो गए हैं. अमित शाह ने राज्य के गवर्नर और मुख्यमंत्री के साथ हवाई सर्वेक्षण भी किया.
रेड अलर्ट जारी किया गया
रूद्रप्रयाग की पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि जिले में स्थित एक पुरानी सुरंग के मुंह पर पहाड़ी का मलबा गिर गया. ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग चमोली जिले में लामबगड़ में भूस्खलन से बाधित है, जिसे खोलने का प्रयास किया जा रहा है. मौसम विभाग ने 5 और 6 जुलाई के लिए प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. कुमाऊं के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, गढ़वाल के अधिकांश हिस्सों में भी भारी बारिश को लेकर 24 से 48 घंटे तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
दिल्ली में बिन बारिश भी आ सकती है बाढ़
दिल्ली-नोएडा में आज भारी बारिश तो नहीं हुई लेकिन बारिश हुई. मौसम विभाग ने तेज बारिश का अनुमान जताया है. हो सकता है देर रात बारिश हो. उधर, दिल्ली में आज बारिश को लेकर बैठक हुई. आतिशी ने बताया कि मीटिंग में सभी तैयारियों का जायजा लिया गया. हम उम्मीद करते हैं कि दिल्ली में इस बार बाढ़ की स्थिति ना आए, लेकिन अगर ऐसा होता भी है तो दिल्ली सरकार पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में पिछले 2 दिन में अच्छी बारिश हुई है, जिससे हथिनी कुंड बैराज से ज़्यादा पानी डिस्चार्ज हो रहा है. हालांकि, अभी वहां से 352 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है. जब इस बैराज से 1 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी डिस्चार्ज होता है, तभी बाढ़ की आशंका होती है. पिछली बार हथिनीकुंड से ज़्यादा पानी छोड़ा गया और आईटीओ बैराज के गेट नहीं खुलने की वजह से स्थिति बिगड़ गई थी. इस बार आईटीओ बैराज के सभी गेट खुलवा दिए गए हैं और जो गेट नहीं खुले, उन्हें कटवा दिया गया है.
पश्चिम बंगाल के इन हिस्सों में बारिश
पश्चिम बंगाल के उप-हिमालयी जिलों में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है. मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, असम की सीमा से लगे अलीपुरद्वार में सुबह 8:30 बजे तक 24 घंटों में सबसे अधिक 280 मिमी बारिश हुई, जो कि राज्य में सबसे अधिक है. इस अवधि के दौरान उत्तरी पश्चिम बंगाल में भारी वर्षा वाले अन्य स्थानों में पुंडीबारी (240 मिलीमीटर), माथाभांगा (210 मिमी), चेपन (200 मिमी), बारोबिशगा (190 मिमी) और भूटानघाट (150 मिमी) हैं.
इन हिस्सों में मच सकती है तबाही
उत्तरी पश्चिम बंगाल में अभी नौ जुलाई तक और बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग ने कहा कि राजस्थान से उत्तर-पूर्व की ओर एक ‘ट्रफ' (कम दबाव का क्षेत्र) और उत्तरी पश्चिम बंगाल में मानसून के सक्रिय होने के कारण इस क्षेत्र में भारी बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग ने एक विशेष बुलेटिन में कहा कि नौ जुलाई तक उप-हिमालयी जिलों दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार और कूचबिहार में भारी से बहुत भारी बारिश और एक या दो स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है. मौसम विभाग ने कहा कि भारी बारिश के कारण दार्जिलिंग और कलिम्पोंग के पहाड़ी जिलों में भूस्खलन और मैदानी इलाकों में निचले इलाकों में जलभराव हो सकता है. भारी बारिश के कारण तीस्ता, जलढाका, संकोश और तोरसा जैसी नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है.
हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश
हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में शुक्रवार को मूसलाधार वर्षा हुई, जिसके कारण 77 मार्गों को यातायात के लिए बंद कर दिया गया. शिमला मौसम कार्यालय ने शनिवार को छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा होने, गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की चेतावनी के साथ ‘येलो' अलर्ट जारी किया. राज्य में पिछले 24 घंटे में काफी वर्षा हुई है. मौसम कार्यालय के मुताबिक पालमपुर में सबसे अधिक 128 मिलीमीटर (मिमी)वर्षा हुई, जबकि कतौला में 110 मिमी, बैजनाथ में 95 मिमी, जोगिंदरनगर में 64 मिमी, मंडी में 40 मिमी, कोठी में 36 मिमी, कुफरी में 33.2 मिमी, शिलारू में 32.5 मिमी, धर्मशाला में 26 मिमी, मनाली में 22 मिमी और खदराला में 21.6 मिमी बारिश दर्ज की गई.
ये सड़कें बंद
आपात अभियान केंद्र के अनुसार, भारी बारिश के कारण मंडी में 67, चंबा में सात तथा कांगड़ा, लाहौल-स्पीति और शिमला जिलों में एक-एक सड़क सहित 77 सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गईं तथा 236 ट्रांसफार्मर बाधित हो गए. बृहस्पतिवार को आदिवासी क्षेत्र लाहौल एवं स्पीति के कुकुमसेरी में 11.6 डिग्री न्यूनतम तापमान के साथ सबसे सर्द रात रही. ऊना 33.6 डिग्री न्यूनतम तामपान के साथ सबसे गर्म स्थान रहा.
राजस्थान की इन जगहों पर हुई बारिश
राजस्थान में मानसून की सक्रियता के चलते बारिश का दौर जारी है. पिछले 24 घंटे की अवधि के दौरान मालपुरा में सबसे अधिक 176 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई और मौसम विभाग ने राज्य में कहीं-कहीं अति भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के जयपुर केंद्र के अनुसार शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे की अवधि के दौरान टोंक के मालपुरा में 176 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. इसके अलावा बांसवाड़ा के साजनगढ़ में 116 मिलीमीटर, तिजारा में 107 मिलीमीटर, दानपुर में 101 मिलीमीटर बारिश हुई. इसने बताया कि बूंदी के नैनवां में 102 मिलीमीटर, थानागाजी में 97 मिलीमीटर, कोटा के पीपल्दा में 90 मिलीमीटर, टपूकड़ा में 88 मिलीमीटर, जयपुर के फागी में 82 मिलीमीटर, करौली में 75 मिलीमीटर, रामगढ़ में 75 मिलीमीटर, झुंझुनूं के नवलगढ़ में 68 मिलीमीटर और दौसा के बसवा में 65 मिमी बारिश हुई.
असम का हाल बेहाल
असम में लगातार बारिश और ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण सबसे बड़े शहर गुवाहाटी के कई हिस्सों में शुक्रवार को भारी जलजमाव की स्थिति देखी गई. शहर के ज्योति नगर इलाके में बृहस्पतिवार शाम को एक बच्चा कथित तौर पर नाले में गिरने के बाद से लापता है. शहर से पानी निकालने के लिए पंप लगा दिये गये हैं जबकि जिला प्रशासन ने आपात स्थिति में नागरिकों के लिए एक टोलफ्री नबंर भी जारी किया है. शहरी मामलों के मंत्री अशोक सिंघल ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “लगातार बारिश की वजह से ब्रह्मपुत्र का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. इस कारण भरलू स्लुइस गेट को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसके प्रतिकूल प्रभाव गुवाहाटी शहर में कई नालों के पानी के बहाव पर पड़ा.”
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