प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
इस साल दक्षिण पश्चिम मॉनसून के बीते तीन महीनों के दौरान देश के आठ राज्यों को छोड़ कर अन्य राज्यों में बारिश का स्तर सामान्य रहा है. बारिश की कमी वाले राज्यों में हरियाणा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के अलावा पूर्वोत्तर के चार राज्य शामिल हैं, जबकि सिर्फ एक राज्य केरल में सामान्य से अधिक बारिश हुई. मौसम विभाग के अनुसार, एक जून से एक सितबंर तक पूरे देश में सामान्य से महज छह प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गयी है. विभाग ने इस अवधि के दौरान देश में बारिश का सामान्य स्तर 721.1 मिमी रहने का अनुमान व्यक्त किया था जबकि वास्तव में अभी तक 676.6 मिमी बारिश हुयी है. विभाग के आंकड़ों के अनुसार हरियाणा, झारखंड, लक्षदीप और पश्चिम बंगाल के अलावा पूर्वोत्तर राज्य मेघालय, असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में सामान्य से काफी कम बारिश हुयी। मौसम विज्ञान के तहत बारिश के स्तर की छह विभिन्न श्रेणियां निर्धारित हैं.
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इनमें सामान्य से 60 प्रतिशत या इससे अधिक बारिश को अत्यधिक बारिश की श्रेणी में और 20 से 59 प्रतिशत अधिकता को अधिक बारिश की श्रेणी में रखा जाता है. वहीं, सामान्य से 19 प्रतिशत कम और 19 प्रतिशत अधिक बारिश को सामान्य श्रेणी में तथा 20 से 59 प्रतिशत कमी को कम बारिश वाली श्रेणी में रखा जाता है. जबकि सामान्य से 60 से 99 प्रतिशत कमी को अत्यधिक कमी की श्रेणी में माना जाता है और अंतिम श्रेणी बारिश की शून्य प्रतिशत मात्रा की है. दक्षिण पश्चिम मॉनसून की मासिक रिपोर्ट के अनुसार, एक जून से एक सितंबर तक, तीन महीने की अवधि में केरल में सर्वाधिक 2431 मिमी बारिश हुई. यह सामान्य स्तर 1804.6 मिमी से 35 प्रतिशत अधिक रही. वहीं 27 राज्यों में इस अवधि में सामान्य बारिश दर्ज की गयी.
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इनमें उड़ीसा में सामान्य से 12 प्रतिशत, सिक्किम में 11, तेलंगाना में दस, जम्मू कश्मीर में आठ, मिजोरम में सात, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ में तीन और कर्नाटक में दो प्रतिशत अधिक बारिश हुयी. उत्तरी एवं मैदानी राज्यों में हरियाणा को छोड़कर उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब सहित अन्य सभी राज्यों में बारिश का स्तर सामान्य श्रेणी में दर्ज किया गया. अधिक बारिश के लिये विख्यात मेघालय और मणिपुर में इस साल आश्चर्यजनक रूप से अब तक सबसे कम बारिश दर्ज हुयी है. मणिपुर में सामान्य से 53 प्रतिशत और मेघालय में 42 प्रतिशत कम बारिश हुई. जबकि लक्षदीप में सामान्य से 43 प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश में 35 प्रतिशत, हरियाणा में 25 प्रतिशत, झारखंड और असम में 23 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में 20 प्रतिशत कम बारिश हुई.
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मौसम विभाग ने दक्षिण पश्चिम मानसून की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर सितंबर में अभी लगभग 15 दिन तक इस मानसून के देश में सक्रिय रहने का अनुमान व्यक्त किया है. इस अवधि में विभिन्न राज्यों में सामान्य से तेज बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान है.
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इनमें सामान्य से 60 प्रतिशत या इससे अधिक बारिश को अत्यधिक बारिश की श्रेणी में और 20 से 59 प्रतिशत अधिकता को अधिक बारिश की श्रेणी में रखा जाता है. वहीं, सामान्य से 19 प्रतिशत कम और 19 प्रतिशत अधिक बारिश को सामान्य श्रेणी में तथा 20 से 59 प्रतिशत कमी को कम बारिश वाली श्रेणी में रखा जाता है. जबकि सामान्य से 60 से 99 प्रतिशत कमी को अत्यधिक कमी की श्रेणी में माना जाता है और अंतिम श्रेणी बारिश की शून्य प्रतिशत मात्रा की है. दक्षिण पश्चिम मॉनसून की मासिक रिपोर्ट के अनुसार, एक जून से एक सितंबर तक, तीन महीने की अवधि में केरल में सर्वाधिक 2431 मिमी बारिश हुई. यह सामान्य स्तर 1804.6 मिमी से 35 प्रतिशत अधिक रही. वहीं 27 राज्यों में इस अवधि में सामान्य बारिश दर्ज की गयी.
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